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सार्वजनिक क्षेत्र के निगम एसजेवीएन लिमिटेड ने नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना को पूर्ण वाणिज्यिक संचालन में लाने की घोषणा की है। इस परियोजना की 60 मेगावाट क्षमता समर्पित कर दी गई है, और दूसरी 30 मेगावाट क्षमता की इकाई ने राष्ट्रीय ग्रिड को बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी है।
इस खबर के परिणामस्वरूप एसजेवीएन लिमिटेड के शेयर उच्चतम स्तर पर चढ़ते नजर आ रहे हैं। इस वर्ष शेयर की कीमत में 150% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। यह स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति की योजना बनाने में विज्ञान क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है और इसमें स्वस्थ बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। इससे आशा है कि एसजेवीएन लिमिटेड आने वाले समय में और भी अधिक उत्कृष्टता की ओर आगे बढ़ेगा।
नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना: एसजेवीएन लिमिटेड राष्ट्रीय ग्रिड की दिशा में बड़ा कदम
एसजेवीएन लिमिटेड ने नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना की दूसरी इकाई को सफलतापूर्वक राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ दिया है। इस बड़े कदम के साथ, कंपनी ने ऊर्जा संगठन में एक बड़ी उपस्थिति बनाई है और भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना की दूसरी इकाई की क्षमता 60 मेगावाट है और इसके सफल कनेक्शन से नेशनल ग्रिड को बिजली की आपूर्ति बढ़ रही है। इससे न केवल ऊर्जा संगठन को लाभ होगा, बल्कि व्यापक परिसर को भी लाभ होगा, जिससे विभिन्न उद्योगों को स्थायी और सुरक्षित ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इस समय, जब समृद्धि के लिए ऊर्जा की आवश्यकता है, एसजेवीएन लिमिटेड ने दिखाया है कि उसके सकारात्मक कदम ऊर्जा क्षेत्र में एक मजबूत भूमिका निभा सकते हैं और देश की सकारात्मक ऊर्जा योजनाओं का हिस्सा बन सकते हैं।
एसजेवीएन की नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना: एक ऊर्जा संवेदनशील कदम
एसजेवीएन लिमिटेड ने नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना के तहत एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है जो देश को सालाना 26.55 करोड़ यूनिट बिजली प्रदान करेगा। इस परियोजना के अंतर्गत 30-30 मेगावाट की दो उत्पादन इकाइयाँ हैं, जिनमें से पहली इकाई 24 नवंबर, 2023 से व्यावसायिक रूप से चालू है। यह परियोजना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुना की एक प्रमुख सहायक नदी टोंस पर स्थित है।
इस परियोजना के माध्यम से उत्पन्न ऊर्जा मौजूदा बिजली प्रणालियों को बढ़ावा देगी, जिससे बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और बढ़ी हुई ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, एसजेवीएन लिमिटेड ने स्थानीय समुद्री और वन्यजीव संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नटवर मोरी एचईपी – बानोल क्षेत्र से स्नेल तक बिजली ट्रांसमिशन के लिए 37 किमी लंबी 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया है।
यह इस बात का एक और उदाहरण है कि भारत किस प्रकार ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है और आने वाले समय में इसे विशेषज्ञता और सकारात्मक ऊर्जा योजनाओं का हिस्सा बना रहा है।
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एसजेवीएन: ऊर्जा और समृद्धि की ओर एक कदम
एसजेवीएन लिमिटेड की नटवर मोरी जलविद्युत परियोजना का शुभारंभ ऊर्जा संवेदनशील भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना से उत्पादित बिजली का 12 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखंड सरकार को मुफ्त दिया जाएगा, जो राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 10 वर्षों तक मासिक 100 यूनिट बिजली की लागत के बराबर राशि प्रदान की जाएगी, जिससे सामाजिक और आर्थिक प्रगति की संभावना बढ़ेगी।
एसजेवीएन ने इस परियोजना के साथ राष्ट्रीय ग्रिड को बिजली की आपूर्ति शुरू करके एक बड़ा कदम उठाया है, जो देश को ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर ले जा सकता है। एसजेवीएन के शेयरों ने इस साल 150 फीसदी का रिटर्न दिया है, जो बाजार में इसकी ताकत को दर्शाता है. इससे पता चलता है कि न्यूनतम जलवायु परिवर्तन के चुनौतीपूर्ण समय में भी ऊर्जा क्षेत्र में सही कदम उठाने वाली कंपनियों को बाजार मिल रहा है।
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