LIC and Zomato caught in the GST mess; Know how many notices each company got
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LIC GST नोटिस: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और जोमैटो को GST नोटिस मिला है। LIC को कर अधिकारियों से एक नोटिस मिला है जिसमें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए GST के कम भुगतान के लिए 605.58 करोड़ रुपये की मांग की गई है। LIC ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए एक बयान में कहा कि उसे महाराष्ट्र GST प्राधिकरण से कर के साथ ब्याज और जुर्माने के लिए एक नोटिस मिला है। बीमा कंपनी ने कहा कि मुंबई में संयुक्त राज्य कर आयुक्त (अपील) के समक्ष आदेश के खिलाफ अपील की जा सकती है।
294 करोड़ पर 281 करोड़ का ब्याज
एलआईसी ने कहा कि यह मामला इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत लाभ उठाने और कम रिफंड तथा देर से भुगतान पर ब्याज से जुड़ा है। एलआईसी को मुंबई के राज्य कर उपायुक्त से 294 करोड़ रुपये जीएसटी, 281 करोड़ रुपये ब्याज और 29 करोड़ रुपये जुर्माने का नोटिस मिला है। बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी ने कहा कि इसका उसकी वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। इससे पहले भी कई कंपनियों को जीएसटी की ओर से टैक्स को लेकर नोटिस भेजा जा चुका है।
जोमैटो को 4.59 करोड़ रुपये का नोटिस
इसके अलावा ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो को तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के जीएसटी अधिकारियों से नोटिस मिले हैं, जिसमें जुर्माना और ब्याज सहित 4.59 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की गई है। कंपनी ने कहा कि वह तमिलनाडु के नुंगमबक्कम डिवीजन के जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में सहायक आयुक्त और पश्चिम बंगाल के राजस्व विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा पारित मांग आदेशों के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है।
तमिलनाडु कर प्राधिकरण ने केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 और तमिलनाडु माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 73 के तहत 81,16,518 रुपये के जीएसटी के लिए लागू ब्याज (निर्धारित नहीं) और 8,21,290 रुपये के जुर्माने के साथ आदेश पारित किया। इस बीच, पश्चिम बंगाल प्राधिकरण ने केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 और पश्चिम बंगाल माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 73 के तहत 1,92,43,792 रुपये के जीएसटी, 1,58 रुपये के ब्याज की वसूली के लिए आदेश पारित किया। ₹12,070 और 19,24,379 रुपये का जुर्माना।
स्टॉक एक्सचेंज को भेजे नोटिस में ज़ोमैटो ने कहा कि उसने अपने पक्ष में ज़रूरी दस्तावेज़ भी जमा कर दिए हैं. लेकिन ‘ऐसा लगता है कि अधिकारियों ने आदेश पारित करते समय इस पर ध्यान नहीं दिया.’ ज़ोमैटो ने कहा, ‘कंपनी का मानना है कि संबंधित अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष मामले का बचाव करने के लिए उसके पास एक मज़बूत मामला है और इससे कंपनी पर कोई वित्तीय प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.’