Term Insurance: Term insurance money is not available in these 8 cases, understand this before buying the plan.
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टर्म इंश्योरेंस: आज के समय में टर्म इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस जैसे प्लान लेना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन आज हम इसके फायदों के बारे में नहीं बल्कि उन कारणों के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से क्लेम मिलने में दिक्कत आ सकती है।
टर्म इंश्योरेंस एक प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज प्रदान करती है। ऐसे में अगर पॉलिसी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को कवर राशि एकमुश्त दे दी जाती है. इससे परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलती है। टर्म इंश्योरेंस जीवन बीमा की तरह परिपक्वता रिटर्न प्रदान नहीं करता है।
आज के समय में टर्म इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस जैसे प्लान लेना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन आज हम इसके फायदों के बारे में नहीं बल्कि उन कारणों के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से क्लेम मिलने में दिक्कत आ सकती है। अगर आप भी टर्म इंश्योरेंस खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो जानिए उन शर्तों के बारे में-
1- टर्म प्लान लेने वाले व्यक्ति को एक्सीडेंटल डेथ कवर दिया जाता है, लेकिन अगर किसी पॉलिसी धारक की नशे में गाड़ी चलाते समय किसी तरह मौत हो जाती है तो यह मान्य नहीं है।
2- अगर पॉलिसी धारक नशे और शराब का आदी है और इसकी वजह से उसकी मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी टर्म प्लान की दावा राशि देने से इनकार कर सकती है।
3- अगर पॉलिसीधारक एडवेंचर गेम्स का शौकीन है और किसी खतरनाक गतिविधि के दौरान उसकी मौत हो जाती है तो टर्म प्लान का दावा खारिज कर दिया जाएगा. वहीं, कार-बाइक रेसिंग, स्काई डाइविंग, स्कूबा डाइविंग, पैरा ग्लाइडिंग और बंजी जंपिंग जैसी खतरनाक गतिविधियों में मौत होने पर भी पैसा फंस सकता है।
4- अगर पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसी धारक की हत्या हो जाती है और पुलिस जांच के दौरान नॉमिनी पर इसका आरोप लगता है तो कंपनी टर्म प्लान के क्लेम अनुरोध को तब तक रोक देती है जब तक नॉमिनी को क्लीन चिट नहीं मिल जाती। जाति।
5- अगर प्लान लेते समय पॉलिसी धारक ने किसी गंभीर बीमारी की जानकारी छिपाई है और उसी बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई है तो बीमा कंपनी क्लेम खारिज कर सकती है। इसके अलावा, टर्म प्लान में एचआईवी/एड्स के कारण मृत्यु के मामले में कवर प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है।
6- टर्म प्लान के तहत यदि किसी पॉलिसीधारक की मृत्यु किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, तूफान, भूस्खलन आदि के कारण हो जाती है तो ऐसे मामलों में बीमा कंपनियां नॉमिनी को क्लेम राशि का भुगतान नहीं करती हैं।
7- बीमा नियामक आईआरडीए के नियमों के मुताबिक, अगर पॉलिसीधारक किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल है और फिर ऐसी आपराधिक गतिविधि के दौरान उसकी हत्या हो जाती है तो क्लेम की रकम नहीं मिलती है.
8- अगर पॉलिसीधारक महिला है और बच्चे को जन्म देते समय उसकी मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में क्लेम की रकम फंस सकती है.
इस बात का विशेष ध्यान रखें
टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय उसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ें। जांचें कि मृत्यु के कारणों को पॉलिसी में कवर किया जाएगा क्योंकि सभी प्रकार की मौतें टर्म इंश्योरेंस में कवर नहीं होती हैं। क्लेम का पैसा तभी मिलता है जब टर्म प्लान के अंतर्गत आने वाले कारणों से पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है।
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