RBI tells banks to give job to women employee, know details
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बैंक और वित्तीय क्षेत्र में महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है। इसे और बढ़ाने के लिए आरबीआई गवर्नर ने बैंकों से महिलाओं को अधिक रोजगार देने को कहा है। अगर बैंक आरबीआई के फैसले को स्वीकार करते हैं तो महिलाओं के लिए यह सौभाग्य की बात होगी।
अगर आप महिला हैं और नौकरी की तलाश में हैं तो यह खबर आपके लिए काम की साबित हो सकती है। दरअसल, RBI ने बैंकों में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने को कहा है। अगर बैंक रिजर्व बैंक के इस फैसले को मान लेते हैं तो महिलाओं की किस्मत चमक जाएगी। बैंक और वित्तीय क्षेत्र में महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे और बढ़ाने के लिए RBI गवर्नर ने बैंकों से महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने को कहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि वित्तीय क्षेत्र महिलाओं को अधिक रोजगार अवसर प्रदान करके और महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों के लिए विशेष योजनाएं लाकर लैंगिक असमानता को कम करने में मदद कर सकता है। यहां भारतीय बैंक संघ और फिक्की के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि विकसित भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि सामाजिक-आर्थिक स्थिति से इतर हर नागरिक को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिले और वह आवश्यक वित्तीय साक्षरता भी हासिल करे।
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कार्यबल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि भारत में श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी वैश्विक औसत से काफी कम है। इस अंतर को कम करने के लिए लड़कियों की शिक्षा, कौशल विकास, कार्यस्थल पर सुरक्षा और सामाजिक बाधाओं को दूर करने की दिशा में प्रयास करने होंगे।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का पांचवां हिस्सा महिलाओं के हाथ में होने के बावजूद महिला उद्यमियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। दास ने कहा, वित्तीय क्षेत्र को लैंगिक असमानता को कम करने में अहम भूमिका निभानी होगी। मददगार नीतियां लाकर, महिलाओं के लिए विशेष वित्तीय उत्पाद पेश करके और वित्तीय-प्रौद्योगिकी नवाचार की मदद से वित्तीय पहुंच को आसान बनाकर ऐसा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थानों में अधिक महिलाओं को रोजगार देकर तथा महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए वित्तीय उत्पादों को पेश करके यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बैंकों को अधिक संख्या में बैंक सखियों को शामिल करना चाहिए।
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