Slight Gain from ₹401 Issue Price
इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कंपनी सीगल इंडिया आज शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो गई है।
कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) दोनों में सूचीबद्ध है।
इश्यू प्राइस की तुलना में लिस्टिंग फ्लैट तरीके से हुई। सीगल इंडिया आईपीओ के लिए इश्यू प्राइस 401 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।
गुरुवार को यह शेयर एनएसई पर 419 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ था। उसके बाद बीएसई पर यह शेयर 413 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड हुआ।
इस तरह यह लिस्टिंग आईपीओ कीमत के मुकाबले सपाट स्तर पर हुई। आईपीओ को निवेशकों से अनुकूल प्रतिक्रिया मिली।
आईपीओ 5 अगस्त को सब्सक्रिप्शन के लिए बंद हो गया था। कंपनी ने 31 जुलाई को एंकर निवेशकों से फंड जुटाया था।
इस पेशकश में कंपनी ने 684 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयरों का नया निर्गम जारी किया है।
मौजूदा शेयरधारकों और प्रमोटरों ने 1.41 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव (ओएफएस) जारी किया है।
ओएफएस के तहत प्रमोटर रमणीक सहगल, रमणीक सहगल एंड संस एचयूएफ, अवनीत लूथरा, मोहिंदर पाल सिंह सहगल, परमजीत सहगल और सिमरन सहगल विक्रय शेयरधारक हैं।
किसका कितना हिस्सा है?
प्रस्ताव का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा विशेष रूप से योग्य खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित था, जिसमें 35 प्रतिशत हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए तथा शेष 15 प्रतिशत हिस्सा गैर संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित था।
सहगल परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी ने कर्मचारियों के लिए 2 करोड़ या उससे अधिक मूल्य के शेयर अलग रखे हैं।
दिल्ली स्थित इस फर्म में सहगल परिवार की 99.99 प्रतिशत हिस्सेदारी है, क्योंकि कंवलदीप सिंह लूथरा इसके एकमात्र सार्वजनिक शेयरधारक हैं, जिनके पास 16,000 शेयर हैं, जो कि चुकता इक्विटी का 0.01 प्रतिशत है।
कंपनी इस धन का उपयोग कहां करेगी?
कंपनी नए निर्गम से जुटाई गई राशि में से 99.8 करोड़ रुपए का उपयोग उपकरण खरीदने तथा 413.4 करोड़ रुपए का उपयोग कर्ज चुकाने में करेगी।
शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए है। इसमें 1,883.4 करोड़ रुपये की बकाया उधारी शामिल है। कंपनी की स्थापना 2002 में हुई थी।
सीगल इंडिया एक बुनियादी ढांचा कंपनी है जो फ्लाईओवर, एलिवेटेड रोड, रेलवे ओवरपास और पुल, सुरंग, राजमार्ग, एक्सप्रेसवे और रनवे जैसी संरचनात्मक परियोजनाओं में विशेषज्ञता रखती है।
कंपनी की 18 परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनमें 13 ईपीसी परियोजनाएं और पांच एचएएम परियोजनाएं शामिल हैं।
ये पुल, एलिवेटेड कॉरिडोर और फ्लाईओवर, रेल पुल, सुरंगें, एक्सप्रेसवे, रनवे, मेट्रो परियोजनाएं और बहु-लेन राजमार्ग हैं।
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