DA Hike: Big news! There will be a direct increase of ₹ 9000 in the salary of central employees, know the update
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DA Hike ताजा खबर आज: केंद्रीय कर्मचारियों का न सिर्फ महंगाई भत्ता बढ़ गया है, बल्कि अब उनकी सैलरी भी सीधे तौर पर बढ़ने वाली है. महंगाई भत्ते को मंजूरी मिलते ही उनकी सैलरी में भारी उछाल आएगा. एक झटके में कर्मचारियों की सैलरी 9000 रुपये बढ़ जाएगी.
DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह साल जबरदस्त सौगात लेकर आया है. इन्हें जनवरी से 50 फीसदी महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाएगा. ये AICPI इंडेक्स से तय हुआ है. लेकिन, केंद्र सरकार की ओर से इसकी घोषणा में अभी वक्त है. इसी बीच एक और अच्छी खबर है. केंद्रीय कर्मचारियों का न सिर्फ महंगाई भत्ता बढ़ गया है, बल्कि अब उनकी सैलरी भी सीधे तौर पर बढ़ने वाली है. महंगाई भत्ते को मंजूरी मिलते ही उनकी सैलरी में भारी उछाल आएगा. एक झटके में कर्मचारियों की सैलरी 9000 रुपये बढ़ जाएगी. दरअसल, ऐसा केंद्र सरकार के एक नियम की वजह से होने जा रहा है. यह नियम साल 2016 में बना था. अब मार्च का इंतजार है. क्योंकि मार्च में ही डीए बढ़ोतरी को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. लेकिन, क्या यह 8वें वेतन आयोग के गठन का संकेत देता है?
कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का क्या है नियम?
केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हर छह महीने में बढ़ाया जाता है. फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है. जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा. इसके बाद नियमानुसार इसे शून्य कर दिया जाएगा। क्यों? अब यहां केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियम लागू होते हैं. साल 2016 में सरकार ने नियम बनाया था कि जैसे ही महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक पहुंच जाएगा, उसे शून्य कर दिया जाएगा.
कैसे बढ़ेगी बेसिक सैलरी?
कैसे होगी बेसिक सैलरी में भारी बढ़ोतरी? इसके लिए थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं. 2016 में जब सरकार ने 7वां वेतन आयोग लागू किया तो महंगाई भत्ता शून्य कर दिया गया. गणना के लिए नया आधार वर्ष तय किया गया. शून्य महंगाई भत्ता होने से कर्मचारियों को यह फायदा हुआ कि पिछला महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन में जुड़ गया. अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही होने वाला है. महंगाई भत्ते को एक बार फिर मूल वेतन में विलय कर वेतन बढ़ाने की योजना है. मतलब, क्या 8वें वेतन आयोग के गठन का समय आ गया है?
महंगाई भत्ता शून्य हो जाएगा (0)
अब सवाल यह आता है कि ऐसा क्यों होगा? दरअसल, साल 2016 के ज्ञापन में कहा गया है कि जैसे ही महंगाई भत्ता (DA) 50 फीसदी यानी मूल वेतन का 50 फीसदी तक पहुंच जाएगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा. मतलब जीरो होने के बाद मौजूदा महंगाई भत्ता वापस 1 फीसदी, 2 फीसदी से शुरू हो जाएगा. ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि 50 फीसदी महंगाई भत्ता (DA Hike) होते ही यह मूल वेतन में मर्ज हो जाएगा. इससे कर्मचारियों को वेतन संशोधन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पहले महंगाई भत्ता 100 फीसदी से ज्यादा होता था. ये था छठी सैलरी का फॉर्मूला.
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 9000 रुपये बढ़ जाएगी
फिलहाल पे-बेड लेवल-1 पर बेसिक सैलरी 18000 रुपये है. यह सबसे न्यूनतम बेसिक है. अगर हम इसकी गणना देखें तो वर्तमान में महंगाई भत्ते के रूप में मिलने वाली कुल राशि 7560 रुपये है। लेकिन, अगर हम इसी गणना को 50 फीसदी महंगाई भत्ते पर देखें तो हमें 9000 रुपये मिलेंगे। अब यहां पेच आता है। 50 फीसदी डीए पहुंचते ही इसे शून्य कर दिया जाएगा और मूल वेतन में जोड़ दिया जाएगा. मतलब, 18000 रुपये वाले वेतन में 9000 रुपये बढ़कर 27000 रुपये हो जाएंगे। इसके बाद महंगाई भत्ते की गणना 27000 रुपये होगी। अगर डीए 0 होने के बाद 3% बढ़ जाता है, तो उनका वेतन 810 रुपये प्रति माह बढ़ जाएगा।
केंद्रीय कर्मचारियों को कब मिलेगा तोहफा?
फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 42 फीसदी है. अब अगला संशोधन जुलाई 2023 में होना है, जिसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. इसका मतलब है कि जुलाई के बाद महंगाई भत्ता 46 फीसदी की दर से बढ़ेगा. ऐसे में जनवरी 2024 के महंगाई भत्ते के संशोधन पर नजर रखनी होगी. अगर इसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक पहुंच जाएगा. अगर इसमें 3 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो ये 49 फीसदी हो जाएगा. 50 फीसदी की स्थिति में जनवरी 2024 से ही महंगाई भत्ता शून्य हो जाएगा. इसका मतलब है कि जुलाई 2024 से महंगाई भत्ते की गणना बढ़े हुए मूल वेतन पर ही की जाएगी. अगर यह 49 फीसदी पर रहता है तो हमें जुलाई 2024 तक इंतजार करना होगा.
महंगाई भत्ता शून्य क्यों किया गया?
जब भी कोई नया वेतनमान (केंद्रीय वेतन आयोग) लागू होता है तो कर्मचारियों को मिलने वाला डीए मूल वेतन में जुड़ जाता है। जानकारों का कहना है कि नियमत: कर्मचारियों को मिलने वाला 100 फीसदी डीए मूल वेतन में जुड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा संभव नहीं है. आर्थिक स्थिति आड़े आती है. हालांकि, ऐसा साल 2016 में किया गया था. इससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया था, उस वक्त पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 फीसदी डीए दिया जा रहा था. संपूर्ण डीए को मूल वेतन में मिला दिया गया। इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 हुआ. फिर नया पे बैंड और नया ग्रेड पे भी बनाया गया. लेकिन, इसे डिलीवर करने में 3 साल लग गए।
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