रतन टाटा का IPO चाल से इतिहास लिखने की तैयारी » A1 Factor

रतन टाटा द्वारा टाटा संस के IPO का ऐलान हुआ है, जिससे बाजार में एक नया उत्साह और उत्साह है। यह आईपीओ तेजी से पॉपुलर हो रहा है, और अनुमानों के अनुसार यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। टाटा संस को अपर लेयर एनबीएफसी कैटगरी में डाला गया है, जिससे इसके IPO को लिस्ट होने के लिए सितंबर 2025 तक का समय दिया गया है। इससे साफ होता है कि टाटा संस की IPO बाजार में बहुत उत्साहित वित्तीय उत्साह को उत्पन्न करेगी।
इस IPO से सबसे ज्यादा फायदा उसे होगा जो निवेशक इसमें निवेश करेंगे। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा संस एक विश्वसनीय और प्रमुख ब्रांड है, जिसकी संजीवनी बाजार में बढ़ती हुई है। इस IPO के माध्यम से, निवेशकों को टाटा संस के विकास और उत्थान में भागीदार बनने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
इस रूप में, रतन टाटा के नए कदम ने बाजार को उत्साहित किया है, और टाटा संस के IPO के माध्यम से निवेशकों को एक अवसर प्रदान किया है जिससे वे अपनी निवेश की फायदे में उठा सकते हैं।
टाटा संस की लिस्टिंग: किसको होगा सबसे ज्यादा फायदा?
टाटा संस (Tata Sons) की होल्डिंग कंपनी की लिस्टिंग की सुगबुगाहट ने बाजार में उत्साह और उत्साह बढ़ा दिया है। टाटा ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का विशाल आकार और उनकी वैल्यूएशन ने बाजार में धमाका मचा दिया है। इस बड़े आईपीओ से सबसे ज्यादा फायदा किसे होगा, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।
टाटा संस के लिस्टेड इन्वेस्टमेंट्स की मार्केट वैल्यू का आकलन करने से दिखता है कि टाटा केमिकल्स के निवेशकों को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है। टाटा केमिकल्स एक विश्वसनीय ब्रांड है और उसके उत्पादों की मांग और प्रसार दोनों ही बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, टाटा संस के अनलिस्टेड इन्वेस्टमेंट्स में टाटा टेक्नोलॉजीज, टाटा मेटालिक्स और रैलिस जैसी कंपनियों के निवेशकों को भी फायदा हो सकता है।
टाटा केमिकल्स: निवेशकों का चहेता
निवेशकों ने पहले ही टाटा केमिकल्स पर दांव लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर को 1,084.80 रुपये पर पहुंच गए हैं, जिसमें आठ फीसदी की तेजी दिखाई गई है। टाटा संस ने पिछले साल टाटा केमिकल्स को अपर-लेयर एनबीएफसी के तौर पर क्लासीफाई किया था और नियमों के मुताबिक कंपनी को सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होना जरूरी है।
पिछले साल खबर आई थी कि टाटा संस की वैल्यू 11 लाख करोड़ रुपये हो सकती है। अगर कंपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचती है तो इसका आईपीओ साइज करीब 55,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है।
2022 में एलआईसी का आईपीओ 21,000 करोड़ रुपये का था। निवेशकों का इस आईपीओ में जीवनभर का संबंध बना रहने की उम्मीद है, और टाटा केमिकल्स के प्रतिष्ठित नाम और विश्वसनीयता से इसमें बढ़ी रुचि है।
टाटा संस में हिस्सेदारों का विवरण
टाटा संस में दोराबजी टाटा ट्रस्ट की 28 फीसदी और टाटा ट्रस्ट 24 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स और टाटा की इसमें करीब तीन फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि टाटा पावर की दो फीसदी और इंडियन होटल्स की एक फीसदी हिस्सेदारी है।
स्पार्क कैपिटल की कैलकुलेशन के कारण टाटा संस में टाटा केमिकल्स की तीन फीसदी स्टेक की वैल्यू करीब 19,850 करोड़ रुपये है, जो कंपनी की मार्केट वैल्यू की करीब 80 फीसदी है।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, न केवल टाटा संस, बल्कि टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज को भी सितंबर 2025 तक लिस्ट किया जाना जरूरी है। यह निर्णय टाटा संस और टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए महत्वपूर्ण है और निवेशकों के लिए एक बड़ी संधि को दर्शाता है।
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Tata Investment Corporation) के शेयरों का तेजी से उछाल
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Tata Investment Corporation) के शेयरों में हाल ही में काफी तेजी देखी जा रही है। इस साल के पहले दो महीनों में इसमें 100 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है, जोकि एक बड़ी उछाल का संकेत है। पिछले एक साल में भी यह शेयर 335 प्रतिशत तक की उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ी आकर्षण है।
टाटा ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का कंबाइंड मार्केट कैप 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो पाकिस्तान की पूरी इकॉनमी से अधिक है। यह एक उदाहरण है कि टाटा ग्रुप की वृद्धि और उनकी संदर्भ में विश्वासयोग्यता कितनी मजबूत है। निवेशकों के लिए इस उछाल का मतलब है कि वे टाटा ग्रुप के अवसरों को समझने और उनमें निवेश करने के लिए सक्रिय रहें।
Disclaimer: A1Factor.Com पोस्ट के माध्यम से लोगों में फाइनेंशियल एजुकेशन प्रोवाइड कराता है। म्यूचुअल फंड और शेयर मार्केट निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। हम सब SEBI से पंजीकृत वित्तीय सलाहकार नहीं हैं। आप अपने पैसे को निवेश करने के लिए स्वतंत्र है। कृपया अपनी समझदारी और सूझ बूझ के साथ ही निवेश करें। निवेश करने से पहले पंजीकृत एक्सपर्ट्स की राय जरूर लें।