EPFO: PF Employees will get more interest on PF than before, EPFO approves increase in rates
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शनिवार को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की अहम बैठक में इसकी घोषणा की गई है. ईपीएफओ ने साल 2023-24 के लिए ब्याज दरें बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दी है. जो पिछले वित्त वर्ष के लिए 8.15 फीसदी पर थी.
साल 2023-24 के लिए आपको अपने पीएफ खाते में जमा राशि पर पहले से ज्यादा ब्याज मिलने वाला है। ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की शनिवार को हुई अहम बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, बोर्ड के फैसले के मुताबिक साल 2023-24 के लिए ब्याज दरें बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दी गई हैं. जो पिछले वित्त वर्ष के लिए 8.15 फीसदी पर थी. बोर्ड ने पहले ही दरें बढ़ाने के संकेत दे दिए थे. इससे पहले ईपीएफओ ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा था कि महंगाई के असर को देखते हुए इस बार दरों में बढ़ोतरी संभव है. इस फैसले से देश के 6.5 करोड़ से ज्यादा वेतनभोगी लोगों को फायदा होगा.
बेहतर रिटर्न से फायदा हुआ
दरों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण ईपीएफओ को अपने निवेश पर मिलने वाला उच्च रिटर्न है। ईटी की खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी और अन्य निवेश में बढ़ोतरी हुई है. इस अवधि में कोविड के कारण निकाली गई राशि नगण्य रही है। जिससे फंड को अधिक राशि वितरित करने की गुंजाइश बनी. ईपीएफओ के ट्रस्टियों की बैठक में प्रस्तावित दरों को मंजूरी दे दी गई है, इस बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की. शनिवार को हुई बैठक ट्रस्टियों की 235वीं बैठक थी.
बोर्ड से मंजूरी के बाद प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा और मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ब्याज ग्राहक के खाते में जमा कर दिया जाएगा. पिछले साल भी मार्च 2023 में ईपीएफ खातों पर ब्याज में 8.1 फीसदी से मामूली बढ़ोतरी कर 8.15 फीसदी कर दिया गया था.
ईपीएफ क्या है?
ईपीएफ यानी कर्मचारी भविष्य निधि वेतनभोगी कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए आवश्यक फंड बनाने में मदद करता है जिसमें कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा नियमित रूप से जमा करते हैं और नियोक्ता संगठन से भी नियमित हिस्सा लिया जाता है। EPF&MP अधिनियम के तहत, एक कर्मचारी हर महीने अपने वेतन का 12 प्रतिशत EPF खाते में जमा करता है और इतनी ही राशि उसे नौकरी देने वाली संस्था द्वारा भी जमा की जाती है। कर्मचारी का पूरा पैसा ईपीएफ खाते में जमा होता है लेकिन 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है. ईपीएफ के जरिए कर्मचारी को रिटायरमेंट पर अच्छी खासी रकम मिलती है और वह अपनी नौकरी के दौरान कुछ जरूरतों के लिए एक निश्चित सीमा तक इस फंड से पैसा निकाल भी सकता है।
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