Arbitrage Fund: How is Arbitrage Fund for investment, how much return can be obtained in it?
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अगस्त में आर्बिट्रेज फंड में निवेश में गिरावट आई है। हालांकि, इस साल अगस्त तक म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी में करीब 65,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (एसटीसीजी) पर टैक्स बढ़ाए जाने से आर्बिट्रेज फंड पर असर पड़ा है।
अगस्त में आर्बिट्रेज फंड में निवेश 80 फीसदी घटा है। हालांकि, इस दौरान दूसरे हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा है। इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, अगस्त में आर्बिट्रेज फंड में सिर्फ 2,372 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। आर्बिट्रेज फंड भी हाइब्रिड फंड की श्रेणी में आता है। इस साल अगस्त तक आर्बिट्रेज म्यूचुअल फंड में करीब 65,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। क्या अगस्त में निवेश में कमी का मतलब यह है कि इस फंड का आकर्षण कम हो रहा है?
आर्बिट्रेज फंड क्या है?
सबसे पहले आर्बिट्रेज फंड का मतलब समझना जरूरी है। आर्बिट्रेज फंड कैश मार्केट में शेयर खरीदते हैं और उसी समय फ्यूचर्स मार्केट में बेच देते हैं। एक्सपायरी पर वे अपनी स्थिति बदल देते हैं। दोनों कीमतों के बीच का अंतर ही उनका मुनाफा होता है। लंबी अवधि में ऐसे फंड का रिटर्न आमतौर पर मनी मार्केट में इंस्ट्रूमेंट की यील्ड के बराबर होता है।
आर्बिट्रेज फंड के लिए कर नियम क्या हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (एसटीसीजी) पर टैक्स बढ़ाने से आर्बिट्रेज फंड्स पर असर पड़ा है। जुलाई में पेश किए गए बजट में सरकार ने शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था। टैक्स के लिहाज से आर्बिट्रेज फंड इक्विटी फंड की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि ये अपनी संपत्ति का 65 फीसदी हिस्सा शेयरों में निवेश करते हैं। ये बैंक बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा रिटर्न देते हैं।
क्या कर नियमों में परिवर्तन का कोई प्रभाव पड़ा है?
प्रभुदास लीलाधर कैपिटल में निवेश सेवाओं के प्रमुख पंकज श्रेष्ठ ने कहा, “केंद्रीय बजट में शेयरों के अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर कर में वृद्धि ने आर्बिट्रेज फंडों के आकर्षण को कम कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कर के मामले में डेट और इक्विटी फंड के बीच का अंतर कम हो गया है।” प्लान अहेड एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ विशाल धवन कहते हैं कि यह देखना बाकी है कि कर नियमों में बदलाव आर्बिट्रेज फंडों को कितना प्रभावित करेगा। लेकिन, टैक्स के मामले में यह श्रेणी डेट फंडों से बेहतर है। डेट म्यूचुअल फंडों के पूंजीगत लाभ पर निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। होल्डिंग अवधि का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है।
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औसत रिटर्न क्या है?
बाजार में इस समय 28 आर्बिट्रेज फंड हैं। पिछले एक साल में इस कैटेगरी के फंड का औसत रिटर्न 7.36 फीसदी रहा है। यह जानकारी वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों पर आधारित है। कोटक इक्विटी आर्बिट्रेज फंड ने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न (10 सितंबर 2024 तक) दिया है, जबकि महिंद्रा मैनुलाइफ आर्बिट्रेज फंड ने सबसे कम रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान के ब्याज दरों को लेकर फैसलों का आर्बिट्रेज फंड के रिटर्न पर असर पड़ेगा।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ब्याज दर में और कमी की गई तो आर्बिट्रेज फंड का रिटर्न घट जाएगा। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के विशाल धवन ने कहा, “इसके बावजूद टैक्स के मामले में आर्बिट्रेज फंड डेट फंड से बेहतर हैं। लेकिन इसके लिए इस फंड में निवेश को अच्छे समय तक बनाए रखना होगा। ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए आर्बिट्रेज फंड आकर्षक विकल्प बना रहेगा।”
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