Post Office FD Vs NSC: Post Office FD with 7.5% interest gives more profit than NSC with 7.7%, know the calculation
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Post Office FD Vs NSC: निवेश करते समय सिर्फ ब्याज दर न देखें, उसका कैलकुलेशन भी देखें। अगर कोई स्कीम चक्रवृद्धि ब्याज भी दे रही है तो यह देखना बहुत जरूरी है कि उसका कैलकुलेशन तिमाही आधार पर हो रहा है या सालाना आधार पर। यहां ऐसी ही दो स्कीम का कैलकुलेशन बताया गया है।
Investment Tips, Post Office FD Vs NSC: जब आप किसी स्कीम में निवेश करने जाते हैं तो सबसे पहले उसकी ब्याज दर देखते हैं. ज्यादातर लोगों को लगता है कि ज्यादा ब्याज दर का मतलब ज्यादा मुनाफा है. लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि किसी स्कीम में मुनाफा या घाटा ब्याज की गणना पर निर्भर करता है. कई स्कीम ऐसी होती हैं जो ज्यादा ब्याज दर होने के बावजूद वो मुनाफा नहीं देतीं जो कम ब्याज दर वाली स्कीम में मिलता है. ऐसे में यह देखना जरूरी है कि ब्याज दर की गणना साधारण ब्याज के आधार पर की जा रही है या चक्रवृद्धि ब्याज के आधार पर. चक्रवृद्धि ब्याज में मूलधन के अलावा ब्याज पर भी ब्याज मिलता है.
इसके अलावा यह भी ध्यान देने वाली बात है कि अगर किसी स्कीम पर चक्रवृद्धि ब्याज भी दिया जा रहा है तो उसकी गणना तिमाही आधार पर या सालाना आधार पर की जा रही है। एनएससी और पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में 7.5 फीसदी ब्याज दर के आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज दिया जाता है, जबकि एनएससी में 7.7 फीसदी ब्याज दर के आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज दिया जाता है। लेकिन फिर भी पोस्ट ऑफिस एफडी में मिलने वाला मुनाफा एनएससी से थोड़ा ज्यादा है। यहां समझें कैसे-
पोस्ट ऑफिस टीडी में ऐसे होगी गणना
पोस्ट ऑफिस टीडी यानी पोस्ट ऑफिस एफडी स्कीम की अवधि 5 साल की होती है. इसमें 7.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. इस स्कीम में ब्याज तो सालाना मिलता है, लेकिन इसका कैलकुलेशन तिमाही आधार पर होता है. यानी अगर 7.5 फीसदी ब्याज है तो उसे तिमाही आधार पर 4 हिस्सों में बांट दिया जाता है. रकम पर हर तीन महीने में 7.5/4= 1.875 फीसदी ब्याज लगता है. ऐसे में कैलकुलेशन का तरीका कुछ इस तरह होगा- उदाहरण के लिए अगर आपने स्कीम में 1,00,000 रुपये का निवेश किया तो पहले तीन महीने में इस पर 1.875 फीसदी की दर से 1,875 रुपये का ब्याज लगेगा. इस तरह रकम 1,01,875 रुपये हो जाएगी. अगले तीन महीने बाद 1,01,875 रुपये ब्याज समेत पूरी रकम पर 1.875 फीसदी ब्याज लगेगा. इस तरह हर तीन महीने पर 1.875% की दर से ब्याज समेत पूरी रकम पर ब्याज लगेगा। इस तरह एक साल में 4 बार और 5 साल में 20 बार 1.875% की दर से ब्याज लगेगा। इस तरह 5 साल के हिसाब से मैच्योरिटी अमाउंट 1,44,995 रुपये होगा।
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एनएससी में ऐसे होगी गणना
अगर आप एनएससी में निवेश करते हैं तो आपको 7.7 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा. इस योजना की अवधि भी 5 साल की है. इसमें ब्याज दर पोस्ट ऑफिस टीडी से ज्यादा है. लेकिन इसमें ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है. ऐसे में अगर आप एनएससी में 1,00,000 रुपये का निवेश करते हैं तो एक साल में 1,00,000 रुपये पर 7.7 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. इस तरह एक साल में 7,700 रुपये का ब्याज लगेगा. दूसरे साल 1,07,700 रुपये पर 7.7 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. इस तरह मूलधन और ब्याज समेत पूरी रकम पर 5 साल में 5 गुना ब्याज लगेगा और मैच्योरिटी अमाउंट 1,44,903 रुपये होगा.
मतलब कम ब्याज दर के बावजूद पोस्ट ऑफिस एफडी में आपको जो रकम मिलेगी, वह एनएससी से 92 रुपये ज्यादा होगी। यह अंतर बेशक मामूली है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पोस्ट ऑफिस टीडी का मुनाफा एनएससी से ज्यादा है। वहीं अगर 5 साल की टीडी में 7.7 फीसदी का ब्याज मिलता तो मैच्योरिटी रकम 1,46,425 रुपये होती। ऐसे में बराबर अवधि और बराबर ब्याज दर होने के बावजूद पोस्ट ऑफिस एफडी का मुनाफा एनएससी के मुनाफे से 1,522 रुपये ज्यादा होता।
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