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DM Kaise bane

DM Kaise bane: डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कैसे बनें, क्वालिफिकेशन, डीएम एग्जाम, एग्जाम कैसे पास करें, एग्जाम पैटर्न, सिलेक्शन प्रोसेस, तैयारी कैसे करें, बेस्ट बुक्स आदि की डिटेल में जानकारी।

अगर आपका भी सपना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) बनने का है तो आज के इस लेख में हम आपको स्टेप बाई स्टेप बिल्कुल डिटेल में बताएंगे कि DM kaise bane। इस लेख में वो हर जानकारी उपलब्ध है, जिसके जरिए आप DM बनने का सपना पूरा कर सकेंगे।

किसी भी जिले की पुलिस व्यवस्था और वहां के लोगों की कानून व्यवस्था से सम्बंधित जिम्मेदारी डीएम के ऊपर होती है। DM का पद प्रशासनिक सेवा का पद होता है और ये जिले का सबसे प्रतिष्ठित पद होता है। इसलिए आज के समय मे तमाम युवा DM बनाने का सपना देखते हैं, चलिये जानते हैं कि आप कैसे DM बन सकते हैं।

DM Kaise bane

डीएम बनने के लिए उम्मीदवार को किसी भी संकाय या सब्जेक्ट से ग्रेजुएट होना चाहिए, चाहें उम्मीदवार ने, बीए, बीएससी, बीकॉम, बीटेक, बीसीए या अन्य कोई भी स्नातक के समकक्ष कोर्स मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किया है तो आप DM का एग्जाम दे सकते हैं और अगर इस एग्जाम के सभी स्टेप्स को पास कर लेते हैं तो आप DM बन जाते हैं।

डीएम बनने के लिए परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के द्वारा CSE परीक्षा आयोजित की जाती है। जिसके बाद में उम्मीदवारों का चयन आईएएस, आईपीएस, आईएएस या फिर आईएफएस अधिकारी के रूप में होता है। लेकिन इन सभी अधिकारियों का काम पदों के अनुसार अलग- अलग होता है और उनकी भूमिकाएं भी अलग-अलग होती है।

ये परीक्षा काफी कठिन परीक्षा के तौर पर जानी जाती है। इसलिए इसको क्वालीफाई करने के लिए उम्मीदवार को कड़ी मेहनत और स्मार्ट स्ट्रेटेजी के साथ ही सिस्टेमेटिक तरीके से तैयारी करने की जरूरत होती है। तभी इस परीक्षा को पास किया जा सकता है।

DM Banne ke liye Age Limit

यूपीएससी की परीक्षा CSE के लिए उम्मीदवार की कम से कम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए है। इस परीक्षा में सामान्य वर्ग के आवेदक अधिकतम 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार इसमें हिस्सा ले सकता हैं।

वहीं ओबीसी के उम्मीदवार लिए उम्र सीमा 21 से 35 साल है। इस कैटेगरी के कैंडिडेट 9 बार इस एग्जाम को दे सकते हैं।

एससी-एसटी के उम्मीदवारों लिए उम्र सीमा 21 से 37 साल होती है, इस कैटेगरी के उम्मीदवार को एग्जाम अटेम्प्ट करने की कोई लिमिट नहीं है, चाहें जितनी बार चाहें, उतनी बार इस एग्जाम को दे सकते हैं।

इसके साथ ही फिजिकली डिसएबल उम्मीदवारों के लिए उम्र सीमा 21 साल से 42 साल है। ऐसे जनरल और ओबीसी कैंडिडेट्स CSE एग्जाम को 9 बार दे सकते हैं, जबकि एससी-एसटी के लिए कोई भी लिमिट नहीं है।

DM ka Exam Pattern

यूपीएससी एग्जाम CSE (सिबिल सर्विसेज एग्जाम) पास करने के लिए उम्मीदवारों को 3 स्टेज क्लियर करने पड़ते हैं।

