सरकार के एक फैसले से मची अफरा तफरी! Sugar Stocks को लेकर आया बड़ी उपडेट…
आज चीनी कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिल रही है, जिसकी मुख्य वजह है केंद्र सरकार के गन्ने के उचित मूल्य में बढ़ोत्तरी का ऐलान। इस बढ़ते उचित मूल्य से, चीनी कंपनियों पर एक नया बोझ आएगा, जिससे उनका मुनाफा प्रभावित होगा। इस डर के चलते, आज चीनी कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिल रही है।
गन्ने के उचित मूल्य में वृद्धि के बारे में समाचारों का सुनावट, बाजार में खासा असमंजस और चीनी कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट को प्रेरित किया है। हालांकि, अब सुधार भी देखने को मिल रहा है, लेकिन अभी भी कुछ कंपनियों के स्टॉक्स गिरे हुए हैं।
बाजार में यह स्थिति अस्थायी हो सकती है, क्योंकि बाजार हमेशा विपरीत दिशा में घूमता रहता है। निवेशकों को सतर्क रहना और बाजार की गतिविधियों का संवीक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चीनी कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट
बीएसई पर सूचीबद्ध चीनी कंपनियों के स्टॉक्स में आज गिरावट देखने को मिल रही है। राणा शुगर्स का शेयर 3.21 प्रतिशत गिरकर 25.35 रुपये पर पहुंच गया है, मवाना शुगर्स का शेयर 2.81 प्रतिशत गिरकर 101.70 रुपये पर, राजश्री शुगर्स एंड केमिकल्स का शेयर 2.50 प्रतिशत गिरकर 72.62 रुपये पर, श्री रेणुका शुगर्स का शेयर 2.41 प्रतिशत गिरकर 48.50 रुपये पर, केसीपी शुगर एंड इंडस्ट्रीज का शेयर 2.20 प्रतिशत गिरकर 40.87 रुपये पर और ईआईडी पैरी (इंडिया) का शेयर 1.57 प्रतिशत गिरकर 629.20 रुपये पर आया है।
डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज का शेयर 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 403.15 रुपये प्रति शेयर पर, बलरामपुर चीनी मिल्स का शेयर 1.12 प्रतिशत गिरकर 376.50 रुपये पर, धामपुर शुगर मिल्स 0.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 248 रुपये पर और त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 347.80 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए हैं।
गन्ने के लिए एफआरपी में वृद्धि: किसानों के लिए बड़ा समाचार
सरकार ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। गन्ने का नया सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। इस ऐतिहासिक निर्णय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी एफआरपी है।
मात्रा के संदर्भ में यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने एफआरपी में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। इस फैसले के माध्यम से केंद्र सरकार की भावी विकास रणनीति में किसानों के हितों को ध्यान में रखा गया है।
संशोधित एफआरपी एक अक्टूबर 2024 से लागू होगी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, “केंद्र सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा।” यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारेगा और उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाए रखने में मदद करेगा।
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