10 Veen ke baad medical Course in Hindi
10 veen ke baad medical Course in Hindi
पैरामेडिकल स्टाफ की बढ़ती मांग और भारत की उच्च शिक्षा में हो रहे तेजी से विकास की वजह से, अब उम्मीदवार विभिन्न पैरामेडिकल और मेडिकल कोर्स का चयन कर रहे हैं। इन मेडिकल कोर्स के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि उम्मीदवारों को 12 साल की स्कूली शिक्षा यानिकि 12वीं तक कि पढ़ाई पूरी करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है। क्योंकि कई मेडिकल कोर्स कक्षा 10 को पूरा करने के बाद भी किये जा सकते हैं।
इसलिए, अगर आप भी 10वीं कक्षा की पढ़ाई को पूरा करने के बाद किसी ऐसे मेडिकल कोर्स की तलाश कर रहे हैं, जिसके बाद आप इस फील्ड में सिक्योर कैरियर बना सकें, तो यह लेख आपके लिए है। यंहा पर 10 वीं के बाद टॉप मेडिकल कोर्स के बारे में बताएंगे।
10 veen ke baad medical Course in hindi
10 वीं के बाद दो तरह के मेडिकल कोर्स किये जा सकते हैं। जिसके से एक सर्टिफिकेट और दूसरा डिप्लोमा कोर्स है।
मेडिकल सर्टिफिकेट कोर्स: इन कोर्स की अवधि 3 महीने से लेकर 12 महीने के आसपास होती है।
Medical Diploma कोर्स : इन कोर्स की अवधि आमतौर पर एक वर्ष से 2 वर्ष तक की होती है।
इन मेडिकल कोर्स की खास बात ये है कि ये रोजगारपरक कोर्स हैं, जिनके बाद आप आसानी से चिकित्सा के फील्ड में कैरियर बना सकते हैं और आकर्षक सैलरी भी अर्जित कर सकते हैं। मौजूदा समय मे मेडिकल कोर्सेज में कैरियर के बेहतरीन अवसर हैं। इसलिए तमाम स्टूडेंट्स का रुझान इन मेडिकल कोर्स की तरफ रहता है।
10 veen ke baad medical Course List
डिप्लोमा इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट
डिप्लोमा इन आयुर्वेदिक नर्सिंग
डिप्लोमा इन रूरल हेल्थ केअर
डिप्लोमा इन कम्यूनिटी हेल्थ
डिप्लोमा इन मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन ECG टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन X Ray टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन रेडियोलॉजी
डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी
डिप्लोमा इन फर्स्ट एड टेक्नोलॉजी
10 veen ke baad Certificate Medical Course List
सर्टिफिकेट इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट
सर्टिफिकेट इन होम बेस्ड हेल्थ केअर असिस्टेंट
सर्टिफिकेट इन जनरल ड्यूटी असिस्टेंट
सर्टिफिकेट इन MRI टेक्नीशियन
सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन
सर्टिफिकेट इन रूरल हेल्थ केअर
सर्टिफिकेट इन फर्स्ट एड टेक्नोलॉजी
सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ
सर्टिफिकेट इन x ray टेक्नोलॉजी
चलिये इन मेडिकल कोर्स के बारे में हम डिटेल में जानते हैं। जिससे आपको ये समझ मे आ जायेगा कि आपको कौन सा Medical कोर्स करना चाहिए और कौन सा नही।
Nursing Care Assistant Course
ये कोर्स 6 महीने से लेकर 1 साल का होता है। इस कोर्स में मरीजों की देखभाल कैसे करना है, इसके बारे में सिखाया जाता है। नर्सिंग का काम अस्पताल की स्वास्थ व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाये खना होता है। उसकी प्रमुख जिम्मेदारी रोगियों की देखभाल करना होता है। रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए ये डॉक्टर्स, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के हैल्पर के तौर पर कार्य करते हैं।
Ayurvedic Nursing
