Mutual Fund: These 10 Key Considerations Before Investing in Mutual Funds
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Mutual Fund News: आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले सोच लेना चाहिए।
पिछले कुछ सालों में देश में लोगों का रुझान म्यूचुअल फंड की तरफ तेजी से बढ़ा है। लेकिन किसी भी निवेश साधन पर दांव लगाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
निवेश सलाहकार: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले हमेशा किसी निवेश सलाहकार से सलाह लें। पेशेवर सलाह आपको यह समझने में मदद करती है कि आपका निवेश वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम वहन करने की क्षमता के अनुसार है या नहीं।
निवेश लक्ष्य: म्यूचुअल फंड चुनने से पहले अपने निवेश लक्ष्यों को पहचानें। तय करें कि आप किस उद्देश्य से पैसे बचाना चाहते हैं – जैसे रिटायरमेंट, शिक्षा या कोई अन्य लक्ष्य। इससे आपको एक खास फंड चुनने में मदद मिलेगी।
परिसंपत्ति आवंटन: निवेश करते समय एसेट एलोकेशन सिद्धांतों का पालन करें। अपने जोखिम प्रोफाइल और निवेश समयसीमा के अनुसार इक्विटी, डेट और अन्य एसेट में अपने निवेश को विविधतापूर्ण बनाएं।
सेक्टर/थीमैटिक फंड: सेक्टर-विशिष्ट या थीमैटिक फंडों से सावधान रहें। ऐसे निवेश बहुत अस्थिर हो सकते हैं और आपकी दीर्घकालिक निवेश रणनीति में बाधा डाल सकते हैं।
नये फंड ऑफर (एनएफओ): निवेश करने से पहले नए फंड ऑफर (NFO) का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें। फंड की रणनीति, शुल्क संरचना और संभावित जोखिमों को समझें, क्योंकि NFO स्थापित फंडों की तुलना में कम पारदर्शिता प्रदान कर सकते हैं।
अदाकारी का समीक्षण: हालांकि पिछले प्रदर्शन से कुछ जानकारी मिलती है, लेकिन निवेश करते समय भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखें। भविष्य के रिटर्न का अनुमान लगाने के लिए फंड की रणनीति, प्रबंधन टीम और बाजार की स्थितियों का विश्लेषण करें।
जोखिम प्रोफ़ाइल: अपनी जोखिम सहनशीलता को समझें। इससे आपको अपनी परिसंपत्ति आवंटन के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलेगी। अपनी जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर इक्विटी, ऋण और अन्य परिसंपत्तियों के बीच निवेश को संतुलित करें।
एसआईपी तिथि: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के लिए एक ऐसी तारीख चुनें जो आपके नकदी प्रवाह और सुविधा के अनुकूल हो। बाजार में समय का अनुमान लगाने की कोशिश करने से ज़्यादा ज़रूरी है योगदान में निरंतरता बनाए रखना।
फंड बनाम एएमसी: म्यूचुअल फंड और एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) दोनों का मूल्यांकन करें। AMC की प्रतिष्ठा, फंड मैनेजर के अनुभव और फंड के प्रदर्शन मीट्रिक, जैसे व्यय अनुपात और जोखिम-समायोजित रिटर्न पर विचार करें।
लाभांश बनाम विकास योजनाएँ: अपने निवेश लक्ष्यों के आधार पर लाभांश और वृद्धि योजनाओं के बीच निर्णय लें। वृद्धि योजनाएँ चक्रवृद्धि के माध्यम से धन सृजन के लिए अच्छी हैं, जबकि लाभांश योजनाएँ नियमित आय की ज़रूरतों के लिए बेहतर हैं। दोनों विकल्पों के कराधान के बारे में जागरूक रहें।