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Many banks including SBI have started new FD scheme, now customers will get more returns

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बैंक लगातार FD पर ब्याज बढ़ा रहे हैं। इनमें सरकारी बैंक भी शामिल हैं। SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी FD के लिए नई स्कीम लॉन्च की हैं। ICICI बैंक और एक्सिस बैंक ने भी FD रेट बढ़ा दिया है।

बैंक लगातार फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज बढ़ा रहे हैं. इसमें पीएसयू बैंक भी पीछे नहीं हैं. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ‘अमृत वृष्टि’ नाम से एक नई स्कीम लॉन्च की है. यह स्कीम 15 जुलाई 2024 से लागू हो गई है. वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा ने स्पेशल मानसून स्कीम के जरिए डिपॉजिट रेट बढ़ा दिया है. इस महीने की शुरुआत में दो प्राइवेट बैंकों ICICI और एक्सिस बैंक ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट दरों में बढ़ोतरी की थी. SBI की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 444 दिनों के निवेश पर आप 7.25% तक सालाना ब्याज पा सकते हैं. इतना ही नहीं, वरिष्ठ नागरिकों को 0.50% अतिरिक्त ब्याज भी मिलेगा. इस टर्म डिपॉजिट स्कीम पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 फीसदी ब्याज मिलेगा.

यह स्कीम भारतीय और NRI दोनों तरह के ग्राहकों के लिए है। इसे SBI ब्रांच, इंटरनेट बैंकिंग और YONO ऐप से खोला जा सकता है। SBI की अमृत वृष्टि स्कीम 31 मार्च 2025 तक उपलब्ध रहेगी। इसमें आपको 444 दिनों के लिए पैसे जमा करने होंगे। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ग्राहकों को 399 दिन की जमा पर 7.25% और 333 दिन की जमा पर 7.15% ब्याज ऑफर किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को 0.50% की अतिरिक्त ब्याज दर मिलेगी। 399 दिनों के लिए यह 7.75% और 333 दिनों के लिए 7.65% होगी।

बैंकों को ग्राहकों की बात सुननी चाहिए

इस बीच आरबीआई ने डिफॉल्टर को फ्रॉड घोषित करने के संबंध में नई गाइडलाइन जारी की है। कोई भी व्यक्ति जो बैंक से लोन लेता है और समय पर उसे नहीं चुकाता है, उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। आरबीआई के निर्देश के मुताबिक कोई भी बैंक बिना सुनवाई के किसी डिफॉल्टर को फ्रॉड की श्रेणी में नहीं डाल सकता। आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी के लिए फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट को लेकर मास्टर डायरेक्शन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उन्हें लोन लेने वाले व्यक्ति को डिफॉल्टर घोषित करने से पहले 21 दिन का कारण बताओ नोटिस भेजना होगा। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि कोई भी बैंक बिना सुनवाई के किसी व्यक्ति को फ्रॉड की श्रेणी में नहीं डाल सकता। किसी को डिफॉल्टर घोषित करने से पहले उसे अपनी बात रखने का मौका भी दिया जाना चाहिए। उसकी दलील सुनी जानी चाहिए और कारण पता चलने के बाद ही उसे फ्रॉड की श्रेणी में रखा जा सकता है। नए सर्कुलर के मुताबिक फ्रॉड का पता लगाने के लिए डेटा एनालिटिक्स का भी इस्तेमाल करना होगा। साथ ही किसी कंपनी या व्यक्ति से जुड़े फ्रॉड को घोषित करने से पहले न्याय के सिद्धांतों का पालन करना होगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2023 के फैसले को ध्यान में रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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