News

ITR Filing 2024: Your ITR may be rejected due to these 5 reasons, know details

– विज्ञापन –

– विज्ञापन –

ITR Filing 2024: आयकर विभाग लगातार करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए रिमाइंडर भेज रहा है। अब तक 4 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल हो चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ रिटर्न दाखिल करना ही काफी नहीं है। इसे सही तरीके से दाखिल करना जरूरी है वरना रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।

अगर आयकर रिटर्न (आईटीआर) सही तरीके से दाखिल नहीं किया जाता है, तो इसके खारिज होने की संभावना बनी रहती है। इसीलिए टैक्स एक्सपर्ट आईटीआर फॉर्म भरते समय सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। उनका यह भी कहना है कि करदाताओं को जल्दबाजी में रिटर्न दाखिल नहीं करना चाहिए। अगर किसी कारण से करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने में परेशानी आ रही है, तो उन्हें सीए या टैक्स एक्सपर्ट की कंसल्टेंसी सेवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि आयकर रिटर्न खारिज होने के बाद करदाताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि करदाताओं को आम तौर पर कौन सी गलतियों से बचना चाहिए।

1. फॉर्म में गलत जानकारी

करदाताओं को आयकर फॉर्म में कोई भी गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए। किसी भी ऐसे कटौती का दावा नहीं करना चाहिए जिसका वह हकदार नहीं है। फॉर्म जमा करने से पहले एक या दो बार सारी जानकारी जांच लेनी चाहिए। कई बार गणना की गलतियों के कारण फॉर्म में गलत जानकारी दर्ज हो जाती है, जिसके कारण फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है। करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए सही फॉर्म के इस्तेमाल पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

2. फॉर्म 16 और एआईएस डेटा के बीच अंतर

आयकर विभाग के पास करदाताओं की हर वित्तीय स्थिति पर नज़र रखने के कई तरीके हैं। इनमें सबसे अहम है वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस)। इसी तरह वेतनभोगी करदाताओं के लिए सबसे अहम दस्तावेज़ है फॉर्म-16। आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले फॉर्म 16 और एआईएस में दी गई जानकारी को ठीक से समझ लेना ज़रूरी है। इससे आईटीआर में गलत जानकारी दर्ज होने की संभावना कम हो जाएगी। करदाताओं को फॉर्म 16 और एआईएस के डेटा का मिलान करने की सलाह दी जाती है।

3. समय सीमा तक फॉर्म जमा न करना

आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख से पहले आईटीआर फॉर्म जमा करना जरूरी है। आमतौर पर करदाता आईटीआर फॉर्म पहले ही भर देते हैं, लेकिन उसे जमा नहीं करते। अगर किसी कारण से फॉर्म समय पर जमा नहीं किया गया तो उनका रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है। फॉर्म रिजेक्ट होने के बाद पेनल्टी के साथ दोबारा रिटर्न दाखिल करना होगा।

4. कर गणना में गलती

टैक्स देनदारी की गणना में गलती होने पर भी ITR रिजेक्ट होने की संभावना रहती है। इसलिए रिटर्न दाखिल करने से पहले करदाताओं को अपनी टैक्स देनदारी की सही गणना कर लेनी चाहिए। उन्हें कटौती, छूट और टैक्स दर की सही गणना कर लेनी चाहिए। अगर किसी तरह की परेशानी आ रही है तो टैक्स एक्सपर्ट की सलाह ली जा सकती है।

5. फॉर्म का सत्यापन न करना

इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने के बाद उसे वेरिफाई करना जरूरी है। इसे वेरिफाई करने के कई तरीके हैं। आधार से ओटीपी के जरिए इसे वेरिफाई किया जा सकता है। नेटबैंकिंग के जरिए इसे वेरिफाई किया जा सकता है। आईटीआर-वी फॉर्म पर हस्ताक्षर करके उसे बेंगलुरु स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर भेजा जा सकता है। अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं और उसे वेरिफाई करना भूल जाते हैं तो आपका रिटर्न अमान्य माना जाएगा। आईटीआर वेरिफाई करने की एक डेडलाइन होती है।

यह भी पढ़ें-

careermotto

A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

Related Articles

Back to top button