भारत सरकार ने अभी यह घोषणा की है जो भारत में गोल्ड ज्वेलरी करने वाले ज्वेलर्स हैं, उनको आप नए निर्धारित किए नए नियम तहत नए hallmark gold के तहत ही गहने 1 अप्रैल से बेचने होंगे,भारत सरकार के नए घोषणा तहत जो ज्वेलर्स सेक्टर के जो शेयर है, तो उनका असर इन शेयर में क्या पड़ने वाला है या आने वाले दिनों में इनके प्रॉफिट पर क्या असर होगा तो इसकी जानकारी विस्तार से लेने वाले हैं।
भारत में ज्वेलर्स का व्यापार कैसा होता है
पहले तो हम जान लेते हैं कि भारत में ज्वेलर्स का व्यापार कैसा होता है ,कोई भी इंसान अगर ज्वेलर्स में कुछ गहने खरीदने के लिए जाता था, तो वह कई लोग hallmark gold वाले गहने खरीद रहे थे, या कोई बिना हॉलमार्क के भी गहने खरीद रहे थे।
हॉलमार्क वाले गहने होते हैं उसके ऊपर कितने कैरेट की सोना है इसका जिक्र किया होता है और जो बिना हॉलमार्क के रहते हैं वह केवल बिल के माध्यम से आप बता सकते हैं कि यह सोना कितना कैरेट का है,तो यह फर्क था,पहले जो हॉलमार्क आता था वह केवल 4 डिजिट नंबर का था लेकिन सुधारित किए हुए मॉडिफाई हॉलमार्क के अनुसार भारत सरकार अब 6 डिजिट नंबर का hallmark gold पर होगा और 6 डिजिट नंबर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य होगा यह कानून एक अप्रैल 2023 से भारत सरकार द्वारा लागू कर दिया है।
hallmark gold पर लगाने से फायदा
तो अब जान लेते हैं कि भारत के नए नियमों के अनुसार hallmark gold पर लगाना अनिवार्य होगा जिससे कारण जो वह गहने लेने वाले लोग हैं उनको अधिक फायदा होने वाला है क्योंकि कई बार सोने का व्यापार करने वाले ज्वेलर्स होते थे, जो सोना लेने वाले लोगों को बिना पूरे जानकारी के ही सोना बेच देते थे मतलब 14 कैरेट से 24 कैरेट तक सोने के कैरेट प्रमाणित होते हैं लेकिन अगर इनके अगर हम सोने की किम्मत देखे तो 14 से लेकर 24 कैरेट तक हो अलग अलग रेट है।
अगर किसी को बिल बनाया जाता है तो केवल बिल पर ही कैरेट का जिक्र किया करते थे पर सोने पर कही पर भी ये जिक्र नहीं किया था तो इस तरह यह व्यापारी लोग आम लोगों को बहुत ही फसा रहे थे।
हॉलमार्क सोने गहने पर लगाने से यह भी लोगों को फायदा होगा कि अगर वह दो-तीन साल बाद जब हॉलमार्क वाले सोने बेचने के लिए लोग जाते है तो उसकी जो कीमत है वो जो वर्तमान सोने की कीमत है वही मिलने वाली है लेकिन बिना hallmark gold गहने बेचने के लिए अगर आप ज्वेलर्स के पास जाते हैं तो आपको उसकी कम कीमत मिलती है।
hallmark gold पर लगाने के नुकसान
भारत सरकार की hallmark gold वाली स्कीम लागू करने से कुछ नुकसान भी होने वाले हैं मान लीजिए भारत के लोग अक्सर शादी या त्योहार में ही ज्यादा से ज्यादा लोग सोने की खरीदारी करते हैं लेकिन अक्सर हम जो लोग अपने रिश्तेदार हैं उनके देने के लिए गहने लेते हैं तो अगर रिश्तेदार में कहीं देने हो तो बिना हॉल मार्क वाले कम प्राइस वाले सोने का चुनाव करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें चीज भी बड़ी मिल जाती है और पैसे भी कम देने पड़ते हैं जिससे कारण लोग बिना hallmark gold खरीदना अधिक पसंद करते हैं लेकिन अगर भारत सरकार पूरी तरह से हॉल मार्क वाले ही अगर सोना बेचने जाएंगे तो लोगों के जेब पर इसका बुरा असर आने वाले दिनों में पढ़ने वाला है।
सोने का व्यापारी का नहीं होगा अब अधिक मुनाफा
