ITR Filing: Taxpayers are not able to claim rebate of Rs 25,000 on short term capital gains, know the whole matter
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ITR Filing 2024: 5 जुलाई से करदाताओं को एक अजीबोगरीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नई व्यवस्था के करदाता जिन्होंने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स बुक किया है, वे सेक्शन 87A के तहत 25,000 रुपये की छूट का दावा नहीं कर पा रहे हैं। यह समस्या 5 जुलाई को रिटर्न फाइलिंग यूटिलिटी अपडेट होने के बाद शुरू हुई।
आईटीआर फाइलिंग 2024: इस महीने आयकर पोर्टल पर टैक्स-फाइलिंग यूटिलिटी अपडेट की गई है। इसके बाद नई व्यवस्था के करदाताओं को शॉर्ट कैपिटल गेन होने पर 25,000 रुपये की वैध छूट छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह आयकर अधिनियम, 1961 के नियमों के अनुसार नहीं है। आयकर में छूट इसलिए दी जाती है ताकि कम आय वाले लोगों पर कर का बोझ कम हो। कर का बोझ कम होने की वजह से करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करने में रुचि दिखाते हैं।
कुल कर योग्य आय के संबंध में भ्रम
पिछले साल पेश किए गए बजट (बजट 2023) में सरकार ने आयकर की नई व्यवस्था में 25,000 रुपये की छूट की अनुमति दी थी, अगर करदाता की आय सालाना 7 लाख रुपये से कम है। चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि यह भ्रम इसलिए हो रहा है क्योंकि ‘कुल कर योग्य आय’ के लिए अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत है।
5 जुलाई तक उपलब्ध थी छूट
टैक्सआराम इंडिया के संस्थापक मयंक मोहनका ने कहा, “हम नई आयकर व्यवस्था में यह खास ट्रेंड देख रहे हैं। जिन लोगों की शुद्ध आय 7 लाख रुपये से कम है, अगर उन्होंने 15 फीसदी का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बुक किया है, तो वे 25,000 रुपये की छूट का दावा नहीं कर पा रहे हैं।” चौंकाने वाली बात यह है कि यह छूट 5 जुलाई, 2024 तक दाखिल रिटर्न पर उपलब्ध थी।
टैक्स-फाइलिंग उपयोगिता अपडेट होने के बाद समस्याएँ
यह समस्या टैक्स-फाइलिंग यूटिलिटी अपडेट होने के बाद शुरू हुई। यह छूट वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए है। करदाताओं ने मनीकंट्रोल को बताया है कि 5 जुलाई तक दाखिल रिटर्न पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स बुक करने के बावजूद करदाताओं को इस छूट का दावा करने की अनुमति है। मोहनका ने कहा, “इनकम टैक्स यूटिलिटी (5 जुलाई, 2024) के अपडेट के बाद, हम इस छूट का दावा करने में सक्षम नहीं हैं।”
25,000 रुपये की छूट का दावा कौन कर सकता है?
सेक्शन 111A के अनुसार, अगर करदाता की सकल कुल आय 7 लाख रुपये से कम है, तो वह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स बुक करने के बावजूद छूट का दावा कर सकता है। सिर्फ़ सेक्शन 112A में कहा गया है कि अगर इंडेक्सेशन के बिना 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स का दावा किया गया है, तो 87A के तहत छूट नहीं मिलेगी। इसके लिए इस सेक्शन में एक क्लॉज़ जोड़ा गया है।
इसे एक उदाहरण की मदद से समझें
इस पूरे मामले को एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए तृप्ति की सैलरी और दूसरे स्रोतों से 6.5 लाख रुपये की आय है। उसे 3 लाख रुपये का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ है। चूंकि उसकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये से कम है, इसलिए उसे 87A के तहत 25,000 रुपये की छूट मिलनी चाहिए। लेकिन, वह छूट का दावा नहीं कर पा रही है। चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि 3 लाख रुपये के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को अलग से इनकम नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि इस पर टैक्स की ऊंची दर (15 फीसदी) लागू होती है।
आयकर नोटिस बाद में आ सकता है
दूसरी ओर, 5 लाख रुपये वेतन आय और 2 लाख रुपये शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन वाले राजेश सेक्शन 87ए के तहत छूट का दावा करने में सक्षम हैं। ऐसा लगता है कि इस मामले में बाद में कई करदाताओं को नोटिस मिल सकते हैं, जबकि इस छूट के हकदार करदाताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह यह है कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है, जिसमें दावा किया गया हो कि आय पर विशेष दर का दावा करने वाले करदाता को यह छूट नहीं मिलेगी।