EPFO Claim Settlement: 25% higher claims settled in first quarter of 2024-25, says EPFO
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EPFO Claim Settlement: ईपीएफओ ने एक बयान जारी कर जून तिमाही में दावों और उनके एवज में किए गए भुगतान के आंकड़ों की जानकारी दी है…
ईपीएफओ अंशधारकों को जून तिमाही के दौरान दावों के एवज में हजारों करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त हुआ। ईपीएफओ के आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2024 के दौरान दावा निपटान में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
1.36 करोड़ से अधिक दावे निपटाए गए
ईपीएफओ ने एक दिन पहले जारी बयान में इन आंकड़ों की जानकारी दी है। ईपीएफओ के बयान के मुताबिक 2024-25 की पहली तिमाही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सब्सक्राइबर्स के 1 करोड़ 36 लाख 68 हजार 13 दावों का निपटारा किया। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी एक साल पहले की समान अवधि से 25.09 फीसदी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ईपीएफओ ने 1 करोड़ 9 लाख 26 हजार 376 दावों का निपटारा किया था।
राशि के लिहाज से यह आंकड़ा इतना बढ़ गया है
ईपीएफओ द्वारा दावों के निपटान में तेजी के कारण ईपीएफओ अंशधारकों यानी पीएफ खाताधारकों को अधिक पैसा मिल पाया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पीएफ खाताधारकों को 1.36 करोड़ से अधिक दावों के एवज में 57,316.09 करोड़ रुपये का भुगतान मिला है। एक साल पहले यह आंकड़ा 45,820.69 करोड़ रुपये था। यानी रकम के लिहाज से भुगतान में 25.08 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इन अवसरों पर निकासी की सुविधा उपलब्ध है
ईपीएफओ दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जो भारत में निजी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि का प्रबंधन करता है। ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए पीएफ अकाउंट सबसे अहम सामाजिक सुरक्षा है। उन्हें कई मौकों पर पीएफ का पैसा निकालने की सुविधा मिलती है। इसी वजह से कोविड के समय में कोविड एडवांस की शुरुआत की गई थी। सब्सक्राइबर्स नौकरी छूटने, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, घर बनवाने, घर की मरम्मत करवाने, नया घर खरीदने आदि मौकों पर पीएफ से पैसा निकाल सकते हैं।
इस तरह आप अस्वीकृति के कारणों की जांच कर सकते हैं
पीएफ से पैसे निकालने की प्रक्रिया काफी हद तक ऑटोमेटेड और डिजिटल हो गई है। ईपीएफओ का कहना है कि अगर किसी सब्सक्राइबर का क्लेम खारिज होता है तो उसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजकर इसकी जानकारी दी जाती है। साथ ही एसएमएस में एक लिंक भी दिया जाता है, जिस पर क्लिक करके सब्सक्राइबर क्लेम खारिज होने की वजह जान सकता है।