जानें 3 कारण! आखिर क्यों लगातार राकेट की तेज़ी से भाग रहा Suzlon शेयर
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों ने एक दशक बाद 4.94% की उछाल के साथ 42 रुपये पर बंद होकर नया रिकॉर्ड बनाया है। यह पिछले 12 वर्षों में उच्चतम स्तर है, जो आखिरी बार 8 सितंबर, 2011 को दर्ज किया गया था। इस स्टॉक के इतिहास में कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जो इसे आंध्र प्रदेश में बढ़ने में सफल बनाते हैं। पिछले एक साल में निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न प्रदान करने के लिए इसकी वृद्धि तेज हो रही है।
इस उछाल के पीछे 3 मुख्य कारण हैं जो सुजलॉन एनर्जी को टिके रहने में मदद कर रहे हैं। निवेशक और बाजार के रुझान में बदलाव को समझने के लिए इन कारणों को समझना महत्वपूर्ण है।
तेजी से कर्ज घटाने में सुजलॉन एनर्जी की बड़ी उपलब्धि
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में तेजी का पहला कारण यह है कि कंपनी ने पिछले एक साल में अपना कर्ज तेजी से कम किया है। पिछले साल जून तिमाही तक कंपनी पर 3,300 करोड़ रुपये का भारी कर्ज था.
अक्टूबर 2022 में इसने राइट्स इश्यू के जरिए 1,200 करोड़ रुपये जुटाए और नवंबर में जब इसने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए तो कहा कि इसका कर्ज अब करीब 583 करोड़ रुपये कम होकर 2,722 करोड़ रुपये हो गया है. इस ऋण कटौती का निवेशकों और बाजार का विश्वास बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रासंगिकता है और यह कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत है।
कर्ज मुक्ति की दिशा में सुजलॉन एनर्जी की कड़ी मेहनत
सुजलॉन एनर्जी ने दिसंबर तिमाही में अपना कर्ज करीब 700 करोड़ रुपये घटाकर 2,035 करोड़ रुपये कर दिया. मार्च तिमाही में इसने अपना कर्ज घटाकर लगभग 1,180 करोड़ रुपये कर दिया, जिससे एक साल में इसका कर्ज लगभग 80% कम हो गया।
इसके बाद, अगस्त में इसने क्यूआईपी के माध्यम से 2,000 करोड़ रुपये जुटाए और नवंबर में घोषणा की कि लगभग 15 वर्षों के बाद कंपनी अब पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो गई है और अब उसके पास 600 करोड़ रुपये का नकद शेष है। वित्तीय प्रबंधन के इस उच्च स्तर ने निवेशकों को विश्वास दिलाया है और कंपनी को आगे बढ़ने की ताकत दी है, जिससे शेयरों में तेजी आई है।
सुजलॉन एनर्जी: नए ऑर्डर के साथ राजस्व में बढ़ोतरी
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में तेजी की एक और बड़ी वजह इसका लगातार नई ऊंचाई छूना है। कंपनी ने नियमित रूप से बाज़ारों में नए ऑर्डरों की सूचना दी है, जिससे शेयरों को एक नया रुझान मिला है। पिछले अक्टूबर में, अहानी ग्रीन एनर्जी को 48.3 मेगावाट का ठेका दिया गया था। मई में टोरेंट पावर के साथ 300 मेगावाट के एक बड़े ऑर्डर ने कंपनी के लिए डील पक्की कर दी।
इसके अतिरिक्त, जून में कंपनी ने दुनिया भर में कुल 20 गीगावॉट सौर परियोजनाएं शुरू करने वाली पहली भारतीय सौर कंपनी बनने का गौरव हासिल किया। अगस्त में, उसे 02 पावर लिमिटेड से 201.6 मेगावाट का अतिरिक्त ऑर्डर मिला।
MSCI इंडेक्स में सुजलॉन एनर्जी: नई ऊंचाइयों की ओर कदम
हालिया शानदार प्रदर्शन को देखते हुए सुजलॉन एनर्जी के शेयरों को 15 नवंबर को MSCI इंडेक्स में शामिल होने का मौका मिला। ये खबर दरअसल शेयरों में तेजी की तीसरी बड़ी वजह बन गई है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, एमएससीआई इंडेक्स में शामिल होने से सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में करीब 1,600 से 2,400 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है। यह निवेश पैसिव फंडों के जरिए किया जाएगा, जो इसके MSCI इंडेक्स के आधार पर निवेश करते हैं।
सुजलॉन एनर्जी: आंतरिक बाजार में तेजी की कहानी
सुजलॉन एनर्जी के बढ़ते शेयर भाव में मामूली गिरावट के बावजूद पिछले एक महीने में स्टॉक में करीब 44% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे महज एक महीने में 391% का मल्टीबैगर रिटर्न मिल रहा है, जो निवेशकों के लिए बेहतरीन मौका साबित हो रहा है।
इसका अर्ध-वार्षिक और वार्षिक रिटर्न भी आश्चर्यजनक है, जिसमें एक वर्ष में 431% तक का लाभ होता है। इससे साफ है कि सुजलॉन एनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी की कहानी लिखी है, जिससे निवेशकों को भारी मुनाफा हुआ है।
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