लोअर सर्किट के बाद बदली Suzlon Energy की चाल, जानें बड़ी उपडेट
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में तेजी से निवेशकों को अच्छा भरोसा मिला है। शेयर तेजी से 37 रुपये के पार पहुंच गया है, जिससे इसमें एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
इस तेजी के पीछे कई कारण हैं
1. नए ऑर्डर की प्राप्ति:
सुजलॉन एनर्जी ने हाल ही में गुजरात से 193.2 मेगावाट के नए ऑर्डर की घोषणा की है, जिससे विनिवेश में नई ऊर्जा की मांग बढ़ गई है।
2. कंपनी के प्रमोटरों की स्थिति:
कंपनी के प्रमोटर गिरीश तांती ने गुजरात से मिले ऑर्डर को भारत की मैन्युफैक्चरिंग में योगदान बताया है, जिससे निवेशकों को भरोसा मिल रहा है.
3. बाज़ार में विश्वास:
स्टॉक के सर्वकालिक उच्चतम स्तर और मौजूदा मूल्य वृद्धि ने निवेशकों को बाजार में विश्वास दिलाया है, जिससे उनका उत्साह और बढ़ गया है।
अंततः, सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में तेजी ने निवेशकों को एक आसान सफर दिया है और विचारशील निवेशकों को और भी अधिक चौकस बना दिया है।
सुजलॉन एनर्जी: नए ऑर्डर से शेयरों में तेजी
सुजलॉन एनर्जी ने एक्सचेंज पर एक नए ऑर्डर की खबर दी है, जिससे शेयरों में तेजी आई है। कंपनी ने गुजरात के केपी ग्रुप से 193.2 मेगावाट बिजली परियोजना के लिए एक बड़े ऑर्डर की पुष्टि की है, जिससे शेयर उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
यह ऑर्डर कंपनी को गुजरात के भरूच जिले के वागरा और विलायत में 92 पवन टर्बाइनों की आपूर्ति करने का अधिकार देता है, जिससे इसकी कुल स्थापित क्षमता 193.2 मेगावाट हो जाती है। यह जानकारी निवेशकों को आश्वस्त करती है कि कंपनी ने नई परियोजना शुरू करने की तैयारी कर ली है।
और आने वाले समय में इसे बढ़ते भारतीय ऊर्जा बाजार में खुद को स्थापित करने में सफलता मिल सकती है। रिफ्रेश से शेयरों में उछाल आया है और निवेशकों को कंपनी के ऊर्जा क्षेत्र में और मजबूती के संकेत दिख रहे हैं।
विड एनर्जी के लिए जमीन किराए पर देने के नए नियम जारी, कंपनियों को सीधा फायदा
ऊर्जा क्षेत्र में नए बदलावों के साथ विड एनर्जी कंपनियों के लिए नए दरवाजे खुल गए हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि जमीन किराये पर देने के नए नियमों का फायदा अब सीधे तौर पर विड एनर्जी कंपनियों को मिलेगा।
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ये नए नियम पवन ऊर्जा परियोजनाओं की आसान स्थापना की दिशा में एक प्रयास हैं, और अपतटीय पवन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा एक बड़ा कदम है। सरकार ने जनवरी में अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समुद्र तल की नीलामी की घोषणा की है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
नीलामी से पहले ही, सरकार ने सीबेड लीज नियमों में बदलाव के संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जिससे कंपनियों के लिए परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने की संभावना बढ़ गई है। यह नया नियम प्राकृतिक संसाधनों का अधिक उपयोग करने में मदद करेगा और भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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