ये कोर्स आयुर्वेदिक नर्सिंग देखभाल में ज्ञान और कौशल प्रदान करने पर केंद्रित होता है। इस कोर्स में सिलेबस आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों और आयुर्वेदिक उपचार से संबंधित है।
Rural Health Care Course
ग्रामीण हेल्थ केयर (rural health care) वर्कर्स एक मध्य स्तर के स्वास्थ्य कर्मचारी होते हैं जो सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में लोग प्राथमिक करवा सके और गंभीर रुप से घायल लोगों को आगे इलाज के लिए रेफर कर सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी डॉक्टरों की बहुत कमी हैं, जिस वजह से रूरल हेल्थ वर्कर की काफी डिमांड है।
Community Health Course
भारत सरकार की तरफ से ये कोर्स शुरू किया गया हक़ी। जिससे कि प्रत्येक गांव व मौहल्ले में कम से कम एक कुशल स्वास्थ्य उपलब्ध हो और जरूरत पड़ने पा कम्युनिटी के लोग वँहा पर प्राथमिक इलाज करवा सकें। ये कोर्स 6 माह से लेकर 1 साल का होता है। एक तरह से कम्युनिटी हेल्थ वर्कर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाते हैं।
Medical Record Technology Course
मेडिकल रेकॉर्ड टेक्नोलॉजी कोर्स में मरीजों के रिकॉर्ड के रखरखाव के बारे में सिखाया जाता है। मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नॉल्जिस्ट स्वास्थ्य से संबंधित अच्छे इन्फर्मेशन सिस्टम के रखरखाव के लिए मरीज के रेकॉर्ड और डेटा को संग्रह करते हैं।
मेडिकल रेकॉर्ड्स टेक्नॉलजी या हेल्थ इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी के मेडिकल रेकॉर्ड साइंस की फील्ड में कई तरह के जॉब ऑफर की जाती है जैसे मेडिकल रेकॉर्ड टेक्निशन, लैबरेटरी इक्विपमेंट टेक्निशन, मेडिकल रेकॉर्ड एग्जिक्युटिव, मेडिकल रीसिप्शनिस्ट,बिलिंग एंड कोडिंग टेक्निशन, मेडिकल कोडर, हेल्थ इन्फर्मेशन टेक्निशन और मेडिकल ऑफिस मैनेजर के तौर पर जॉब आफर की जाती हैं।
ECG Technician Course
ईसीजी का फुल फॉर्म इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम होता है ये टेकनीशियन का ECG के टेस्ट प्रोसिजर की देखभला करते हैं और ईसीजी की रीडिंग्स को रिकॉर्ड करने का काम करते हैं। इसके साथ ही विशेषज्ञों को मरीजों का ईसीजी का टेस्टेड डाटा उपलब्ध करवाना होता है। ECG Technician रोगी की हृदय की गतिविधियों का परीक्षण करने का कार्य करते हैं।
X Ray Technology Course
मेडिकल फील्ड में एक्स रे टेक्नीशियन की बहुत बड़ी भूमिका होती है। इसीलिए एक्स रे टेक्नीशियन का कोर्स काफी पॉपुलर है। इस फील्ड में करियर के अवसरों की कमी नही हैं। इस फील्ड में सरकारी व प्राइवेट में कैरियर के ढेरों विकल्प हैं। एक्स रे तकनीशियन का कार्य रोगियों का एक्सरे करना होता है।
Medical lab Technology Course
जब कभी हम लोग डॉक्टर के पास दवा लेने के लिए जाते हैं तो डॉक्टर हम लोगों को कई तरह के टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इन टेस्ट को करने का काम मेडिकल लैब टेक्नीशियन का होता है। ये तकनीशियन डॉक्टर को इलाज करने व बीमारियों को पहचानने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इस फील्ड में बेहतरीन कैरियर बनाया जा सकता है। क्योंकि मेडिकल लैब टेक्नीशियन की आज विभिन्न हॉस्पिटलस में खूब डिमांड रहती है।
Radiology Course
रेडियोलॉजी चिकित्सा क्षेत्र की एक बहुत ही अहम शाखा है। जिसके माध्यम से मरीजों के अंदरूनी रोगों के बारे में पता लगाया जाता है। जब किसी डॉक्टर किसी मरीज के अंदर मर्ज।का पता नही लगा पाते हैं या फिर रोग की सटीक जानकारी के लिए एक्स-रे रेडियोग्राफी, सिटी स्कैन, अल्ट्रा सोनोग्राफी, पीईटी, एमआरआई, जैसे टेस्ट करवाते हैं। फिलहाल रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर जॉब के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं।
