Indian Railways: Good news! You can travel in AC on sleeper ticket, know railways special rule
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भारतीय रेलवे: भारतीय रेलवे यात्रियों को एक ऐसी खास सुविधा मुहैया कराती है। जिसमें आप स्लीपर टिकट पर एसी कोच में यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको टिकट बुक करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं कि आप स्लीपर टिकट के साथ एसी कोच में कैसे यात्रा कर सकते हैं।
भारतीय रेलवे: अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो आपको इस योजना के बारे में पता होना चाहिए। रेलवे (रेल मंत्रालय) में ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम नामक एक योजना है। इसमें यात्रियों को जिस श्रेणी में टिकट लिया गया था, उससे एक श्रेणी ऊपर अपग्रेड कर दिया जाता है। मतलब कि अगर किसी यात्री ने स्लीपर क्लास में टिकट लिया है तो उसे मुफ्त में थर्ड एसी में अपग्रेड किया जाता है। वहीं अगर थर्ड एसी का टिकट लिया जाता है तो उसे 2एसी में अपग्रेड कर दिया जाता है।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेनों में सफर करने के लिए तीन तरह के कोच यानी कोच होते हैं. जिसमें जनरल कोच, स्लीपर कोच और एयर कंडीशनर कोच शामिल हैं. तीनों तरह के कोच में सबसे बड़ा अंतर यह है कि आप सामान्य टिकट से जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं. वहीं स्लीपर और एसी के लिए आपको रिजर्वेशन कराना होगा.
स्लीपर टिकट के साथ एसी में यात्रा कैसे करें
रेलवे द्वारा ऑटो अपग्रेडेशन की सुविधा प्रदान की जाती है। हालांकि, यात्रियों को टिकट बुक करते समय यह विकल्प चुनना होगा। यदि आप ऑटो अपग्रेडेशन का विकल्प चुनते हैं, तो जिस कोच क्लास में आप टिकट बुक करते हैं, उससे ऊंची क्लास में टिकट बुक हो जाता है। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर आप स्लीपर कोच में टिकट बुक करते हैं तो ऑटो अपग्रेडेशन में वही टिकट एसी कोच में अपग्रेड हो जाएगा। इस सेवा की सबसे खास बात यह है कि रेलवे इसके लिए यात्रियों से एक भी पैसा नहीं लेता है। इस सुविधा का लाभ तभी मिलता है जब ऊपर के कोच में सीटें खाली हों.
जानिए कब शुरू हुई ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम
भारतीय रेलवे ने लंबे समय तक आंतरिक अध्ययन किया और पाया कि ट्रेनों की मांग और आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर है। एक तरफ स्लीपर क्लास में सीटों के लिए होड़ मची है तो दूसरी तरफ एसी क्लास में सीटें खाली जा रही हैं. एसी क्लास में भी 3AC में बर्थ की काफी डिमांड रहती है. लेकिन 2AC और फर्स्ट AC में ऐसी कोई मांग नहीं है. इसके बाद ऑटो अपग्रेडेशन योजना की रूपरेखा तैयार की गयी. जिसके चलते सीटें खाली होने पर टिकट अपग्रेड होने लगे। इसकी शुरुआत साल 2006 में हुई थी.
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