आप बात करते हैं जो सोने का व्यापार करने वाले लोगों को क्या नुकसान होगा पहले बात करते है अगर किसी को 22 कैरेट का सोना चाहिए बिना hallmark gold को बोलकर उसे वह 18 कैरेट के सोने दे देते थे जिससे कारण उनको अधिक मुनाफा होता था लेकिन अब अगर 22 कैरेट का अगर किसी की है खरीदारी कर रहा है तो उसे 22 कैरेट का सोना देना होगा तो जो पहले उनको फायदा हो रहा था वह सोने के व्यापार करने वालों लोगों को नहीं होगा।
सोना खरीदना का नया प्रोसेस
तो आप जानते हैं कि hallmark gold अगर आपको सोना खरीदना है तो आपको एक प्रोसेस से गुजर होगा अगर मान लीजिए आपने कुछ सोने की चीजें खरीदने के लिए ज्वेलर्स पास जाते है तो भारतीय मानक ब्यूरो यानी BIS ज्वेलर्स शॉप मे जाकर आपको सोना खरीदना होगा फिर जो ज्वेलर्स की दुकान है वह बीआईएस के ऑफिस में उस गहने को भेजा जाएगा और वहीं पर वह लोग सोने की पर कितना कैरेट का है वह हॉल मार्क लगा कर आपको दे देंगे तो यह लंबा प्रोसेस होगा और इसके लिए आपको ₹200 का चार्ज भी देना पड़ेगा और लंबे समय के लिए आप को रुकना भी पड़ सकता है।
ज्वैलरी की कैरेट शुद्धता
आप जान लेते हैं कि सोने में कैरेट का क्या महत्व है तो 24 कैरेट के सोने में 100% पर्सेंट सोना होता है शुद्ध सोना होता है जिससे आप गहने नहीं बना सकते क्योंकि वह बहुत ही सॉफ्ट होता है तो अक्सर 24 कैरेट के सोने से coin या बिना कोई आकार से सॉलिड में रखा जाता है अब जान लेते हैं 22 कैरेट के सोने में अगर हम सोने की शुद्धता की बात करें तो उसमें 91.6% का ही सोना होता है बाद में अब बात करते हैं 18 कैरेट का सोना जिसमें 75% का सोना होता है और14 कैरेट के सोने के में 58.5% ही सोना होता है तो सबसे अधिक किम्मत 24 कैरेट के सोने की होती है और सबसे कम 14 कैरेट के सोने की होती है।
गोल्ड स्टॉक पर असर
विश्व भर में चाइना के बाद भारत सबसे अधिक आयत सोने का करता है भारत में कई सारे धर्म है लेकिन हर धर्म में सोने पहनना शुभ माना गया है इसलिए किसी भी फेस्टिवल में सोने की चीज लेना और अपने घर पर रखना भारत में शुभ माना गया है अब बात करते है की भारत में एक एक सोने के सर्वे के अनुसार भारत के पूरे घर पर ही 25 हजार टन सोना मौजूद है तो इस बात का और अगर अपने पूरा आर्टिकल पढ़ा होगा तो इस गोल्ड स्टॉक पर अच्छा खासा असर पद सकता है हम अगर बात करे कल्याण ज्वेलर्स इंडिया लिमिटेड जो सोने के वस्तु बनाकर व्यापार करती है तो भारत सरकार के इस निर्णय का फायदा और नुकसान क्या होगा ये आने वाले तिमाही के नितीजे ही तय करंगे साथ में मुथूत फ़ाइनेंस लिमिटेड पर आपको इस खबर का असर जरूर होगा।
FAQ
सवाल-हॉलमार्क का चिन्ह कैसा होता है
जवाब-पहले तो ये तिकोना आकार का huid नंबर होता है जो 6 डिजिट का होता जिसपर 14k585 मतलब 14 कैरेट का सोना है ये आप आसानी से समझ सकते है
सवाल-22 कैरेट में कितना ग्राम होता है
जवाब–22 कैरेट में 4.4 ग्राम सोना होता है
सवाल-कैरेट क्या होता है
जवाब- दुनायाभर में सोने की शुद्धता की पहचान करने के लिए कैरेट का उपयोग किया जाता है जिसमें 14 कैरेट से 24 कैरेट तक सोने के प्रमाण होते है जिसमे 14 कैरेट के सोने में 58% केवल सोना होता है और इसकी किम्मत भी कम होती है 24 कैरेट के सोने के किम्मत अधिक होती है क्यू की उसमे में सोने की हिस्से की बात करे तो वो 99.9% होती है।
निष्कर्ष- भारत सरकार के कोई भी क्षेत्र में जो बड़े निर्णय होते है वो अधिक खास होते है इसलिए क्यू की ये जनता को हित को देखते हुई लिए जाते है
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