Dialysis Technology Course
बदलते परिवेश के कारण आज के समय मे शुद्द जल हम लोगो के लिये एक बड़ी चुनौती बन चुका है। जिसकी वजह से किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से बढ रही है। जब किडनी में कुछ प्रॉब्लम हो जाती है तो रक्त शुद्धिकरण सही से नही हो पाता है। ऐसे में किडनी रोगियों को हॉस्पिटल में जाकर क्रत्रिम रूप से खून शुद्ध करवाना पड़ता है। Dialysis Technology कोर्स करके आप इस फील्ड में सुनहरा कैरियर बना सकते हैं।
Anesthesia Technology Course
बेहोश या सुन्न करने का काम ‘एनेस्थीसिया’ कहा जाता है और बेहोश या सुन्न करने वाले डॉक्टर को ‘एनेस्थेटिक’ कहा जाता है। यही एनेस्थेटिक तय करता है कि जिस भी मरीज का ऑपरेशन होना है तो उस मरीज को कितनी मात्रा में एनेस्थीसिया का डोज दी जाय। पैरामेडिकल सेक्टर का ये भी काफी लोकप्रिय कोर्स है।
Operation Theatre Technology Course
ऑपरेशन थिएटर टेक्नॉल्जिस्ट का ऑपरेशन के समय अहम रोल होता है। इसलिए इनकी डिमांड भी काफी ज्यादा है। अगर आप OT तकनीशियन से संबंधित डिग्री diploma या फिर सर्टिफिकेट कोर्स करते हैं तो आप आसानी से मेडिकल के फील्ड में जॉब हासिल कर सकते हैं।
ऑपरेशन थिएटर टेक्नीशियन का काम ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की मदद करना और उसके दिशा- निर्देशो का पालन करना होता है। इसके अलावा और भी कई तरह के काम इनको देखने पड़ते है। उनको समय- समय पर ऑपरेशन थिएटर की सफाई करवाना होता है। इसके साथ ही चिकित्सा उपकरणों की साफ- सफाई व रखरखाव भी इन्ही की जिम्मेदारी होती है।
First Aid Specialist Course
जो लोग मेडिकल के फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह कोर्स एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस कोर्स में डिप्लोमा हासिल कर लेने के बाद छात्र सरकारी व निजी अस्पतालों में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा, क्लिनिक्स, फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट, माल, मल्टीनेशनल कंपनियों आदि जगहों पर बतौर फर्स्ट एड स्पेशलिस्ट आप जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा, यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थी खुद का प्राथमिक उपचार केंद्र भी खोल सकते हैं। जिस वजह इस कोर्स में कैरियर के अवसर की भरमार है।
Speech Thearpy & Audiology Course
स्पीच थेरेपी चिकित्सा विज्ञान की एक संबद्ध शाखा है जो किसी भी व्यक्ति के स्पीच, आवाज और भाषा से संबंधित विकार है। आज के समय मे स्पीच थेरेपी और ऑडियोलॉजी एक आशाजनक करियर विकल्प बनकर उभर है। स्पीच थेरेपी में डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने वाले व्यक्ति को स्पीच थेरेपिस्ट कहा जाता है।
Career option in Medical Course
इस फील्ड में रोजगार के भरपूर अवसर हैं। स्वस्थ रहना हर किसी की जरूरत है। जिस वजह से नए- नए हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम व ट्रामा सेंटर खुलते जा रहे हैं। जंहा पर आपके लिए जॉब के अच्छे विकल्प हैं।
आज के समय मे हॉस्पिटल की कमी नही है। वर्तमान में इतने ज्यादा हॉस्पिटल हैं कि मेडिकल स्टाफ की भारी डिमांड है। बढ़ते हॉस्पिटलस की वजह से इस फील्ड में कैरियर की बेहतरीन संभावनाएं हैं। अगर आप मेडिकल कोर्स करते हैं तो इस बात की तो सिक्योरिटी है कि आप बेरोजगार नही रहेंगे।
