Indian Passport Holders: Good news! Thailand has announced the introduction of e-visa for Indians, know details
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भारतीय पासपोर्ट धारक: थाईलैंड ने भारतीय नागरिकों के लिए ई-वीजा शुरू करने की घोषणा की है। इससे भारत का कोई भी पासपोर्ट धारक ई-वीजा के साथ थाईलैंड जा सकेगा। इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें वीजा के दिनों में कोई कटौती नहीं होगी। ई-वीजा से भी आप थाईलैंड में 60 दिनों तक रह सकेंगे। यह सुविधा अगले साल से उपलब्ध होगी. आइए जानते हैं पूरी खबर.
भारतीय पासपोर्ट धारक: अगर आप बैंकॉक जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। थाईलैंड ने भारतीय नागरिकों के लिए ई-वीजा शुरू करने की घोषणा की है। ई-वीजा से भी आप थाईलैंड में 60 दिनों तक रह सकेंगे। इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें वीजा के दिनों में कोई कटौती नहीं होगी। ई-वीजा से भी आप थाईलैंड में 60 दिनों तक रह सकेंगे।
रॉयल थाई दूतावास के मुताबिक, गैर-थाई नागरिकों को सभी प्रकार के वीजा के लिए वेबसाइट पर आवेदन करना होगा https://www.thaievisa.go.thआप इसमें आसानी से लॉगिन कर सकते हैं. आवेदकों को वीजा शुल्क का भुगतान करना होगा। इसके लिए संबंधित दूतावास और महावाणिज्य दूतावास ऑफ़लाइन भुगतान विकल्प प्रदान कर रहे हैं। एक बार जब आपने वीज़ा प्राप्त कर लिया तो उस पर लिया गया शुल्क वापस नहीं किया जाएगा। थाईलैंड में घूमने लायक जगहें
थाईलैंड में पर्यटकों के घूमने लायक कई खूबसूरत जगहें हैं। इनमें बैंकॉक, पटाया और फुकेत जैसे तटीय इलाके शामिल हैं। उत्तर में चियांग माई और दक्षिण में क्राबी भी है। क्राबी अपने खूबसूरत समुद्रतटों और समुद्र में फैले अनोखे द्वीपों के लिए भी मशहूर है।
क्राबी में फुकेत और पटाया की तरह पर्यटकों की भीड़ नहीं है। एकांत और शांति की तलाश कर रहे लोगों के लिए यह सबसे अच्छी जगह होगी। क्राबी के पास फी फी द्वीप की माया खाड़ी एक काल्पनिक भूमि की तरह है। क्राबी में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, लेकिन भारत से कोई उड़ानें नहीं हैं। आपको सबसे पहले राजधानी बैंकॉक जाना होगा।
फुकेत बैंकॉक से 862 किमी दक्षिण में है। थाईलैंड के इस सबसे बड़े द्वीप को अंडमान सागर का हीरा भी कहा जाता है। फुकेत प्रांत में कुल 40 छोटे-बड़े द्वीप हैं। मुख्य द्वीप उत्तर में फांग नगा प्रांत से दो पुलों द्वारा जुड़ा हुआ है। अंडमान सागर में फुकेत की अन्य तीन दिशाओं को समुद्र की गहराई का पता लगाने के लिए सबसे अच्छे गोताखोरी स्थलों में से एक माना जाता है।
टाइगर गुफा मंदिर यानी वाट थाम सुआ क्राबी शहर से तीन किलोमीटर दूर है। यहां की गुफाओं के अंदर चट्टानों पर बाघ के पंजे जैसे निशान मौजूद हैं। इसीलिए इन्हें टाइगर गुफा मंदिर कहा जाता है। खिरीवोंग घाटी में आसपास की पहाड़ियों में कई गुफाएं और सैकड़ों साल पुराने बरगद के पेड़ हैं। बौद्ध ध्यान (मुख्यतः विपश्यना) का यह प्रमुख केंद्र ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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