बड़ी खबर मचा बवाल ! रवींद्रन फैमिली को बाहर करने की शुरू मुहिम, किया वोटिंग » A1 Factor
एडुटेक कंपनी बायजू को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है जब उसके 60 प्रतिशत से अधिक शेयरधारकों ने फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को हटाने के लिए मतदान किया है। शुक्रवार को आयोजित असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में, छह निवेशकों ने कंपनी के प्रमुख परिवार को विफलताओं और कुप्रबंधन के आरोपों के साथ जोड़ा और उन्हें हटाने का प्रस्ताव रखा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में यह प्रस्ताव वोटिंग के द्वारा पारित भी हुआ। यह नई घटना कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, जो इसके भविष्य को परिभ्रमित कर सकती है। इस संघर्ष का सामना करते हुए, बायजू कंपनी के नेतृत्व को नए संचालन में दक्षिण दिशा में देखने की आवश्यकता हो सकती है। समृद्धि और संवेदनशीलता के नए मापदंडों को स्थापित करने के लिए संगठन को अपने नेतृत्व के संरचन में परिवर्तन करने की जरूरत हो सकती है।
इस परिवर्तन के बावजूद, बायजू कंपनी का मिशन और उद्देश्य अटूट हैं – छात्रों के लिए उच्चतम शिक्षा के साथ-साथ नवाचारी तकनीकी समाधान प्रदान करना। यह संघर्ष उनके प्रत्याशित मार्ग को बदल सकता है, लेकिन उनके मिशन को पूरा करने की भावना और प्रतिबद्धता अटल रहेगी।
इस नई यात्रा में, बायजू कंपनी को नए नेतृत्व के तहत अग्रणी रोल निभाने की आवश्यकता है, जो इसे उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह संकट केवल एक नई आरंभ हो सकता है, जो कंपनी को मजबूती से निकट ले आ सकता है।
बायजू की घड़ी: निर्देशकों की अवहेलना में उलझते हुए कंपनी
बायजू कंपनी की घड़ी और अवहेलना का संकेत उस विशेष घटना में दिखा, जब निर्देशकों ने मतदान के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से मंजूर कर दिया, परंतु बायजू रवींद्रन और उनका परिवार इस असाधारण आम बैठक को अमान्य घोषित कर दिया। यह घटना दिखाती है कि कंपनी के नेतृत्व में गहरी विवादों की बात है।
एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, बैठक का समय सुबह साढ़े नौ बजे था, लेकिन इसमें करीब एक घंटे की देरी हो गई क्योंकि लगभग 200 लोग (जिनमें से कुछ बायजू के कर्मचारी भी थे) इसमें ऑनलाइन शामिल होना चाहते थे। यह दिखाता है कि कंपनी के निर्देशकों की अनदेखी और व्यवहार में असंजाम है।
इस घटना के बाद, कंपनी के सामने नए संघर्ष के संकेत हैं। यह समय है कि निर्देशकों को विचार करना चाहिए कि उन्हें कैसे कंपनी के हित में सही निर्णय लेने चाहिए ताकि कंपनी को आगे बढ़ाने में सहायता मिल सके। इस संकट के बावजूद, बायजू कंपनी के मिशन और उद्देश्य अटूट हैं, और उसकी प्रतिबद्धता छात्रों के लिए उच्चतम शिक्षा के क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित करने में नहीं हिचकिचेगी।
एनसीएलटी मामला: बायजू के खिलाफ गुरुवार को दायर मुकदमा
ईजीएम से पहले बायजू कंपनी के चार निवेशकों ने एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के सामने कंपनी के प्रबंधन में गड़बड़ी और कुप्रबंधन के मामले में गुरुवार को मुकदमा दायर किया। राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के सामने दायर मुकदमे में, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन सहित संस्थापकों को कंपनी के प्रबंधन में अयोग्य घोषित करने और नए निदेशक मंडल की नियुक्ति के लिए आग्रह किया गया है।
इसके अलावा, राइट इश्यू को अमान्य घोषित किया गया है, और अदालती दस्तावेजों के अनुसार, याचिका में फॉरेंसिक ऑडिट और प्रबंधन के निदेशकों के साथ जानकारी साझा करने का भी अनुरोध किया गया है। याचिका पर टाइगर और आउल वेंचर्स सहित अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ-साथ चार निवेशकों प्रोसस, जीए, सोफिना और पीक 15 द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह मामला कंपनी के लिए नए संघर्ष का संकेत है, और इसे गंभीरता से लेना चाहिए। निदेशकों की संवादेना और विचारशीलता से समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है ताकि कंपनी की स्थिरता बनी रहे और उसका विकास सुनिश्चित हो सके।
13 मार्च तक कोर्ट का फैसला: निवेशकों के लिए राहत की किरण
बायजू कंपनी के विवाद में एक बड़ी घटना के तहत, उच्च न्यायालय ने निवेशकों को राहत की किरण दिखाई है। ईजीएम के वोटिंग का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा, क्योंकि कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा रवींद्रन की याचिका को लेकर अगली सुनवाई 13 मार्च को की जाएगी।
यह फैसला उन निवेशकों के लिए एक संकेत है जिन्होंने बुलाई गई ईजीएम के खिलाफ कदम उठाया था। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को मान्यता दी है और इससे उन्हें एक आशा की किरण मिली है। रवींद्रन और उनके परिवार के विरुद्ध सामूहिक रूप से बुलाई गई ईजीएम को रोकने की याचिका पर उच्च न्यायालय ने पहले ही इनकार किया था।
इस स्थिति में निवेशकों को उम्मीद है कि अगली सुनवाई में उच्च न्यायालय एक निष्कर्ष लेकर आएगा जो उनके हित में होगा। बायजू कंपनी में निवेश करने वाले शेयरधारकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जब उन्हें स्थिरता और निष्ठा से काम करने की आवश्यकता है।
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