Job Area in Medical course
गवर्नमेंट हॉस्पिटल
कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स
प्राइवेट हॉस्पिटल
नर्सिंग होम
ट्रामा सेंटर्स
मेडिकल राइटिंग
प्राइवेट क्लीनिक्स
एनजीओ
मेडिकल कॉलेज
पैथालॉजी लैब
डेंटल लैब
एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजी
डालिसिस टेक्नोलॉजी, आदि
Job Profile in Medical Course
मेडिकल रेसेपिनिस्ट
कार्डिक केयर टेक्नॉल्जिस्ट
नर्सिंग असिस्टेंट
हेल्थ इन्फॉर्मेशन टेक्नीशियन
बिलिंग एंड कोडिंग टेक्नीशियन
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर
मेडिकल आफिस मैनेजर
एक्स रे टेक्नॉल्जिस्ट
रेडियोलॉजिस्ट
मेडिकल लैब टेक्नॉल्जिस्ट
इनफेक्शन कंट्रोल नर्स
फ़र्स्ट ऐड स्पेशलिस्ट, आदि
Medical Course Fees
मेडिकल कोर्स की फीस कॉलेज टू कॉलेज अलग- अलग हो सकती है। दूसरी बात ये है कि अगर आप गवर्नमेंट कॉलेज से मेडिकल कोर्स करते हैं तो वँहा फीस बहुत ही कम होती है और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में फीस काफी ज्यादा होती है। आमतौर इन मेडिकल कोर्स की फीस 30 हजार से लेकर 2 लाख के बीच होती है।
Salary in Medical field
इस फील्ड में सैलरी आमतौर पर 8 हजार से 15 हजार के बीच शुरुआती सैलरी होती है। जैसे- जैसे आपको अनुभव बढ़ता जाता है तो आपकी सैलरी में इजाफा होता जाता है।
Medical College for Course
चूंकि आप ये मेडिकल कोर्स 10वीं के बाद एंट्री लेवल के कर रहे हैं तो आप इन कोर्स को अपने नजदीकी पैरामेडिकल कॉलेज से कर सकते हैं। वैसे तो आजकल अनेक मेडिकल कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज चल रहे हैं, जंहा से आप इनमें से कोई सा भी कोर्स कर सकते हैं।
किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी मान्यता की जांच पड़ताल अवश्य ही कर लें। आप ऐसे कॉलेज से कोर्स करें, जंहा पर प्रक्टिकल की पर्याप्त सुविधाये हों। आपको ज्यादा से ज्यादा सीखने को मिले।
क्योंकि इस फील्ड में किताबी नॉलेज कम और प्रैक्टिकल नॉलेज ज्यादा मायने रखता है। कोर्स करने के बाद में आपको 6 महीने से लेकर 1 साल तक मेडिकल के फील्ड में इंटर्नशिप करनी चाहिए। इंटर्नशिप के दौरान आपको वास्तविक इस फील्ड का नॉलेज हो पायेगा और आप उसके बाद आसानी से जॉब पा सकेंगे।
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी मुरादाबाद
रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली
राममूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली
इरा मेडिकल कॉलेज लखनऊ
स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ
एनआईओएस, आदि
Conculusion: अब आपको ये तो मालूम हो गया है कि आप 10वीं के बाद कौन सा मेडिकल कोर्स कर सकते है। लेकिन यंहा पर मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूं कि आप 10वीं के बाद मेडिकल या पैरामेडिकल से संबंधित कोर्स न करें। आप 12वीं के बाद मेडिकल फील्ड से संबंधित कोर्स करें।
अगर आप 10वीं के बाद मेडिकल कोर्स कर लेते हैं तो हॉस्पिटल ज्यदातर 12वीं पास कैंडिडेट को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। जिससे आपको जॉब मिलने में आसानी होती है। इसके साथ ही 10वीं के बाद बहुत ही कम संस्थान मेडिकल कोर्स संचालित करते हैं। इसलिए आपको 12वीं के बाद ही मेडिकल फील्ड से संबंधित कोर्स करना चाहिए।
उम्मीद है 10 veen ke baad medical Course in hindi ये लेख आपको पसंद आया होगा, क्योंकि इस लेख में मैने मेडिकल फील्ड से संबंधित कोर्सेज के बारे में डिटेल में जानकारी दी है।