Credit Score: Now your credit score will be updated every 15 days, know what RBI has said about this
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क्रेडिट स्कोर: क्रेडिट स्कोर के त्वरित अपडेट से बैंक और ग्राहक दोनों को फायदा होगा। आरबीआई ने 8 अगस्त को इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया है। इसमें कहा गया है कि क्रेडिट संस्थानों और क्रेडिट सूचना कंपनियों को क्रेडिट स्कोर के त्वरित अपडेट के लिए आपसी सहमति से एक सिस्टम बनाना चाहिए।
क्रेडिट स्कोर: अब आपको अपने क्रेडिट स्कोर के अपडेट होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगले साल 1 जनवरी से बैंक और वित्तीय संस्थान जल्द से जल्द क्रेडिट स्कोर अपडेट करेंगे। RBI ने इसकी घोषणा की है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त को कहा कि क्रेडिट डेटा को हर 15 दिन में अपडेट किया जाना चाहिए। इसे हर महीने की 15 तारीख या आखिरी तारीख को अपडेट किया जा सकता है या क्रेडिट संस्थान (CI) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) इस संबंध में किसी एक तारीख को लेकर आपस में सहमत हो सकती हैं।
ग्राहक और बैंक दोनों को लाभ होगा
ग्राहकों को यह समझने की जरूरत है कि क्रेडिट स्कोर कोई फिक्स नंबर नहीं है, जिसकी गणना हर महीने, हर छह महीने या साल में एक बार की जाती हो। यह लगातार बदलता रहता है। जब आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं, तो इसकी गणना उस समय उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर की जाती है। जैन ने कहा कि आपका क्रेडिट स्कोर आपके क्रेडिट व्यवहार, लिए गए लोन, लोन के भुगतान, लोन डिफॉल्ट आदि के हिसाब से बदलता रहता है।
अब EMI पर डिफॉल्ट की जानकारी शामिल होने में लगता है काफी समय
आज अगर कोई व्यक्ति अपनी EMI पर डिफॉल्ट करता है तो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में इसे दिखने में 60 दिन लग सकते हैं। अगर लोन देने वाली कंपनियां या बैंक हर 15 दिन में ग्राहक की क्रेडिट जानकारी के बारे में जानकारी देते हैं तो यह 30-40 दिन में क्रेडिट रिपोर्ट में दिखने लगेगा। ऐसे में ग्राहक के EMI पर डिफॉल्ट करने का असर उसके क्रेडिट स्कोर पर जल्दी दिखने लगेगा। जो ग्राहक समय पर अपना भुगतान करते हैं उनका डेटा भी क्रेडिट रिपोर्ट में जल्दी दिखने लगेगा। इससे उनके क्रेडिट स्कोर में सुधार की संभावना बढ़ जाएगी।
नियम का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (सीआईसी) को हर 31 मार्च और 30 सितंबर को आरबीआई को उन क्रेडिट संस्थानों की सूची भेजनी होती है जो इस संबंध में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, अगर कोई सीआईसी या सीआई निर्धारित नियमों के अनुसार योजना नहीं बनाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
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