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रॅपिडो,ओला और उबर पर दिल्ली में पाबंदी

भारत की राजधानी दिल्ली में परिवहन विभाग अधिकारियों ने रॅपिडो,ओला और उबर जैसी खासगी बाईक टॅक्सी सर्विस के खिलाफ को पूरी तरह से बंदी के जारी निर्देश दिए हैं।
रॅपिडो,ओला और उबर

रॅपिडो,ओला और उबर पर पाबंदी

दिल्ली में परिवहन विभाग अनुसार अब दिल्ली में जितने भी भाड़े से जो वाहन चलते हैं उनके ऊपर बंदी के जारी निर्देश दिये हैं तो अधिकतर दिल्ली में रॅपिडो ,ओला और उबर यही सर्विस अधिकतर यहां पर काम करती है लेकिन आगे से अगर वह वहां पर वाहन चलाते हैं तो उन्हें बहुत बड़ा जुर्माना भरना पड़ेगा, क्योंकि अगर पहली बार में अगर वह पकड़े जाते हैं तो उन्हें 5 हजार रुपये की फीस भरनी पड़ेगी अगर दूसरी बार वह हो वह मिलते हैं तो 10 हजार के करीब आपको फीस देनी होगी और  वाहन से अगर आप कुछ गलत काम करते हैं हो तो आपको एक लाख तक भी जुर्माना फीस भरनी पड़ेगी।
पूरे भारत में अगर दूसरे राज्यों की बात करें तो रॅपिडो,ओला और उबर की बिजनेस अच्छी खासी पकड़ है सबको मालूम है उनका अच्छा खासा रेवेन्यू भी पूरे भारत से आता है लेकिन दिल्ली सरकार ने यह फैसला किस कारण लिया है वह भी आज हम विस्तार से जाने वाले हैं।

रॅपिडो,ओला और उबर का बिजनेस मॉडेल

पहले तो हम जान लेते हैं  रॅपिडो,ओला और उबर जैसी कंपनी या अक्सर इन का बिजनेस कैसे चलता है आप एक आसान उदाहरण से समझे रमेश नाम का एक आदमी दिल्ली में रहता है और उस से 15 किलोमीटर दूर जाना है तो उसके पास कुछ भी वाहन नहीं है या उसके आसपास भी उसे जाने के लिए कुछ साधन नहीं है तो अपने फोन से रॅपिडो,ओला और उबर  जैसे कंपनियों को फोन करेगा और वह कंपनी थोड़ी देर बाद आने के बाद आपको जहा अपने कहा था वहा पर आपको छोड़ देगी,तो बहुत ही सैंपल तरह बिजनेस मॉडल है और उनकी सेवा को बेहतर करने के लिए अप्प का उपयोग अपने बिजनेस में सभी ने कर दिया है।

दिल्ली में परिवहन विभाग ने यह फैसला क्यों लिया है

आप देखते हैं कि दिल्ली में परिवहन विभाग ने यह फैसला क्यों लिया है क्योंकि दिल्ली वहां केंद्र के पास पुलिस स्टेशन से कुछ ऐसे शिकायते सामने आई हैं जिनके कारण गुनाह दिल्ली में कुछ सालों से अधिक हो रहे है और भविष्य में भी गुनाह होने के डर बन चुके थे जिस कारण ये अहम फैसला लेना पड़ा हैं।

सामाजिक गुनाह

मान लीजिए एक दिल्ली में नीमा नाम की एक लड़की है जिसको वह जॉब पर देरी से छूटने पर अब वो रॅपिडो,ओला और उबर जैसी कंपनी को फोन करके अपने घर जायेगी तो जभी नीमा अपने काम पर लेट हो जाती है तो अक्सर ऐसी ही करती है तो अगर जो इंसान गुनाह करने वाला है वो इस बात फायदा उठा सकता है, तो समझ लीजिये नीमा ने रॅपिडो,ओला और उबर जैसी कंपनी को फोन किया पर सेम लोकेशन पर सेम bike  गाड़ी लेकर  गुनाह करने वाला इंसान आ गया तो आगे क्या होगा इसके बारे में आपको अलग से बताने की जरूरत नहीं है, तो इस प्रकार से गुनाह दिल्ली में हो चुके हैं और आगे भी हो सकते है इसका डर पुलिस वालों का है।

अधिक प्रदूषण

दिल्ली में परिवहन विभाग का लेकिन दूसरा कारण यह भी है कि आपने कई बार सुना होगा कि दिल्ली में हवा का प्रदूषण कितना है जो ये गाड़ियों के कारण यहां पर सांस लेना भी मुश्किल हो चुका है कई बार आपने देखा होगा कि दिल्ली में प्रदूषण कितना अधिक बन चुका है इसलिए भी ये फैसला दिल्ली में परिवहन विभाग लिया होगा।

पाबंदी पर समाधान

 दिल्ली में परिवहन विभाग ने जो पाबंदी रॅपिडो,ओला और उबर जैसी कंपनी पर लगाई है वो केवल  सामाजिक गुनाह और प्रदूषण के कारण लिया है तो उसका समाधान भी रॅपिडो,ओला और उबर  जैसे कंपनी भविष्य में भी जरूर लेंगी  क्यू की ये मुश्किल काम नहीं है बस आपको उसके उपर अच्छे से काम करना पड़ेगा।
दिल्ली में जो गुनाह गाड़ियों के कारण हो रहे है उन्हे बिलकुल बंद करने के लिए रॅपिडो,ओला और उबर जैसी कंपनी अपनी बाईक टॅक्सी सर्विस में सुरक्षा तहित साधन का अधिक अच्छे तरह से उपयोग लाने होंगे और सरकार और ग्राहक को आपको भरोसा देना होगा की अपने सुरक्षा हेतु कितने बेहतर तरीके से अपने काम किया है।
अब बात करते ही की अगर दिल्ली में परिवहन ने ये फैसला हवा प्रदूषण का अधिक बढ़ना है तो इसके ऊपर काम करना बेहद आसान होगा क्यू की अपने पास के जो पेट्रोल की गाड़िया बदलकर ev की सभी गाड़िया रिप्लेस करके ये समस्या को भी हल किया जा सकता है।

FAQ

सवाल-उबर ड्राइवर सैलरी
जवाब- उबर ड्राइवर की वार्षिक वेतन की बात करे तो 1 लाख से 4 लाख तक हो जाता है
सवाल-ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर प्राइस
जवाब- ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर s1 की प्राइस शो रूम पर 99,999 रुपये है
सवाल-ओला ड्राइवर सैलरी
जवाब- ओला ड्राइवर की  सैलरी है वो फिक्स नहीं होती पर आप जितना अधिक ट्रिप को पूरा करंगे उतने पैसे आपको मिलते है पर आप पूरा दिन भर गाड़ी चलते है तो 30 हजार कमा सकते हो।
निष्कर्ष- लोगों के समस्या के अनुसार उन्हे समाधान के लिए कार्य करते हुवे बिजनेस में परिवर्तन लाना जरूरी है।
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A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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