सबसे पहले कैंडिडेट्स को इसमे प्रीलिमिनरी एग्जाम पास करना होता है। इस एग्जाम को पास करने के बाद मेंस एग्जाम देना होता है। अगर मेंस एग्जाम पास कर लेते हैं तो फिर उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

Prelims Exam Pattern

प्रीलिम्स एग्जाम में उम्मीदवारों को दो-दो घंटे के 2 पेपर हल करने होते हैं। पहला पेपर विषय से संबंधित होता है और दूसरा पेपर सीसैट क्वालीफाइंग नेचर का होता है। इसमें पास होने के लिए 33% नंबर लाना जरूरी होता है।

पहले पेपर में प्राप्त मार्क्स के आधार पर कटऑफ तैयार किया जाता है और फिर इसी कट ऑफ के अनुसार उम्मीदवारों को मेंस एग्जाम के लिए सेलेक्ट किया जाता।

Mains Exam Pattern

मेंस एग्जाम में 9 पेपर होते हैं, जिसमें दो क्वालिफाइंग (A और B) होते हैं और सात अन्‍य मेरिट के लिए हैं। लैंग्वेज पर आधारित दोनों क्वालीफाइंग पेपर 3-3 घंटे के होते हैं।

एक पेपर निबंध लेखन का होता है और 3 घंटे में अलग-अलग पसंदीदा टॉपिक पर दो निबंध लिखने होते हैं।

इसके अलावा जनरल स्टडीज के 4 पेपर होते हैं, जिनके लिए तीन-तीन घंटे का समय निर्धारित होता है।

अंत में ऑप्शनल पेपर होता है, इसमे दो एग्जाम होते हैं और इसका विषय उम्मीदवार के द्वारा चुना जाता है। मेंस एग्जाम की मेरिट लिस्ट में क्वालीफाइंग पेपर को छोड़कर सभी पेपर्स के नंबर शामिल किए जाते हैं।

Interview

मेंस पास करने वाले सभी उम्मीदवार को एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना पड़ता है, जिसके आधार पर उनका पर्सनैलिटी टेस्ट होता है। फॉर्म में भरी गई जानकारियों के आधार पर ही इंटरव्यू के दौरान कैंडिडेट से सवाल पूछे जाते हैं। इंटरव्यू में मिले मार्क्स को पेपर्स के मार्क्स से जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसी के आधार पर उम्मीदवार की ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है।

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रैंकिंग अलग-अलग कैटेगरी (जनरल, SC, ST, OBC, EWS) के आधार पर तैयार की जाती है। फिर इसी रैंक के अनुसार उन्‍हें आईएएस, IPS या IFS रैंक दी जाती है।

जो लोग टॉप की रैंक हासिल करते हैं उनको आईएएस मिलता है। इसके बाद के रैंक पाने वालों को आईपीएस और आईएफएस की पोस्ट मिलती है। इसके बाद सभी चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी जाती है।

एक आईएएस अधिकारी सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और प्रशासनिक विभागों में नियुक्त किए जाते हैं। कैबिनेट सचिव एक IAS अधिकारी के लिए सबसे बड़ा पद होता है।

जब आईएएस अधिकारी कुछ सालों तक आईएएस के पद पर जॉब कर लेता है और उसका कार्य संतोषजनक पाया जाता है, तो उसका प्रमोशन DM के पद पर कर दिया जाता है। आपको बता दें कि कोई भी डायरेक्ट DM नही बनता है, उसको सबसे पहले आईएएस बनना पड़ता है, फिर प्रमोशन के बाद DM (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) बनते हैं।

DM Kaun Hota hai

डिस्ट्रिक्‍ट मज‍िस्‍ट्रेट (DM) भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी होता है। ये किसी भी ज़‍िले का सर्वोच्‍च कार्यकारी अधिकारी है और इसकी जिम्‍मेदारी ज़‍िले में प्रशासन‍िक व्‍यवस्था को बनाए रखने की होती है। विभिन्‍न राज्‍यों में डीएम की जिम्‍मेदारियों में थोड़ा बहुत अंतर होता है।

