क्या 18 साल से कम उम्र वाले बच्चे कर सकते हैं SIP? जानें क्या हैं नियम
म्यूचुअल फंड्स SIP, यानी Systematic Investment Plan, निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। आजकल, इसकी चर्चा बहुत हो रही है, क्योंकि यह निवेशकों को लंबे समय तक स्थिरता और सुधारित दर के साथ निवेश करने का मौका देता है।
एसआईपी के माध्यम से, निवेशक नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं, जिससे वे बाजार की तेजी से बदलती हालतों से सुरक्षित रहते हैं। यह निवेशकों को मार्केट वोलेटिलिटी के साथ संघर्ष करने की जरूरत नहीं होती है।
एसआईपी को शुरू करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। इसलिए, हां, 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए एसआईपी में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनके अभिभावकों की सहमति आवश्यक होगी।
एसआईपी न केवल निवेशकों के लिए आसान है, बल्कि यह उन्हें अच्छे रिटर्न्स के साथ लंबे समय तक संचित धन का मौका भी देता है। इसलिए, निवेशकों को अपने निवेश की योजना बनाते समय इस विकल्प को जरूर विचारना चाहिए।
माइनर के लिए निवेश के नियम: आपके बच्चे के भविष्य का सुनहरा अंजाम
माइनर के लिए निवेश के मामले में, विशेष नियम होते हैं जो निवेशकों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। एसआईपी में निवेश की उम्र और निवेश की राशि को लेकर कोई सीमा नहीं होती है, लेकिन यह निवेश केवल माइनर के माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा किया जा सकता है।
अगर आप अपने बच्चे के लिए एसआईपी में निवेश कर रहे हैं, तो ध्यान देने वाली एक बात यह है कि निवेश के समय पर उनकी आयु 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा, निवेश के लिए चुनी जाने वाली राशि भी उनके हित में होनी चाहिए।
माइनर के नाम पर निवेश करते समय, ध्यान देने वाली एक अहम बात यह है कि बच्चा ही इकलौता होल्डर होगा। इसका अर्थ है कि निवेश करने वाला माइनर ही फंड के होल्डर के रूप में दर्ज किया जाएगा, और उनके अभिभावकों की सहमति अनिवार्य होगी। जॉइंट होल्डर की इजाजत नहीं होगी।
अंत में, माइनर के लिए निवेश एक सुरक्षित और बचत करने का उत्तम तरीका हो सकता है, लेकिन इसमें उनके माता-पिता या अभिभावकों के संगठन की सहमति और तत्परता की आवश्यकता होती है।
नाबालिग निवेश: सुरक्षितता के लिए आवश्यक दस्तावेज़
नाबालिग के नाम पर निवेश करते समय, आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। ये दस्तावेज़ निवेशक और बच्चे के बीच सम्बंध की पहचान करने में मदद करते हैं, ताकि निवेश संबंधी मामले में सुरक्षितता सुनिश्चित की जा सके।
निवेश करते समय नाबालिग के जन्म साबित करने के लिए बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट आवश्यक होता है। यह दस्तावेज़ बच्चे की उम्र को स्पष्ट करता है।
अभिभावकों के पहचान पत्र के रूप में पासपोर्ट या कोई अन्य वैलिड डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। यह उनके और बच्चे के बीच संबंध को स्पष्ट करता है।
निवेश करने वाले अभिभावक को गार्जियनशिप के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जो उन्हें बच्चे के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी बनाता है।
अगर निवेश पैरेंट्स के बैंक अकाउंट के जरिए किया जाता है, तो थर्ड पार्टी डिक्लरेशन फॉर्म भी जमा किया जाना चाहिए।
इन दस्तावेज़ों की सही प्राप्ति निवेश के लिए आवश्यक है, और इससे बच्चे के नाम पर निवेश की प्रक्रिया सहज और सुरक्षित बनती है।
नाबालिग से मेजर: निवेश की प्रक्रिया का अंतिम चरण
18 वर्ष के होने पर, सभी निवेश के नियम बच्चे के नाबालिग होने तक ही मान्य होंगे। जब बच्चा 18 साल का होता है, तो उनके पैरेंट्स को एसआईपी पर रोक लगानी होगी।
नाबालिग के 18 वर्ष का होने से पहले, यूनिट होल्डर को उनके पंजीकृत पत्राचार पते पर एक नोटिस भेजा जाएगा। इस नोटिस में नाबालिग को निवेश में अपनी स्थिति को ‘माइनर’ से ‘मेजर’ में बदलने के लिए निर्धारित दस्तावेजों के साथ एक आवेदन पत्र जमा करने की जरूरत के बारे में बताया जाएगा।
यह प्रक्रिया बच्चे को उनके निवेश में स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का एहसास कराती है, जब वे अपने निवेश के नियंत्रण में होते हैं। इसके साथ ही, इस प्रक्रिया से पैरेंट्स को निवेश पर जिम्मेदारी और नाबालिग के अधिकारों का सम्मान करने का मौका मिलता है।
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