Income Tax Exemption: Good news for Salaried people! Income tax exemption up to ₹ 15 lakh can be available in the budget, know updates
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इनकम टैक्स में छूट: बजट के जरिए दो तरह के फैसले लिए जा सकते हैं. सबसे पहले सरकार इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ा सकती है. दूसरे में सरकार कार या घर की खरीद पर टैक्स घटाकर राहत दे सकती है. महंगाई को देखते हुए अर्थशास्त्रियों ने भी सरकार को 15 लाख तक की सालाना आय पर टैक्स दरें कम करने की सलाह दी है.
आयकर छूट: केंद्रीय बजट में सरकार मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दे सकती है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह राहत इनकम टैक्स में बदलाव के तौर पर हो सकती है. बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. इसके लिए जरूरी तैयारियां शुरू हो गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से भी मुलाकात की है.
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बजट के जरिए दो तरह के फैसले लिए जा सकते हैं. सबसे पहले सरकार इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ा सकती है. दूसरे में सरकार कार या घर की खरीद पर टैक्स घटाकर राहत दे सकती है. पिछले बजट में सरकार ने पुराने टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया था. लेकिन, नई व्यवस्था के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया.
इसका मतलब है कि फिलहाल सात लाख तक की सालाना आय वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू होने के बाद कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. हालांकि, महंगाई और अन्य आर्थिक पहलुओं को देखते हुए लोग मांग कर रहे हैं कि इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाए. इसी तरह अन्य टैक्सों में भी राहत देने का फैसला लिया जा सकता है.
किसे मिलेगी राहत?
रॉयटर्स के मुताबिक सरकार 10-15 लाख रुपये सालाना आय वालों पर टैक्स का बोझ कुछ कम कर सकती है. फिलहाल 10-15 लाख सालाना आय वाले लोगों के लिए दो टैक्स स्लैब हैं। इसमें 10-12 लाख के स्लैब में आने वाले लोगों पर 15 फीसदी और 12 से 15 लाख के स्लैब में आने वाले लोगों पर 20 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं, 15 लाख से ज्यादा के स्लैब में आने वाले लोगों पर 30 फीसदी टैक्स लगता है.
अर्थशास्त्रियों ने भी दी सलाह
महंगाई को देखते हुए अर्थशास्त्रियों ने भी सरकार को 15 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स दरें कम करने की सलाह दी है. दरअसल, महंगाई के कारण बड़े शहरों में रहने वाले ज्यादातर लोग अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा घर और कार की ईएमआई पर चुकाते हैं। फिर बच्चों की स्कूल फीस, राशन और अन्य जरूरी चीजों पर भी काफी पैसे खर्च होते हैं. इस पर वे जीएसटी के रूप में टैक्स भी देते हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार इनकम टैक्स में राहत दे सकती है.