घर में कितना सोना रख सकते हैं आप? शादी या विरासत में मिले गोल्ड पर कितना लगेगा टैक्स ?

how much gold can you keep in house: शादियों और सामाजिक अवसरों में गोल्ड ज्वेलरी उपहार का आदान-प्रदान है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि गोल्ड रखने का भी एक सीमा हो सकता है और इस पर कैसे टैक्स लगता है? टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्डा ने सीएनबीसी के कार्यक्रम ‘टैक्स गुरु’ में इस सवाल का जवाब दिया है।
गौरी चड्डा ने बताया कि भारतीय कानून के अनुसार गोल्ड रखने की लिमिट होती है। व्यक्ति को गोल्ड रखने की सीमा के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन यदि आप गोल्ड रखने के लिए बड़ी राशि का विचार कर रहे हैं, तो इस पर टैक्स लग सकता है। इसमें एक निश्चित मात्रा से अधिक गोल्ड रखने पर इनकम टैक्स का कारगर हो सकता है। इससे पहले कि आप बड़ी मात्रा में गोल्ड खरीदें और रखें, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप विनियमित रूप से इसे देखभाल कर सकते हैं और टैक्स नियमों का पालन कर सकते हैं।
कितना सोना रख सकते हैं? जानिए टैक्स नियमों की राह
गोल्ड ज्वेलरी का होना हर भारतीय परिवार के लिए सामाजिक और आर्थिक महत्व का प्रतीक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पास रखे गए सोने की मात्रा पर भी कुछ नियम होते हैं?
टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्डा ने बताया कि कई साल पहले CBDT ने एक सर्कुलर जारी की थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि व्यक्ति अपने पास निर्विवाद रूप से निर्धारित मात्रा तक सोना रख सकते हैं। इसमें यह विभाजन था:
- अविवाहित लड़के अपने पास 100 ग्राम तक सोना रख सकते हैं।
- अविवाहित महिलाएं अपने पास 250 ग्राम तक सोना रख सकती हैं।
- विवाहित महिलाएं को 500 ग्राम सोना रखने का अधिकार है।
ये निर्धारित मात्राएं व्यक्ति के सामाजिक स्थिति और वैवाहिक स्थिति के आधार पर किए गए हैं, और इसे आमतौर पर निर्धारित नहीं किया जा सकता है। इस तरीके से टैक्स नियमों के तहत, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप निर्धारित मात्रा से अधिक सोना नहीं रख रहे हैं ताकि आप इनकम टैक्स के बचत पर किसी तरह की कोई दिक्कत से बच सकें।
ज्यादा सोना रखने पर आपको कैसे करना होगा सामना?
टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्डा बताती हैं कि यदि आपने निर्धारित मात्रा से अधिक सोना रखा है, तो आपको इनकम टैक्स विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए सबूत प्रदान करना होगा कि यह गोल्ड आपने कैसे खरीदा है। आपके पास खरीदी गई गोल्ड की बिल और अन्य दस्तावेज़ होने चाहिए ताकि आप अपनी इनकम को सही तरीके से साबित कर सकें।
वहीं, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपनी इनकम और गोल्ड खरीदारी का तालमेल समझें। उदाहरण के लिए, अगर आपकी इनकम सालाना दो लाख रुपए की है और आपने 50 लाख रुपए के गोल्ड को अपने पास रखा है, तो इससे जुड़े टैक्स और पेनल्टी के नियमों का ज्ञान होना चाहिए।
इससे बचाव के लिए बेहद आवश्यक है कि आप अपनी इनकम और गोल्ड निवेश को समझे और उन्हें संरचित तरीके से बनाए रखें। टैक्स नियमों के साथ मिलकर सही रीति से गोल्ड की निवेश रखना आपको किसी भी अवांछित कठिनाई से बचा सकता है, और आप अपने निवेश को सुरक्षित रूप से बनाए रख सकते हैं।
शादी के मौके पर मिले गोल्ड पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन ध्यान रखें ये बातें
शादी में मिलने वाले गोल्ड पर कोई टैक्स नहीं लगता है, यह तो सुखद समाचार है। गौरी चड्डा के अनुसार, शादी में जो भी गोल्ड तोहफे के रूप में मिलता है, उस पर कोई कर नहीं होता है। लेकिन एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इस गोल्ड के तौर पर मिलने वाले तोहफे का प्रूफ आपको संग्रहित रखना होता है, ताकि भविष्य में किसी समस्या की स्थिति में आप इसे सही तरीके से प्रमाणित कर सकें।
विरासत में मिले गोल्ड पर भी कोई टैक्स नहीं होता है। गौरी चड्डा ने बताया कि यदि आपको सोना विरासत में मिला है, तो उस पर भी कोई कर नहीं लगता है। विरासत में मिलने वाले गोल्ड का प्रमाणित करने के लिए वसीयतनामा (Will) बनाना महत्वपूर्ण होता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसमें किस प्रकार का हिस्सा मिलेगा, यह स्पष्ट हो सके।
इससे पहले कि आप अपने पास कितना सोना रख सकते हैं या गोल्ड निवेश पर कैसे टैक्स लगता है, यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे विस्तार से समझें और टैक्स नियमों का पूरा ज्ञान प्राप्त करें। इससे आप अपने निवेश को सही तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं और किसी भी कठिनाई से बच सकते हैं।
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