अफगानिस्तान देश भारत से बड़े पैमाने पर ट्रैक्टर की मांग कर रहा है, कृषि के क्षेत्र को अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए उनके देश में ट्रैक्टर की बहुत कमी है जिससे कारण जल्दी कृषि क्षेत्र को ग्रोथ करने के लिए भारत से ट्रैक्टर की मांग की है आप सबको पता है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक ट्रैक्टर निर्माण करने वाला देश भी है।
भारत के साथ समझौता
अफगानिस्तान की विदेशी मुद्रा दर का बहुत ही नीचे जा चुकी है जिसके कारण वह डॉलर में कुछ चीजें दूसरे देश से खरीदारी नहीं कर सकते इसलिए अफगानिस्तान का यह कहना है कि उनके देश में कोयले की बड़ी-बड़ी माइनिंग है तो भारत उस माइनिंग को लेकर उनके बदले ट्रैक्टर और कृषि के क्षेत्र में लगने वाले अवजार भारत अफगानिस्तान को समझौता तहत देने के लिए तयार हो जाए।
भारत पर अधिक विश्वास
भारत ने इससे पहले भी अफगानिस्तान को कोरोना का काल में 2500 मीट्रिक टन गेहूं का बड़ा भंडार बहुत बड़े तौर पर भेजी गयी थी और पिछले साल 2022 में भी भारत ने कुल 200 करोड़ की मदत की थी,जिससे कारण भी अफगानिस्तान का जो भारत के ऊपर जो विश्वास है वह अधिक है,साथ में अफगानिस्तान में हिरे,ड्राइ-फुर्ट्स,सोने,चांदी के भंडार है जिसे कारण चीन देश भी अपना व्यापार यहा पर ल चुका है और साथ साथ में इस देश पर दुनाया के कही सारे देश की नजर है।
अफगानिस्तान में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा
आप सोच रहे होंगे कि अफगानिस्तान देश में सब महंगी महंगी चीज है वह लोग दूसरे देश में एक्सपोर्ट कर के ढेर सारा पैसा कमाते हैं लेकिन फिर अफगानिस्तान क्यों कृषि के क्षेत्र बढ़ावा देना चाहता है इसका जवाब सरल है आप देख रहे होंगे जो भी टॉप क्लास वर्ल्ड के देश है,आजकल मंदी के चपेट में आ चुके इसका कारण यही है कि उनके देश में कृषि के क्षेत्र के काम कम है, जिस देश में कृषि क्षेत्र के काम कम है वह मंदी के चपेट में जल्दी आ जाते हैं आप अपने भारत देश का उदाहरण ले सकते हैं भारत देश में 70% लोग कृषि के क्षेत्र पर निर्भर है अगर कोई मंदी भी आ जाती है तो कृषि के क्षेत्र पर अधिक निर्भर होने के कारण मंदी की मार इन देशों पर नहीं पड़ती पर अब पड़ोसी देश श्रीलंका,पाकिस्तान को देख सकते हैं हो मंदी के चपेट में जल्दी आ गए है।
महिंद्रा ट्रैक्टर की ऑर्डर
अफगानिस्तान में तेल और गॅस के भंडार है पर कृषि क्षेत्र की बात करें तो वह केवल 6% पर भूमि पर ही काम करते है जो बहुत ही कम है तो इसका बढ़ाने के लिए वह ट्रैक्टर की मांग भारत की तरफ से कर रहे हैं भारत में ट्रैक्टर का निर्माण करने वाली महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी को बड़े-बड़े आर्डर अफगानिस्तान से आने वाले दिनों में मिल सकते हैं,अगर ये समझौता सफल होता है तो भारत का दक्षिण एशिया के दूसरे देश ताजिकिस्तान,उज़्बेकिस्तान,तुर्कमेनिस्तान इन देशों में भी व्यापार करना भारत के लिए बेहद आसान हो जायेगा।
भारत की अर्थव्यवस्था
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था उभर कर आ रही है और अन्य देश में जो मंदी के चपेट में देश आए हैं उसके हिसाब से भारत में मंदी का जो चपेट है वह बहुत ही कम पाई गयी है और भारत का जो हर साल ग्रोथ है वह भी बढ़ता जा रहा है जिससे कारण दुनिया के अधिक से अधिक देश भारत के साथ समझौता कर बिजनेस करना चाहते हैं तो अफगानिस्तान और भारत के बीच में अगर यह समझौता होता है तो इसमें कोई नई बात नहीं होगी।
पाकिस्तान का रास्ता
भारत और अफगानिस्तान में समझौता भी हो जाएगा लेकिन अगर भारत की चीजें अफगानिस्तान भेजनी हो या वहां से कुछ चीजें यहां मंगवानी हो तो वो रास्ता पाकिस्तान से भारत आता है अगर अफगानिस्तान से बड़ी-बड़ी माइनिंग करके जो कोयले या अन्य वस्तु के लिए भारत को भारत से अफगानिस्तान तक रेल की पटरी का निर्माण करना होगा जिसे ये व्यापार आसान हो जायेगा पर ये रास्ता तो पाकिस्तान होकर जाता है तो यह समझौता हो सकता है लेकिन अगर पाकिस्तान रास्ता देने से मना करता है तो यह समझौता होना मुश्किल हो सकता है लेकिन यह समझौता होता है तो इससे पाकिस्तान को ये फायदा होगा की पाकिस्तान दोनों देशों से रास्ते का किराया वसूल करके अच्छे पैसे कमा सकता है।
FAQ
सवाल-सबसे कम डीजल खाने वाला ट्रैक्टर कौन सा है
जवाब-महिंद्रा 475 DI XP PLUS है जिसकी प्राइस 6 लाख 30 हजार से 6 लाख 60 हजार है
सवाल-ट्रैक्टर को हिंदी में क्या कहते हैं
जवाब-कृषि क्षेत्र में अधिक उपयोग के कारण कृषि की जान भी कह सकते हो जिसे कारण भारतीय बैल के उपर होने वाले उपयोग रुक गए।
सवाल-अफगानिस्तान भारत से कब अलग हुआ
जवाब- जिस तरह भारत से पाकिस्तान,बांग्लादेश को अलग करने का काम अंग्रेज़ लोगो ने किया है वैसे ही अफगानिस्तान को अलग करने का काम भी 18 अगस्त 1919 में अंग्रेज़ लोगो ने ये काम किया है।