भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है, कि साउथ अमेरिका का गयाना देश जो अपने कच्चे तेल का निर्माण भारतीय कंपनी द्वारा उन्हीं के देश में करना चाहते हैं और दुनया भर के इतने देश को छोड़ कर भारत को ये ऑफर क्यू दिया है, तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था क्या पर कितना असर भविष्य में होगा साथ में कच्चे तेल पर आधारित कंपनी को क्या फायदा होगा इसकी जानकारी विस्तार से लेते है।
भारत को ये ऑफर किस कारण
पहले तो जानकारी लेते हैं कि गयाना देश से हमने दुनिया भर के इतने देश छोड़कर भारत को ही यह ऑफर क्यों दिया क्योंकि भारत ने इससे पहले भी गुयाना के देश के लिए कोरोना का काल में बहुत सारी मदद की थी जिससे कारण भी गयाना देश उस बात को भुला नहीं है और गौर करने वाली यह बात है कि गयाना देश में 40 परसेंट लोग हिंदू है जिससे कारण भारत के ऊपर उनका विश्वास अधिक है।
गयाना देश में भारतीय लोग
आप सोच रहे होंगे कि इतने दूर गयाना देश में भारतीय लोग वहां पर जाकर कैसे बसे तो इतिहास में जाकर हम देखें जब हमारे देश के ऊपर ब्रिटिश लोगों की सत्ता थी तभी उस गयाना देश में भी ब्रिटिश लोगों की सत्ता थी तो अगर कुछ लोगों की काम के लिए कमी हो जाए तो भारत की तरफ से लोगों को उस देश में काम करने के लिए लेकर जाते थे तो इस कारण जो लोग भारत से वहां लेकर गए थे,जो अभी तक वही बसे हैं।
अपने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का नाम सुना होगा जो इन्हीं गयाना जैसे छोटे-छोटे देश से यह टीम बनी है तो उस टीम में अपने सुनील नारायण, निकोलस पुरण, शिवनारायण चंद्रपॉल और रामनरेश सरवान ऐसे नाम सुने जरूर होंगे तो ये सब पहले के बसे हुई भारतीय लोग तो है।
गयाना देश की आबादी 8 लाख
साउथ अमेरिका का गुयाना देश की आबादी 8 लाख ही है, कुछ साल पहले यहां पूरी दुनिया भर की सबसे बड़ी कच्चे तेल की खोज यहां पर हुई है लेकिन गयाना देश ने कच्चे तेल के प्रोसेस के लिए अमेरिका के साथ कुछ साल पहले समझौता किया था।
बड़े कच्चे तेल की खोज होने के बावजूद भी गयाना देश को अमेरिका के साथ समझौता करके कुछ भी फायदा हासिल नहीं हुआ क्योंकि वहां पर पेट्रोल और डीजल के दाम जैसे बाहर के देशों में है वैसे ही है तो उनको इस कच्चे तेल का लाभ बिल्कुल नहीं हुआ इसलिए गयाना देश अब नए से भारत के साथ समझौता करना चाहता है ऐसे गयाना के विदेश मंत्री का कहना है।
समझौता होने पर इन कंपनी को फायदा
आने वाले दिनों में भारत और गुयाना के देश में कच्चे तेल का अगर समझौता होता है तो आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका अच्छा प्रभाव आपको नजर आएगा क्योंकि भारत विदेशी से कच्चे तेल का आयात करने वाला दुनिया का सबसे तीसरा देश है।
साथ में साथ में कच्चे तेल के ऊपर निर्माण और प्रोसेस करने वाले जो भारतीय कंपनी है जैसे रिलायंस, इंडियन ऑयल ओएनजीसी ,गेल, बीपीसीएल इस कंपनियों को अधिक फायदा आपको नजर आएगा और आने वाले दिनों में यह कंपनी गयाना देश में जाकर कच्चे तेल के ऊपर प्रोसेस करेगा तो अलग से वहां पर नई कंपनियां भारत की तरफ की निर्माण होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
आप सबको पता है की भारत में भी कुछ सालों से लगातार महंगाई बड़ती ही जा रहे है इसका कारण अधिक तर पेट्रोल और डिझेल की दर बढ़ने से ही हो रहा है और भारत में इसकी मांग भी अधिक है इसलिए गयाना देश के साथ कच्चे तेल का समझौता सफल होता है तो पहले तो पेट्रोल और डिझेल के दाम कम हो जायांगे।
साथ में हमारी जो भारतीय कंपनी है, जो गयाना देश जाकर वही कच्चे तेल पर process करके और देशों में भी बिक्री करेगा तो वो अलग से मुनाफा दर्ज होगा और दुनाया के जो कच्चे तेल का जो देश हमे आयात करते है उनकी मनमानी नहीं चलेगी साथ में भारत दुनाया की अब 3 नंबर की बड़ी जो भारतीय अर्थव्यवस्था है उसे नंबर 1 बनने में देरी नहीं लगेगी।
FAQ
सवाल-कच्चे तेल का सर्वाधिक उत्पादक देश
जवाब– सऊदी अरब,अमेरिका,और रशिया ये कच्चे तेल का निर्माण करने वाले प्रमुख देश है
सवाल-1 बैरल कच्चे तेल की कीमत
जवाब-कच्चे तेल के 1 बैरल की कीमत 6300 रुपये है लेकिन मार्केट के चढ़ उतार से ये कम और अधिक होती रहती है।
सवाल-1 बैरल कच्चे तेल कितने भारत में पेट्रोल की लीटर
जवाब- 1 बैरल कच्चे तेल जो हम अन्य देश से आयात कराते है उसकी प्राइस 6300 रुपये होती है और इस 1 बैरल कच्चे तेल में 150 लीटर पेट्रोल का निर्माण होता है।
सवाल-भारतीय अर्थव्यवस्था क्या है
जवाब-भारतीय अर्थव्यवस्था दुनाया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो लगातार आगे बढ़ती ही जर रही है।
निष्कर्ष- कठिन समय में अगर आप किसिकों मदत करते है तो मदत लेनेवाला इंसान सही है तो आपको कभी भी वो इंसान भी आपको मदत जरूर करेगा।
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