Bank Merger: Merger of government banks may gain momentum again, roadmap will be released soon
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बैंक विलय: वित्त मंत्रालय ने 2019 में दस सरकारी बैंकों का विलय करके चार बैंक बनाए थे। इससे पहले सभी सात सहायक बैंकों और बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय किया गया था। इस बीच, 2022 के आम बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी, लेकिन वह भी नहीं हो पाया है।
बैंक विलय: साल 2019 में 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के बाद बैंकिंग विलय पर सरकार की चुप्पी अब टूट सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 में इस बारे में कुछ नहीं कहा। लेकिन उन्होंने देश के वित्तीय क्षेत्र में बड़े सुधारों और बदलावों के लिए विजन डॉक्यूमेंट और रणनीति जारी करने की बात कही थी।
सरकार के भीतर चल रही चर्चाओं से वाकिफ लोगों का कहना है कि वित्तीय क्षेत्र की यह रणनीति देश के भविष्य के वित्तीय क्षेत्र के विस्तार, नियमन, तकनीक के इस्तेमाल, बैंकिंग पेशेवरों के प्रशिक्षण के साथ-साथ यह भी बताएगी कि कितने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक होने चाहिए और इन बैंकों का आकार क्या होना चाहिए। यह तय है कि सरकार का अभी बैंकिंग क्षेत्र से पूरी तरह बाहर निकलने का इरादा नहीं है। यह प्रपत्र वित्त मंत्रालय द्वारा अगले तीन से छह महीने के भीतर जारी किए जाने की संभावना है। 2019 में वित्त मंत्रालय ने दस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए थे। इससे पहले सभी सात सहायक बैंकों और बैंक ऑफ बड़ौदा व देना बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय किया गया था। इस बीच 2022 के आम बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी, लेकिन वह भी नहीं हो सका है।
दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में केवल एसबीआई ही शामिल
विलय के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है। इसके बावजूद दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों में सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 48वें स्थान पर है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारतीय बैंकों का मौजूदा ढांचा वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की जरूरत के मुताबिक जरूरी फंड मुहैया नहीं करा सकता।
इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने वित्तीय क्षेत्र के लिए विजन दस्तावेज पेश करने की घोषणा की थी। अधिकारियों के अनुसार, भविष्य का विजन दस्तावेज भारत के वित्तीय क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
विज़न दस्तावेज़ बदलाव का रोडमैप देगा
इस दस्तावेज़ में बताया जाएगा कि वित्तीय क्षेत्र किस तरह देश के सभी उद्योगों, स्टार्टअप्स और लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों को विकास के लिए ऋण उपलब्ध करा सकता है। साथ ही, युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के लिए वित्तीय क्षेत्र की वर्तमान भूमिका में बदलाव का रोडमैप भी दिया जाएगा।
इसमें बताया जाएगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों और निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों की भूमिका क्या होगी। इससे वित्तीय क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और उनमें तकनीक के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश भी मिलेंगे। इस रोडमैप को लागू करने में आरबीआई की अहम भूमिका होगी।
सेबी, आईआरडीए आदि अन्य नियामक एजेंसियों के लिए अलग रोडमैप होगा। इस फॉर्म के आधार पर उक्त एजेंसियां भविष्य में विनियमन के लिए कदम उठाएंगी।