DM ke Karya

किसी भी ज़‍िले में कानून व्‍यवस्‍था को बनाये रखना, उस जिले के DM का प्रमुख कार्य होता है।

पुलिस प्रशासन को नियंत्रित करना और आवश्यकता पड़ने पर निर्देश देना

पुलिस व जेलों का निरीक्षण करना

मृत्यु दंड के कार्यान्वयन को प्रमाणित करना

डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट की भूमिका में रहने वाले डिप्‍टी कमीश्‍नर आपराधिक प्रशासन का प्रमुख होता है।

सभी मसलों के बारे में मंडल आयुक्त को अवगत कराना

अधीनस्थ कार्यकारी मजिस्ट्रेटों का औचक निरीक्षण करना

मंडल आयुक्त की अनुपस्थिति होने पर जिला विकास प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष के रूप में काम करना

सरकार को वार्षिक अपराध का प्रतिवेदन प्रस्तुत करना

अपराध प्रक्रिया संहिता के निवारक खंड के मुकदमों की सुनवाई करना

DM Ki Salary

डीएम के पद पर तैनात उम्मीदवार को 75 हजार से 1 लाख रुपये तक सैलरी मिलती है। सैलरी के अलावा और भी उनको अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।

DM Ka Selection kaise hota hai

1: प्री एग्जाम पास करें
2: मेंस एग्जाम पास करें
3: इंटरव्यू पास करें

DM ke Exam ki Taiyari kaise kare

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी के लिए सही ऑप्शनल सब्जेक्ट को चुनना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सब्जेक्ट के चुनाव में जरा सा भी गलत निर्णय न केवल आपको एक रैंक खराब कर सकता है, बल्कि परीक्षा में आपको फेल भी करवा सकता है। इसलिए ऑप्शनल विषय चुनते समय आपको महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना जरूरी होता है।

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1: अकेडमिक बैकग्राउंड और विषय में रुचि

जनरल स्टडीज (GS) सब्जेक्ट की तैयारी से उम्मीदवार को यह तय करना आसान हो जाता है कि आपको कौन से विषय में ज्यादा रुचि है और वे आसानी से उसकी तैयारी कर सकते हैं। कुछ उम्मीदवारों के लिए इतिहास काफी अच्छा विषय है, वहीं कुछ लोगों के लिए ये काफी बोरिंग सब्जेक्ट है। ऐसे में GS पेपर की तैयारी करते हुए ध्यान दिया जाए कि आपको किस विषय में रुचि है और किसमे अच्छी पकड़ है।

2: ऑप्शनल सब्जेक्ट से जुड़ी अध्ययन सामग्री

ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने से पहले, यह भी जान लेना जरूरी है कि उम्मीदवारों को इसकी अध्ययन सामग्री और कोचिंग की उपलब्धता के बारे में भी जान लेना चाहिए। अक्सर यह देखा गया है कि कुछ उम्मीदवार एक ऐसे विकल्प का चयन कर लेते हैं जिसमें वे सहज होते हैं लेकिन उसकी कोई खास अध्ययन सामग्री उपलब्ध नही होती है।

4: टाइम का उचित उपयोग

ऑप्शनल सब्जेक्ट आमतौर पर फाइनल मेरिट लिस्ट में उम्मीदवार के स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, ऑप्शनल सब्जेक्ट को समय की उपलब्धता के अनुसार चुना जाना जरूरी है। एक उम्मीदवार को यह भी तय करना चाहिए कि वह ऑप्शनल विषय की तैयारी करने में कितना समय दे पाएगा।

4: पिछले साल के प्रश्न देखें

ऑप्शनल विषयों के पिछले 3 से 4 पुराने प्रश्न देखें। अपनी रुचि के स्तर को समझने और किसी विषय में आप कितने सहज हैं, यह जानने के लिए सभी पिछले प्रश्नों को पढ़ें। यह सलाह आपको दी जाती है कि ऐसा आप उन 3- 4 ऑप्शनल विषयों के लिए करें जो आपको सबसे अधिक लुभाते हैं।

