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योगी सरकार की नई पहल! इस स्टार्टअप को करने के लिए उत्तर प्रदेश में मिलेंगे 25 लाख रुपए…

हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने एक नई पहल की घोषणा की है। इस पहल के तहत, हरित ऊर्जा सेक्टर में स्टार्टअप्स को आरंभ करने वालों को सरकारी सहायता प्राप्त होगी यह पहल उन युवा उद्यमियों के लिए एक अवसर हो सकता है जो हरित ऊर्जा सेक्टर में अपने करियर की शुरुआत करना चाहते हैं। सरकार इन स्टार्टअप्स को पांच साल तक प्रति वर्ष 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

इसका मकसद है कि युवा उद्यमियों को वित्तीय सहायता मिले ताकि वे नई और नवाचारी तकनीकों और उत्पादों के विकास में लगे और हरित ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर सकें। इस नई पहल के तहत, हरित ऊर्जा सेक्टर में स्टार्टअप्स को बड़ा मौका मिलेगा और इससे सेक्टर की विकास और उत्थान को गति मिलेगी। यह पहल सरकार के लंबे समय तक के उद्देश्यों में भी एक महत्वपूर्ण कदम है जो आगे बढ़ने में सहायक होगा। 

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उत्तर प्रदेश की पहल: ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 – नया कदम हरित ऊर्जा की दिशा में

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है, जिससे हरित ऊर्जा के क्षेत्र में और एक कदम आगे बढ़ाया जाएगा। लखनऊ के राज्य ब्यूरो ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति-वर्ष 2024 को मंजूरी दे दी है।

इस नीति के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2028 तक एक मिलियन टन प्रतिवर्ष ग्रीन हाइड्रोजन व ग्रीन अमोनिया के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। यह पहल ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण को भी स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा के उपयोग के प्रति अपनी संवेदनशीलता को प्रमोट करेगी। 

ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन का लक्ष्य तय करने से उत्तर प्रदेश को अनुशासन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका मिलेगी। इससे राज्य के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा और आर्थिक संवर्द्धन को प्रोत्साहित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश की इस पहल से स्वच्छता के मामले में भी एक बड़ा संदेश जाएगा, जिससे अन्य राज्यों और क्षेत्रों को भी प्रेरित होने का अवसर मिलेगा। इससे युवा उद्यमियों को भी नई संभावनाएं मिलेंगी और वे नवाचारी तकनीकों के विकास में योगदान कर सकेंगे।

रोजगार के समय में स्टार्टअप्स का महत्व: उत्तर प्रदेश सरकार की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया सेक्टर में नई ऊर्जा के क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत, राज्य सरकार पांच साल तक 25-25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, साथ ही कई अन्य छूट भी दी जाएगी। 

इस नीति के माध्यम से पांच साल में 1.20 लाख युवाओं को रोजगार दिलाया जाएगा, जिससे राज्य के युवाओं को नई रोजगार सृजन की सुविधा मिलेगी। इस नीति के तहत कुल पांच हजार करोड़ रुपये की लागत सरकार बरतेगी, जो युवाओं के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश होगा। 

ग्रीन हाइड्रोजन: एक पर्यावरणीय और आर्थिक संवार्धन

उर्वरक और पेट्रोकेमिकल्स उद्योग में हाइड्रोजन का उत्पादन के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत, 40 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। ग्रे हाइड्रोजन का उत्पादन कार्बन का उत्सर्जन करता है, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होता है।

हरित ऊर्जा: नए उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता

उत्तर प्रदेश सरकार ने हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नई पॉलिसी की घोषणा की है, जिसके तहत नए स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस पॉलिसी के अनुसार, सरकार पांच साल तक हर एक स्टार्टअप को 25-25 लाख रुपये की वित्तीय मदद प्रदान करेगी।

इसका मतलब है कि कुल 1.25 करोड़ रुपये की मदद सरकार देगी।ग्रे-हाइड्रोजन की कीमत ग्रीन हाइड्रोजन से कम होने के कारण, ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को व्यावहारिक बनाने के लिए प्रथम पांच परियोजनाओं को 40 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह पहल स्टार्टअप्स के लिए एक अवसर है जो हरित ऊर्जा क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

इस नई पहल के माध्यम से, सरकार नए और नवाचारी तकनीकों के विकास को प्रोत्साहित कर रही है और हरित ऊर्जा सेक्टर में नए उत्पादों के विकास को बढ़ावा दे रही है। इससे न केवल स्थानीय उद्यमियों को विकसित किया जाएगा, बल्कि यह राज्य की आर्थिक विकास और ऊर्जा स्वावलंबनता में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

हरित ऊर्जा के लिए नई खोज : वित्तीय सहायता और लीज की महत्वपूर्ण योजना

उत्तर प्रदेश सरकार ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नए उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के अंतर्गत, प्रति एकड़ प्रति वर्ष लीज का मूल्य 15 हजार रुपये होगा। इसके अलावा, अन्य परियोजनाओं को अधिकतम अनुदान की सीमा में पात्र पूंजी निवेश का 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। यह नीति पांच साल के लिए लागू होगी।

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