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बेरोजगारी की समस्या अब भारत में बढ़ सकती है

पूरे विश्व में अगर हम इस बार मंदी की बात करें तो बड़े-बड़े देश मंदी के चपेट में आ गए हैं लेकिन अब बाकी देशों का मंदी का असर अब आने वाले दिनों में भारत पर भी पड़ सकता है भारत में बेरोजगारी की समस्या और बढ़ने के आसार हैं तो जानते इस खबर को विस्तार से…

बेरोजगारी की समस्या

आईटी सेक्टर से बेरोजगारी की समस्या

आज विश्व में सबसे बड़ी कंपनियां गूगल, फेसबुक, टि्वटर माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजॉन अगर आने वाले कुछ दिनों से अगर हम बात करें तो सभी लोग अपने वर्कर की संख्या घटा रहे हैं अगर इन सब वर्कर्स में आईटी सेक्टर भारतीय लोगों की बात करें तो 5 लाख के ऊपर केवल भारतीय लोग इस कंपनी में काम करते है लेकिन अभी यह खबर सामने आई है कि 30 से 40 % के में निकाले जाने वाले एंप्लाइज में सभी भारतीय हैं। विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं जिनमें आईटी सेक्टर की निकालने वालों की संख्या का अगर मापन करें तो दो लाख के आसपास केवल भारतीय लोग हैं।

H1B वीजा तहत अमेरिका से बाहर जाना होगा

अब सबसे बड़ी खबर यह है कि यह ऐसे लोग हैं जिन्होंने h1b वीजा के नियम तहत से वह काम पर जॉइंट हुए थे लेकिन शर्त के अनुसार उन्हें जल्द से जल्द दूसरे काम की तलाश करनी पड़ेगी अगर निश्चित समय के अनुसार अगर वह नए काम ढूंढने में असमर्थ रहते हैं तो उन्हें अमेरिका छोड़नी होगी, अगर दो लाख लोगों को नौकरी नहीं मिलती तो वापस वह भारत में आ सकते हैं और भारत में फिर बेरोजगारी की समस्या बढ़ने के आसार जरूर बनेंगे,क्योंकि 2 लाख लोग अगर भारत में ही नौकरी की तलाश करते हैं तो एक तो पहले से जो काम कर रहे हैं उनकी क्वालिफिकेशन के आधार पर उन्हें निकाला जा सकता है और जो लोग विदेशी रिटर्न है उनको ज्वाइन करके फिर से बेरोजगारी की समस्या बढ़ने के आसार भारत में जरूर नजर आएंगे।

इंसान की सोच

भारत सहित पुरे विश्व की इंसान की अगर सोच कि हम बात करें तो इंसान की सोच काम की तलाश में यही है कि जिस सेक्टर में काम अधिक ग्रोथ होता है उसी सेक्टर के अनुसार शिक्षा प्रदान करते हैं या उसी सिलसिले में लोग काम को ज्वाइन करते हैं लेकिन कोरोना का काल में आईटी सेक्टर की इतनी ग्रोथ हुई थी कि जिससे कारण सभी लोगों को ऐसा लगा था कि आईटी सेक्टर सबसे बेस्ट है क्योंकि यहां पर पेमेंट भी अच्छा मिल रहा था लेकिन जैसे ही कोरोना कल खत्म हुआ तो आईटी सेक्टर में जो काम करने का जो लेवल था वह कम हो गया जिससे कारण आईटी सेक्टर कंपनी में ही बेरोजगारी की समस्या अधिक पायी गई है।

30 करोड़ भारतीय युवा

भारत में आने वाले दिनों में बेरोजगारी और बढ़ सकती है चौका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं कि भारत में 15 से 25 उम्र के जो लोग हैं वह अभी पढ़ाई कर रहे हैं और ऐसे लोग भारत में 30 करोड़ है मतलब आने वाले दिनों में इन लोगों की जॉब की आवश्यकता होगी अगर इनमें से अगर आधे लोगों को नौकरियां मिल भी जाती है, कैसे भी करके या कोई बिजनेस करना चाहते हैं उसमें अगर वह लोग जाते हैं लेकिन  15 करोड़ आधे लोगों को अगर नौकरी की समस्या आ जाती हैं तो भी एक बड़ी समस्या भारत के लिए सामने आ सकती है।

बेरोजगारी का समाधान

अपने किसी भी माध्यम से बेरोजगारी का समाधान के बारे में आपने पढ़ा होगा लेकिन मैं जो जानकारी देना चाहता हूं वह आपको कही पर भी नहीं मिलेगी यह मेरा निजी राय है जो अगर भारत सरकार इसे अपनाती हैं तो बेरोजगार की समस्या  के आने वाले दिनों में वह कुछ हद तक या पूरी तरह से भी खत्म हो सकती है।