परीक्षा के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट सेलेक्शन कुल 25 विषयों में से अपना विषय चुनना होता है। इसमें एग्रीकल्चर, मानव विज्ञान, एनिमल हस्बेंड्री और वेटरनरी साइंस, बॉटनी, सिविल इंजीनियरिंग, केमिस्ट्री, कॉमर्स और एकाउंटेंसी, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, इकोनॉमिक्‍स, भूगोल, इतिहास, लॉ, भू-विज्ञान, मैनेजमेंट, मेडिकल साइंस,
मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फिलॉसफी, पॉलिटिकल साइंस और अंतरराष्ट्रीय संबंध,
फिजिक्स, मनोविज्ञान, समाजशास्‍त्र, स्‍टेटस्टिक्‍स, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, जू़लॉजी और भाषा (असमिया, बोडो, बंगाली, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, हिंदी, कश्मीरी, मैथिली,
कोंकणी, मलयालम, संथाली, मणिपुरी, सिंधी, तमिल, उर्दु, तेलुगु और अंग्रेजी) इनमे से आपको किसी एक का चुनाव बतौर ऑप्शनल सब्जेक्ट करना होगा।

5: कड़ी मेहनत और समर्पण

यूपीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को अपने लक्ष्य के प्रति मेहनत और कड़े प्रयासों की आवश्यकता होती है। अगर आपने DM बनने के लिए हिम्मत जुटाई है, तो फिर हमें लगता है कि आपके मार्ग में आने वाले हर तरह के अवरोधों को पार करने की क्षमता भी आपके अंदर होगी।

6: सिलेबस जानें

आईएएस की तैयारियाँ शुरू करने से पहले जरूरी है कि आप इसमे पूंछे जाने वाले सभी विषयों का पूरा सिलेबस सही से जान लें। सिलेबस में हुए बदलाव को जानें और साथ ही कभी भी जरूरत पड़ने के लिए उसकी सोफ्ट या हार्ड कॉपी भी पास रखें। जब आप सही से सिलेबस के बारे में जान और समझ लें तो फिर आप अपनी तैयारी की एक बेहतरीन रणनीति बना सकते हैं।

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7: समय सारणी बनाएं

पूर्व निर्धारित समय के अनुसार अगर आप तैयारी करते हैं आपको आगे तक इसका फायदा होगा। आपको शुरुआत करने के लिए समय सारणी तैयार करनी होगी, साथ ही आपके लिए ये भी जरूरी है कि उस तय समय में आप पूरी ईमानदारी के साथ तैयारी करें। इससे आप दिन में कई विषय पढ़ पाएंगे। पढ़ाई के साथ- साथ फिजिकल एक्टिविटी और रेजुविनेटिंग ऐक्टिविटी के लिए भी कुछ समय निकालें।

8: मूल सिद्धांतों को मजबूत करें

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए आपको इसके मूल सिद्धांतों को समझना होगा। इसके उच्च स्तरीय सिद्धांतों को समझने के लिए जरूरी है कि आपकी सब्जेक्ट्स की मूल जानकारी अच्छी हो यानिकी एनसीईआरटी किताबों में दिया हुआ ज्ञान आपको अच्छे ढंग से आता हो। जब आपकी नीवं मजबूत होगी तो आपको विषयों की विस्तृत रूप से तैयारी करने में मदद मिलेगी। जोकी यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए बहुत ही जरूरी है।

