EPFO is bringing a new system for claim settlement, know details
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नई व्यवस्था लागू होने के बाद किसी भी सदस्य को नौकरी बदलने पर मेंबर आईडी ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही नया अकाउंट खोलने की भी जरूरत नहीं होगी। वेबसाइट पहले से ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने सदस्यों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। अब लोगों को क्लेम सेटलमेंट या किसी अन्य परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय एक नया आईटी सिस्टम ला रहा है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले तीन महीने के भीतर नई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली में स्थानांतरित हो जाएगा। ऐसा होने के बाद क्लेम करना और बैलेंस चेक करना जैसे काम और सरल हो जाएंगे। ईपीएफओ इसके लिए एक नया आईटी सिस्टम 2.01 भी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद किसी भी सदस्य को नौकरी बदलने पर मेंबर आईडी ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। नया खाता खोलने की जरूरत नहीं होगी। वेबसाइट पहले से ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगी। आपको बता दें कि EPFO पोर्टल के जरिए आप बैलेंस चेक करने से लेकर क्लेम सेटलमेंट और PF से जुड़े दूसरे काम कर सकते हैं।
ईपीएफओ पोर्टल पर क्या समस्या है?
कई यूजर्स ने ईपीएफओ से शिकायत की थी कि पोर्टल पर कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। वहीं, पिछले साल जुलाई में रिटायरमेंट फंड बॉडी के कुछ अधिकारियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पुराने और “ढहते” सॉफ्टवेयर सिस्टम की शिकायत की थी। इसकी वजह से सब्सक्राइबर्स को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि कुछ लोगों को ईपीएफओ पोर्टल पर लॉग इन करने में दिक्कत आ रही थी। ईपीएफओ मेंबर्स को क्लेम सेटलमेंट में भी दिक्कत आ रही थी। सर्वर स्लो होने की वजह से वे अपना पैसा क्लेम नहीं कर पा रहे थे।
ईपीएफओ पोर्टल पर क्यों आ रही है दिक्कत?
लोगों का मानना है कि पोर्टल पर बहुत ज़्यादा बोझ पड़ रहा है, जिसकी वजह से ट्रैफ़िक को मैनेज करने में दिक्कतें आ रही हैं। अभी EPFO जिस IT सिस्टम पर काम करता है, उसकी क्षमता बहुत कम है। अब EPFO नया IT सिस्टम ला रहा है। तीन महीने के अंदर ये सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी।
क्या अपडेट किया जाएगा?
अपडेटेड सिस्टम में क्लेम सेटलमेंट की सुविधा ऑटो प्रोसेसिंग मोड पर होगी। सभी पेंशनर्स को एक तय तारीख पर पेंशन मिलेगी। बैलेंस चेक करने की सुविधा पहले से आसान हो जाएगी। नौकरी बदलने पर MID ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। अकाउंट ट्रांसफर करने की समस्या भी खत्म हो जाएगी। वहीं, PF खाताधारकों के पास एक ही अकाउंट होगा।
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