Share Buyback New Rule: New rules for share buyback coming into effect from October 1
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Share Buyback New Rule: इस साल बजट 2024 में शेयर बायबैक के नियमों में भी बदलाव का ऐलान किया गया था। बजट 2024 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि शेयर बायबैक पर नया टैक्स सिस्टम लागू होगा। शेयर बायबैक के नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि नए नियमों से निवेशकों को फायदा होगा या नुकसान।
Share Buyback New Rule: बजट 2024 भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि शेयर बायबैक पर नया टैक्स सिस्टम लागू होने जा रहा है. नए नियम (Share Buyback Rules) 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे. नए नियम के तहत अगर शेयर बायबैक से किसी निवेशक को फायदा होता है तो उसे डिविडेंड माना जाएगा.
अब लाभांश के आधार पर टैक्स लगेगा। शेयर बायबैक में शेयरधारक को जो रकम मिलेगी, उसके हिसाब से पूंजीगत लाभ या हानि की गणना की जाएगी।
बजट में नए नियमों की घोषणा की गई
इस साल जुलाई में पेश किए गए केंद्रीय बजट (Union Budget 2024) में वित्त मंत्री ने शेयरों की पुनर्खरीद से होने वाली आय पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत शेयरों की पुनर्खरीद से होने वाली आय को लाभांश माना जाएगा। इस नई कर व्यवस्था के तहत शेयर बायबैक कंपनी की अतिरिक्त आय के तौर पर आएगा और इस पर टैक्स (Tax on Share Buyback) लगेगा।
इन नए नियमों के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निवेशकों पर बोझ बढ़ सकता है और शेयर बायबैक में भी कमी आ सकती है।
निवेशकों को लाभ होगा या हानि
शेयर बायबैक के नए नियम निवेशकों के लिए लाभ और हानि दोनों लेकर आ सकते हैं। विभावंगल अनुकूलकारा प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मौर्य ने कहा कि नए नियमों के तहत कंपनियों को बायबैक प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और नियमों का पालन करना होगा। इससे निवेशकों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें इस बात की अधिक स्पष्टता मिलेगी कि कंपनियां किस तरह से बायबैक कर रही हैं और इसका उनके निवेश पर क्या असर होगा।
सिद्धार्थ मौर्य ने यह भी कहा कि इन नियमों के कारण कंपनियों को बायबैक प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है। इससे शेयर की कीमतों पर त्वरित लाभ की संभावना कम हो सकती है, जो उन निवेशकों के लिए नुकसानदेह हो सकता है जो त्वरित लाभ कमाना चाहते हैं। इसके अलावा कंपनियों को अतिरिक्त अनुपालन लागत भी उठानी पड़ सकती है, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
इसका मतलब यह है कि नए नियम निवेशकों को दीर्घकालिक सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान करेंगे, लेकिन अल्पकालिक निवेश के दृष्टिकोण से कुछ चुनौतियाँ भी खड़ी कर सकते हैं। ये नियम दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सकारात्मक साबित हो सकते हैं, जबकि तत्काल लाभ की उम्मीद करने वाले निवेशकों को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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