RBI Sovereign Gold Bond Scheme may be closed by Government, know the reason
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तर्क दिया जा रहा है कि सरकार ने बजट 2024 में सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद सोने की कीमत में भारी गिरावट आई है। इससे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाले लोगों को भी नुकसान हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 30 नवंबर 2015 को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी, जिससे लोगों को बाजार से कम कीमत पर सोना खरीदने की सुविधा मिली थी। अब ऐसी खबरें हैं कि सरकार इस योजना को बंद कर सकती है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) योजना को खत्म करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला सितंबर 2024 में लिया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2024 में आरबीआई की उधारी कैलेंडर बैठक के साथ होने वाली बैठक में इस योजना के भविष्य पर चर्चा की जाएगी। एसजीबी योजना को आगे बढ़ाए रखने के लिए यह चर्चा महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह धन जुटाने और सोने की भौतिक मांग को कम करने की सरकार की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
यह योजना क्यों बंद की जा सकती है?
तर्क दिया जा रहा है कि सरकार ने बजट 2024 में सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद सोने की कीमत में भारी गिरावट आई है। इससे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाले लोगों को भी नुकसान हुआ है, क्योंकि मैच्योरिटी पर उन्हें बहुत कम रिटर्न मिलेगा। ऐसे में कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार इसे बंद करने पर विचार कर सकती है। हालांकि, अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि एसजीबी पर रिटर्न दोहरे अंकों में रहेगा।
अधिकारियों ने योजना के बारे में और क्या कहा?
बीटीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि आयात शुल्क घटाने का मकसद बॉन्ड रिटर्न से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के बजाय घरेलू सोने के बाजार को स्थिर करना और सोने को अधिक सुलभ बनाना है। एसजीबी स्कीम 2.5% की निश्चित वार्षिक ब्याज दर प्रदान करती है और फिर बाजार से मिलने वाले रिटर्न का लाभ भी देती है। यानी इस स्कीम के तहत निवेशकों को दोगुना लाभ मिलता है।
पूंजीगत लाभ पर कर छूट
इसके अतिरिक्त, इस योजना में रिडेम्प्शन पर पूंजीगत लाभ कर में छूट भी दी जाती है। बॉन्ड को ऋण के लिए संपार्श्विक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है या स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जा सकता है, जिससे निवेशकों के लिए उनकी तरलता और उपयोगिता बढ़ जाती है।
अब तक एक किस्त परिपक्व हो चुकी है।
30 नवंबर 2015 को लॉन्च की गई एसजीबी स्कीम की पहली किस्त नवंबर 2023 में भुनाई गई थी, तब निवेशकों को अच्छा मुनाफा हुआ था। अगस्त 2016 में 3,119 रुपये पर 2.75% की वार्षिक ब्याज दर के साथ जारी 2016-17 सीरीज I को अगस्त 2024 में अंतिम रूप से भुनाया जाना है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस किस्त के परिपक्व होने पर निवेशकों को कितना लाभ मिलेगा।