मोदी सरकार का तोहफा! हर शहर में खुलेगा एक सहकारी बैंक, जानें पूरी खबर

मोदी सरकार के उद्घाटन से पहले, भारतीय राजनीति में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है, जिसके अनुसार हर शहर में एक सहकारी बैंक का उद्घाटन होगा। यह घोषणा शनिवार को राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (NUCFDC) की स्थापना के साथ की गई।
अमित शाह ने इस महत्वपूर्ण कदम के लिए व्यापक योजना बताई है। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी बैंकों के खुलने से न केवल वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी बड़ी गति आएगी। यह कदम उन लाखों लोगों के लिए एक नई आशा का संकेत है, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं के पहुंच से वंचित थे।
इसके साथ ही, यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा में ले जाने की संकेत देता है। एक सहकारी बैंक का उद्घाटन उद्योग, व्यापार और निवेश के लिए एक सार्थक माध्यम प्रदान करेगा, जो नए उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
आरबीआई द्वारा एनयूसीएफडीसी को गैर बैंक संगठन के रूप में मंजूरी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में एनयूसीएफडीसी को एक स्व-नियामक संगठन के रूप में काम करने की मंजूरी दी है, जो गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी और शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक और प्रमुख पहल है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस मंजूरी का स्वागत किया और इसे “वक्त की मांग” बताया। उन्होंने इसे उस समय के साथ जुड़ा जवाब देते हुए बताया कि एनयूसीएफडीसी की स्थापना के बाद 20 साल बाद इसे स्व-नियामक संगठन के रूप में मंजूरी मिली है।
शाह ने शहरी सहकारी बैंकों की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि ये बैंक भारत में लंबे समय से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी वृद्धि में तेजी नहीं दिखाई। इसे सुधारने के लिए उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता की है।
एनयूसीएफडीसी: शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि शहरी सहकारी बैंकों का एक महत्वपूर्ण योगदान देश की आर्थिक वृद्धि में सक्षम हो सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने एनयूसीएफडीसी का मुख्य उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम का पालन करने और उन्हें पेशेवर बनाने में मदद करने की बात कही।
अमित शाह ने बताया कि देश में कुल 11,000 शाखाओं वाले 1,500 से अधिक शहरी सहकारी बैंक हैं और इनमें पांच लाख करोड़ रुपये जमा हैं। यह संख्या स्पष्ट रूप से देश की अर्थव्यवस्था में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।
इस कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा, वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड़, सहकारिता सचिव आशीष भूटानी और एनयूसीएफडीसी के चेयरमैन ज्योतिंद्र मेहता भी उपस्थित थे। इसका इस्तेमाल केवल शहरी सहकारी बैंकों के लिए ही नहीं होगा, बल्कि देश की आर्थिक संरचना में सुधार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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