₹10 से बढ़कर ₹40 तक पहुँचा Suzlon शेयर का भाव! अब एक्सपर्ट्स को लगने लगा है डर, जानें क्यों
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों ने बाजार में धूम मचाई है, और इसका प्रमाण इस साल के प्रारंभ में हुआ उच्चतम स्तरों को छूने में आ गया है। 2023 में अब तक, इस शेयर की मूल्यांकन में 271% की वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों को बड़ा फायदा हुआ है। इस समय कीमत 10 रुपये से बढ़कर लगभग 40 रुपये तक पहुंच गई है, और पिछले छह महीने में शेयर 225% तक उछला है। इस उछाल के बावजूद, पिछले दो कारोबारी सेशनों में थोड़ी सी गिरावट देखने को मिली है, जिससे यह शेयर 39.65 रुपये पर बंद हुआ है।
पिछले पांच सालों में इस स्टॉक ने अपनी मूल्यांकन में 738% की वृद्धि करते हुए निवेशकों को भरपूर लाभ पहुंचाया है। इसके बावजूद, निवेशकों को ध्यान रखना होगा कि शेयरों के मूल्य में छोटी सी गिरावट निवेश की स्थिति पर आधारित हो सकती है और विवेकपूर्ण निवेश की आवश्यकता है।
सुजलॉन एनर्जी: बदलते समय का सफर, कभी ₹500 से ज्यादा की कीमत
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों का आज का मुकाबला एक आदर्श निवेश का परिचय कराता है, लेकिन कुछ साल पहले इसका सफर अद्वितीय था। साल 2005 के अंत में, इस शेयर की कीमत ने ₹500 से भी ज्यादा को छूने का रिकॉर्ड बनाया था। हालांकि, बाद में इसमें कुछ गिरावट आई और 2019 में इसकी कीमत ₹2 तक गिरी। पिछले एक साल में देखा गया है कि इस शेयर में एक नया उछाल है और इसमें गजब की तेजी देखने को मिल रही है।
इस सफर से यह साबित होता है कि शेयरों की कीमत में परिवर्तन हमेशा हो सकता है और निवेशकों को बाजार की गति को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए। सुजलॉन एनर्जी का अद्वितीय सफर निवेशकों को एक महत्वपूर्ण सिख देता है कि सही समय पर सही निवेश करने से बड़े लाभ हो सकते हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का विश्लेषण: सुजलॉन एनर्जी का रिवर्स-वैल्यूएशन और बाजार का दृष्टिकोण
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने मंगलवार को सुजलॉन एनर्जी के साथ एक स्ट्रैटेजिक नोट जारी की है, जिसमें वे इस शेयर के रिवर्स-वैल्यूएशन की बात करते हैं। उनका मत है कि शेयर की मार्केट कैप में होने वाली बढ़ोतरी ने खामियों को दिखाया है और इसमें कुछ खतरे छुपे हैं।
कोटक ने बताया कि उनके अनुसार, सुजलॉन एनर्जी की मार्केट कैप में हो रही बढ़ोतरी भविष्य में संभावित वैल्यू से कहीं आगे है। यह खुद में एक संकेत हो सकता है कि इसमें मार्जिन सेक्टर की सटीकता की कमी हो सकती है। कोटक ने बताया कि बिजली प्रोडक्शन इक्विपमेंट्स सप्लायर्स जैसे सुजलॉन एनर्जी की स्टॉक की कीमतें पिछले महीनों में प्रोडक्शन कैपासिटी में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की उम्मीद में तेजी से बढ़ी हैं। इसका मतलब है कि बिजली क्षेत्र में और भी अधिक विस्तार होने की संकेत हो सकती है, लेकिन कुछ खतरे भी छुपे हो सकते हैं।
ब्रोकरेज को लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विद्युतीकरण और बिजली की मांग में वृद्धि के साथ-साथ, सौर और पवन आधारित बिजली के बीच एक समीकृत पहलू होने का अनुमान है। इसी विषय पर कोटक ने उज्जीवन की संभावना को उचित मानते हुए इसे सौर-आधारित बिजली की बजाय पवन-आधारित बिजली की ओर प्रवृत्ति करने का सुझाव दिया है।
सुजलॉन एनर्जी: भविष्य में वृद्धि की उम्मीद, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की राय
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने सुजलॉन एनर्जी के भविष्य को लेकर एक स्ट्रैटेजिक नोट जारी की है जिसमें उन्होंने साझा किया है कि वित्त वर्ष 2020-30 के दौरान सरकार के नवीकरणीय क्षमता लक्ष्यों के साथ और सुजलॉन की मजबूत वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उन्हें आने वाले कुछ वर्षों में पवन-आधारित उत्पादन क्षमता में वृद्धि की उम्मीद है।
उनकी रिसर्च के अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा नवीकरणीय क्षमता का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहा है और वे उम्मीद करते हैं कि इसमें और वृद्धि होगी। पिछले पांच वर्षों में भारत में नवीकरणीय क्षमता में सौर ऊर्जा का हिस्सा 75 प्रतिशत रहा है, जिससे सौर ऊर्जा का उपयोग और बढ़ सकता है। इसके अलावा, उन्होंने सौर और पवन ऊर्जा के बीच में समीकृत पहलू की आवश्यकता को बताया है, जिससे भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होने की संभावना है।
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