9: क्विक नोट्स तैयार करें

आईएएस की तैयारी करते समय आप कई विषयों को पढ़ेंगे। इसलिए नए विषयों को पढ़ने के साथ ही आपको पुराने विषयों को याद रखने की जरूरत भी है। इन विषयों के हस्तलिखित नोट्स आपको लम्बे समय तक याद रखने में हेल्प करेंगे। अगर पढ़ाई करते समय बोरियत लगने लगती है तो पढ़ाई के नीरस तरीके को बदलकर आप उसे रोचक बनाने के लिये सवालों के प्लेसकार्ड्स भी बना सकते हैं।

10: देश दुनिया की रखें जानकारी

एक अच्छे आईएएस अधिकारी की तरह आपको दुनिया भर की सभी ताज़ा खबरों की जानकारी रखनी होगी। इसके दोनों ही पेपर में करेंट अफेयर्स का बहुत ज्यादा महत्व होता है।

वहीं पर्सनल इंटरव्यू के लिए आप आस पड़ोस और विश्व भर के राजनैतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक जगत में होने वाली घटनाओं की जानकारी होना भी आवश्यक है। आप इसके लिए प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल की भी मदद ले सकते हैं जिनमें होने वाली बहस से आपको ये जानकारियाँ मिलेगीं। इसके अलावा तमाम वेबसाइटों और एप से भी आपको मदद मिल सकती है।

11: रोज अखबार पढ़ें

यूपीएससी की तैयारी के लिए अखबार का पढ़ना भी बहुत जरूरी है। यह न सिर्फ आपको देश, विदेश की घटनाओं से अवगत कराएगा बल्कि आपके शब्दकोश, औपचारिक लेखन की शैली को भी समृद्ध करेगा। इसलिए जरूरी है कि आप रोज कम से कम एक घंटा अखबार जरूर पढ़ें। इसके साथ ही आपने जिन भी नए शब्दों को पढ़ा है और उनका एक जर्नल तैयार करके रखें।

12: मॉक टेस्ट पर ध्यान दें

यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए जरूरी है कि आप अधिक से अधिक मॉक टेस्ट दें। क्योंकि इनके लिए एक खास समय निर्धारित होता है इसलिए आप खुद की निर्धारित समय सीमा में ही इन्हें पूरा करने की आदत को विकसित कर लें। मॉक टेस्ट की तैयारी करने के बाद में पिछले वर्षों के यूपीएससी के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना होगा। कम से कम आप पिछले पांच-छह वर्षों के प्रश्न पत्रों को समयसीमा के अंदर ही पूरा करने का अभ्यास करें। मॉक टेस्ट देना और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र को सॉल्व करना आपको व्यवहारिक रूप से यूपीएससी की परीक्षा देने के लिए तैयार करेगा।

बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?

हमारे देश में UPSC परीक्षा काफी ज्यादा महत्वपूर्ण परीक्षा मानी जाती है, इसके लिए अक्सर छात्र कोचिंग जॉइन करना पसंद करते है। कोचिंग करने से उम्मीदवार को ये लगता है कि वे आसानी से UPSC की परीक्षा को पास कर लेगे। लेकिन सही मायनों में ऐसा नही है। बल्कि इस परीक्षा को पास करने के लिए एक लक्ष्य निर्धारण के साथ ही समय सीमा और धैर्य-लगन व सही दिशा में कठिन परीश्रम आदि की जरूरत होती है जिसके बाद ही आप इस परीक्षा को पास किया जा सकता हैं।

वहीं UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ छात्रों को कोचिंग पर ज्यादा ही विश्वास होता है, इसलिए उनका सबसे पहला काम शहर की सबसे महंगी कोचिंग को जॉइन करना होता है।आपको बता दें कि अगर आपके अंदर UPSC परीक्षा को पास करने का जुनून है तो आप बिना किसी कोचिंग के ही घर रहकर इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके लिए आप यूट्यूब, वेबसाइट, एप्प, न्यूज़पेपर, बुक्स आदि की मदद ले सकते हैं।

उम्मीद है DM kaise bane ये लेख आपको पसंद आया होगा, क्योंकि यंहा पर मैंने DM बनने का पूरा प्रोसेस बताया है।

careermotto

A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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