भारत के लिए सबसे खुशी की बात यह है कि आप भारत में ही विमान का निर्माण होगा क्योंकि यह कहना है रशिया के जो UAC जो हवाई जहाज का निर्माण करने वाली कंपनी है को भारत में ही हवाई जहाज का मैन्युफैक्चरिंग करना चाहती है।
रशिया का भारत में विमान निर्माण का मकसद
रशिया की कंपनी जो विमान का निर्माण करती है, UAC वह भारत में ही हवाई जहाज का मैन्युफैक्चरिंग क्यों करना चाहती है इसके पीछे बहुत सी कहानियां जुड़ी है जो आज के ब्लॉक के माध्यम से विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।
टाटा समूह का विदेशी देशों के लिए बड़ा ऑर्डर
कुछ दिन पहले टाटा समूह ने एयर इंडिया के लिए 470 विमानों का आर्डर बोइंग और एयरबस को दिया था, जो दुनिया की सबसे बड़ी deal कही जाती है क्योंकि 470 हवाई जहाज बनाने के लिए कुल 45.9 अरब डॉलर का आर्डर टाटा ने बोइंग और एअरबस को दिया था जो फ़्रांस, यूके और यूएस के लिए है इसलिए फ़्रांस के राष्ट्रपति बाईडन ने इस डील को ऐतिहासिक मौका माना गया है जो भविष्य में साझेदारी को और मजबूत करेगा,साथ में ब्रिटन के राष्ट्रपति ऋषि सुनक इस डील से अधिक खुश है क्यू की uk में नए रोजगार का मौके भी लायेगा।
एयर इंडिया की बड़ी सोच
एयर इंडिया को टाटा समूह में जोड़ने के बाद आप टाटा समूह एयर इंडिया को बड़ा करना चाहती है भारत में अगर सबसे बड़े विमान की बात करें तो इंडिगो फ्लाइट सबसे अधिक चलने वाली विमान सेवा है लेकिन अब टाटा समूह एयर इंडिया को बड़ा करने के लिए बड़ी ऑर्डर दे चुका है।
इंडिगो फ्लाइट का भी बड़ी ऑर्डर
जब टाटा समूह ने एयर इंडिया को बड़ा करने के लिए 470 नए जहाजों का आर्डर दिया तो इंडिगो फ्लाइट भी सोचने को मजबूर किया क्योंकि आने वाले दिनों में इंडिगो फ्लाइट को बड़ी टक्कर मिलने वाली है यह बात तो किसी से भी छुपी नहीं है इसलिए थोड़े ही दिन बाद इंडिगो फ्लाइट भी 500 नए जहाजों का आर्डर बोइंग और एअरबस को तुर्की के साथ साझेदारी करके वह देने वाली है ऐसी थोड़े दिन में खबर आ गई।
रशिया का प्रस्ताव
पहले खबर यह सामने आई कि टाटा समूह ने 470 नए हवाई जहाज का आर्डर विदेशी कंपनियों को दिया है उसके बाद इंडिगो ने भी अपने 500 नए विमानों का आर्डर दिया है तो कुल मिलाकर भारत की तरफ से 1000 विमानों का निर्माण करने के लिए विदेश में आर्डर दिया है तो रशिया ने भारत सरकार के पास प्रस्ताव रखा है कि वह हमसे सौदा कर ले हम हवाई जहाज का निर्माण भारत में करेंगे इससे फायदा यह होगा कि भारत में भरपूर रोजगार प्राप्त होगा।
रशिया की रणनीति
एयर इंडिया और इंडिगो फ्लाइट दोनों भी 1000 नए विमान निर्माण का ऑर्डर तो विदेश में कर चुका है लेकिन अब रशिया बीच में आकर भारत का फायदा क्यों सोच रहा है तो उसका एक कारण है, क्योंकि जब रशिया और यूक्रेन का युद्ध हुआ था तब बहुत सारे देशों ने उनके ऊपर प्रतिबंध लगाया जिसमे बोइंग और एयरबस दो कंपनियां हैं जो रशिया के ऊपर प्रतिबंध लगा चुके थे, मतलब रशिया में जितने भी बोइंग और एयरबस के विमान हैं उनके जो जरूरत मंद जो पार्ट थे वो इन कंपनी ने देने से मना कर दिया था इसलिए रशिया ने अपना देश का अपमान समझ लिया और अब उसका बदला लेने के लिए यह रशिया देश से भारत कोई ऑफर दिया है।
भारत का फायदा
अब रशिया ने जो भारत के सामने हवाई जहाज बनाने का प्रस्ताव रखा है अगर भारत वह स्वीकार करता है तो इसमें भारत का ही फायदा है क्योंकि भारत में बेरोजगारी की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है ऐसे में भारत अपने ही देश में हवाई जहाज का निर्माण करती है तो उससे जो बेरोजगारी है वह बहुत हद तक कम हो जाएगी।
FAQ
सवाल-हवाई जहाज का आविष्कार किसने किया
जवाब- राइट बंधु ने 17 दिसंबर 1903 में हवाई जहाज की सफल उड़ान की थी जो 120 फिट की ऊंचाई के साथ ये उड़ान 12 सेकंड तक ही उड़ पायी थी।
सवाल-भारत में हवाई जहाज की प्रथम उड़ान कब हुई
जवाब- भारत में पहेली उड़ान रतन टाटा ने 15 oct 1932 में भरी थी
सवाल-भारत के पास कितने लड़ाकू विमान है
जवाब- भारत के पास कुल 1926 लड़ाकू विमान है।
निष्कर्ष- किसी भी देश को आपने जनता हित में अधिक सोचना चाहिए।
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