बेरोजगारी पर निबंध की कहानी

मान लीजिए एक आदमी की एक कंपनी है उस कंपनी में एक प्रोडक्ट बनता है जो भारत और दुनिया भर के देशों में जाता है और उस मालिक को अगर हर महीने की अगर हम इनकम की बात करें तो 100 करोड़ का इनकम उस मालिक को अपनी कंपनी के तरफ से होता है और उस कंपनी में टोटल 1000 वर्कर लोग काम करते हैं।
ये नंबर केवल आप को समझाने के लिए सामने रखे हैं, भारत में कई सारे कंपनी है जो इस आंकड़े के अधिक और कम भी है तो आप को समझाने के लिए या नंबर आपके सामने रखते हैं अगर एक मालिक को एक कंपनी से अगर 100 करोड़ की इनकम हर महीने में होती है तो अगर भारत सरकार इन 100 करोड़ में से 10 करोड़ राशि को भारत के पर्यावरण के हित के लिए उस कंपनी जहां स्थित है वहां से 30 km में पर्यावरण के लिए काम करने के लिए वर्कर की नियुक्ति करनी चाहिए।
अपने बहुत सारी कंपनी या गवर्नमेंट की भी अपनी कंपनी देखे होगी जो कंपनी जहां स्थित होती है वहां पर ही कुछ गार्डन या कुछ पेड़ पौधे लगाकर कंपनी ऐसे दिखाती है कि हम पर्यावरण के लिए कुछ कर रहे लेकिन उसका कुछ भी फायदा नहीं है क्यू की कोई भी कंपनी जितनी पर्यावरण का नुकसान करती है उसके सामने कुछ भी नहीं है
अगर सच में भारत सरकार या कोई कंपनी पर्यावरण का अच्छा हित करना चाहती है तो आसपास के एरिया मतलब कंपनी जहा स्थित है वहां से 30 किलोमीटर का एरिया में जहां पर भी खाली जगह है वहां पर पेड़ या पौधे लगाने की कंपनी पर पाबंदी लानी चाहिए जिससे क्या होगा उस एरिया में ऑक्सीजन की लेवल बढ़ेगी चाहे वह जमीन किसी की भी हो वहां पर कंपनी ने अपनी ओर से वर्कर की नियुक्ति करके उन्हें वह पेड़ लगाने चाहिए और उसके ऊपर हर महीने या 6 महीने या साल में उसका क्या स्टेटस है वह भी जानकारी रखनी  चाहिए।

बेरोजगारी की समस्या पक्का इलाज

कंपनी अपने प्रोडक्ट ऊपर हर महीने में प्रोडक्शन का डाटा निकलती है उसी प्रकार उस पेड़ पौधे की  देखभाल कैसे हो रही है उसके ऊपर भी ध्यान रखना चाहिए उसके लिए अलग से वर्कर की नियुक्ति होनी चाहिए
तो यह सब करके फायदा यह होने वाला है क्या आने वाले दिनों में बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान हो जाएगा और हमारे पर्यावरण का भी हित में आसानी से हो जाएगा क्योंकि कई ऐसी कंपनियां हैं जिनके मालिक पास हजार करोड़ रुपये कमाते हैं और अपनी जेब में रखते हैं।

FAQ

सवाल-बेरोजगारी किसे कहते हैं

जवाब- किसी भी व्यक्ति की शिक्षा अनुसार या व्यक्ति के पास शिक्षा न होने पर भी काम करने की प्रबल इच्छा होने पर भी काम नहीं मिलने को बेरोजगारी कहते है।

सवाल-बेरोजगारी के कारण

जवाब- जनसंख्या में बढ़ोतरी,कृषि क्षेत्र में मौसम की मार,भूमि की कमी ,बिना ज्ञान की फसल का निर्माण करना,कुटीर व्यापार ,पैसे का नियोजन में कमी तो ये कारण है बेरोजगारी

सवाल-बेरोजगारी के प्रकार

जवाब–बेरोजगारी के दो प्रकार होते है पहला है आंशिक बेरोज़गारी  और दूसरी है पूर्ण समय बेरोज़गारी

सवाल-बेरोजगारी भत्ता कब से मिलना शुरू होगा

जवाब- भारत में राज्य के अनुसार भत्ता की राशि और तारीख अलग अलग होती है तो अपने राज्य के अनुसार आप serch करके आवेदन कर सकते है।

सवाल-भारत में बेरोजगारी के तीन कारण

जवाब- 1- जनसंख्या में बढ़ोतरी  2- ,पैसे का नियोजन में कमी 3- मौसम की मार

सवाल-बेरोजगारी का अर्थ

जवाब- बेरोजगारी का अर्थ किसी भी व्यक्ति की शिक्षा अनुसार या व्यक्ति के पास शिक्षा न होने पर भी काम करने की प्रबल इच्छा होने पर भी काम नहीं मिलना।

निष्कर्ष- किसी भी समय में कोई भी काम नहीं करने की आदत बेरोजगारी की समस्या को बढ़ती है 

 

careermotto

A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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