Mutual Funds: These 4 big benefits of SIP, but if you make these mistakes then you will have to face big losses.
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म्यूचुअल फंड: वैसे तो निवेश के लिहाज से अब कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन अगर आप आने वाले सालों में तेजी से पैसा कमाना चाहते हैं तो अपने पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड-एसआईपी को जरूर शामिल करें। लेकिन निवेश करने से पहले उन बातों को जरूर जान लें जिनकी वजह से लोगों को अक्सर नुकसान का सामना करना पड़ता है।
निवेश एक ऐसा माध्यम है जो आपके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करता है। यही कारण है कि ज्यादातर वित्तीय विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आपको अपनी पहली सैलरी से ही निवेश करने की आदत शुरू कर देनी चाहिए और जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती जाए, आपको अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के निवेश जोड़ने चाहिए। अगर आपने अभी तक निवेश शुरू नहीं किया है तो इस नए साल से निवेश शुरू कर दें.
वैसे तो निवेश के लिहाज से अब कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन अगर आप आने वाले सालों में तेजी से पैसा कमाना चाहते हैं तो अपने पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड-एसआईपी को जरूर शामिल करें। चूंकि यह बाजार से जुड़ा हुआ है, इसलिए गारंटीड रिटर्न के बारे में नहीं कहा जा सकता, लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि यह औसतन 12 फीसदी का रिटर्न देता है. लॉन्ग टर्म एसआईपी के जरिए आप अपने भविष्य के लिए एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। यहां जानें इसके 4 बड़े फायदे-
1- लचीलापन
एसआईपी का सबसे पहला फायदा यह है कि एसआईपी के जरिए निवेश करने में निवेश की अवधि और रकम को लेकर लचीलापन होता है। यानी आप अपनी सुविधा के अनुसार मासिक, त्रैमासिक या छमाही निवेश अवधि का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा जब भी आपको जरूरत हो आप इसे रोककर अपनी एसआईपी से पैसे निकाल सकते हैं और जैसे-जैसे आपकी आमदनी बढ़े तो आप इसमें निवेश बढ़ा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एसआईपी में हर साल 5 या 10 फीसदी की दर से थोड़ा पैसा जोड़ा जाए तो इससे लंबी अवधि में बड़ा फायदा मिलता है।
2- ब्याज पर ब्याज भी
एसआईपी में कंपाउंडिंग का बहुत बड़ा फायदा है, यानी आपके निवेश पर ब्याज तो मिलता ही है, उस ब्याज पर ब्याज भी मिलता है। इसलिए एसआईपी लंबे समय के लिए करनी चाहिए, यह जितनी लंबी होगी, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ही ज्यादा होगा।
3- रुपये की औसत लागत
एसआईपी में आपको रुपये की औसत लागत का लाभ मिलता है। यानी अगर बाजार में गिरावट है और आपने पैसा लगाया है तो आपको ज्यादा यूनिट्स आवंटित की जाएंगी और अगर बाजार बढ़ रहा है तो आवंटित यूनिट्स की संख्या कम होगी। ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत रहता है। इसका मतलब है कि बाजार गिरने पर भी आपको घाटा नहीं होगा। ऐसे में जब बाजार चढ़ता है तो आपको अपने औसत निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने का मौका मिलता है।
4- अनुशासित निवेश की आदत
एसआईपी के जरिए आप एक निश्चित समय के लिए बचत करना सीखते हैं यानी आपको जो भी पैसा मासिक, त्रैमासिक या छमाही निवेश करना होता है, आप उस रकम को बचाने के बाद ही बाकी पैसा खर्च करते हैं। इस तरह आपको अनुशासित निवेश की आदत पड़ जाएगी।
5 गलतियां जिनसे बचना है जरूरी, नहीं तो हो सकता है नुकसान
अगर आपने एसआईपी के फायदे जानने के बाद एसआईपी शुरू करने का फैसला किया है, तो उन गलतियों के बारे में भी समझें जो लोग अनजाने में करते हैं और जिसके कारण उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है-
- जब भी आप एसआईपी शुरू करें तो पहले अच्छे से रिसर्च कर लें। बिना रिसर्च के शुरू किया गया निवेश नुकसान का कारण बन सकता है। अगर आपके पास कोई आइडिया नहीं है तो आप वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ से मदद ले सकते हैं।
- अगर आपने एसआईपी शुरू कर दी है तो इसे बीच में रोकने की गलती न करें और न ही बीच में बंद करें। इससे आपको वह लाभ नहीं मिल पाएगा जिसकी आप उम्मीद कर रहे थे।
- अधिक पैसा कमाने के लिए बड़ी रकम का निवेश न करें। कई बार लोग विभिन्न कारणों से बड़े निवेश को जारी नहीं रख पाते और उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है।
- बाजार में अस्थायी उतार-चढ़ाव के कारण एसआईपी में अचानक बदलाव न करें। अपनी दीर्घकालिक निवेश रणनीति पर कायम रहें।
- सारा पैसा एक ही जगह निवेश न करें. अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं. इसके लिए पोर्टफोलियो में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड शामिल करें.
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