What to do if the refund received is less after filing ITR, when is it correct to file revised return
– विज्ञापन –
– विज्ञापन –
आईटीआर दाखिल करने के बाद करदाता अपने रिफंड का इंतजार करते हैं। रिफंड प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आयकर विभाग सबसे पहले करदाताओं को उनके रिटर्न की प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी देता है। प्रक्रिया के तहत करदाताओं की ईमेल आईडी पर सूचना आती है। इसके तीन से चार हफ्ते बाद करदाताओं के खाते में रिफंड का पैसा आ जाता है।
आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आखिरी तारीख तक 7.28 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। आईटीआर दाखिल करने के बाद करदाता अपने रिफंड का इंतजार करते हैं। रिफंड प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आयकर विभाग सबसे पहले करदाताओं को उनके रिटर्न की प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी देता है। प्रक्रिया के तहत करदाताओं की ईमेल आईडी पर एक सूचना आती है। इसके तीन से चार हफ्ते बाद करदाताओं के खाते में रिफंड का पैसा आ जाता है। हालांकि यहां यह समझना जरूरी है कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले सभी करदाताओं को रिफंड का पैसा नहीं मिलता है। विभाग रिटर्न का पैसा तब वापस भेजता है, जब करदाता अपनी देनदारी से ज्यादा पैसा टैक्स के तौर पर जमा कर चुका होता है। आयकर रिटर्न की प्रक्रिया के दौरान करदाताओं के टैक्स की गणना की जाती है।
आयकर विभाग टैक्स कैलकुलेशन में गलती कर सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 143 की उपधारा 1 के तहत विभाग करदाताओं को सूचना भेजता है। अगर विभाग द्वारा भेजी गई इस जानकारी में आपको लगता है कि टैक्स कैलकुलेशन सही नहीं है और आपका रिफंड ज़्यादा होना चाहिए, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 154 के तहत सुधार अनुरोध दाखिल कर सकते हैं। यह सुधार अनुरोध करदाता आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर दाखिल कर सकते हैं।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर कर सकते हैं रिक्वेस्ट आयकर विभाग का कहना है कि अगर आपको इंटिमेशन नोटिस को लेकर किसी तरह की गलती नजर आती है तो ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिक्वेस्ट की जा सकती है। यहां यह समझना जरूरी है कि सुधार अनुरोध का विकल्प सिर्फ उन्हीं रिटर्न के लिए उपयोगी है, जिन्हें सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर पहले ही प्रोसेस कर चुका है।
किस गलती के लिए सुधार अनुरोध उपयोगी होगा?
सुधार अनुरोध सबमिट करके किस तरह की गलतियों को ठीक किया जा सकता है? इस बारे में आयकर विभाग का कहना है कि सुधार अनुरोध का इस्तेमाल अपनी किसी दूसरी गलती के लिए न करें। ऐसी गलतियों के लिए संशोधित रिटर्न का विकल्प काम आता है।
यह भी पढ़ें-