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डिविडेंड, म्यूचुअल फंड, पेंशन और इंश्योरेंस को लेकर Budget 2024 में होंगे ये बड़े बदलाव, जानें

These big changes will happen in Budget 2024 regarding dividends, mutual funds, pension insurance: ICRA एनालिटिक्स ने दी एक चेतावनी – आगामी अंतरिम केंद्रीय बजट में बदलाव की उम्मीद है, जो कारोबार, पेंशन, और इंश्योरेंस क्षेत्रों में हो सकते हैं. चुनावी साल में यह बजट आने वाला है, जिसे ICRA एनालिटिक्स ने ‘नई दिशा: 2025 का आर्थिक मार्गदर्शन’ कहा है.


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टैक्सेशन, पेंशन, और इंश्योरेंस में कोडित बदलावों का होना संभावना है, जो व्यापक अर्थशास्त्रीय परिचय को सुधारेंगे. बजट से संबंधित योजनाओं में म्यूचुअल फंड्स और बाजारों को बढ़ावा देने की भी उम्मीद है इस अंतरिम बजट को लेकर विमर्श में, चुनाव से पहले इसका प्रस्तुतीकरण होना यह निर्दिष्ट कर सकता है कि नई सरकार किस दिशा में जा रही है. इसमें सरकार की आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाने का एक मौका हो सकता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और विकास को बढ़ावा मिल सकता है।

टैक्सेशन में बदलाव: निवेशकों के लिए नए संभावनाओं का आगाज

आर्थिक विश्लेषण एजेंसी ICRA के अनुसार, आने वाले अंतरिम बजट में टैक्सेशन के क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है, जो निवेशकों के लिए नए संभावनाओं का संकेत हो सकता है ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों से बाजार में सिक्योरिटी ट्रांसजेक्शन टैक्स (STT) को हटाने की मांग थी. GST कलेक्शन में वृद्धि के साथ, इस मांग को फिर से बढ़ावा मिला है. इसके हटाए जाने से निवेशकों को घरेलू इक्विटी मार्केट्स में निवेश के लिए एक और उत्कृष्ट अवसर प्राप्त हो सकता है।

डिविडेंड पर दोहरे टैक्सेशन से मुक्ति:

एक और महत्वपूर्ण पहलू है डिविडेंड पर दोहरे टैक्सेशन से राहत. बहुलक्षी टैक्स के कारण कंपनियां अपने प्रॉफिट पर टैक्स देती हैं और इसके साथ ही सरकार शेयरहोल्डर्स के डिविडेंड पर भी टैक्स लगाती है. यदि सरकार इस दोहरे टैक्सेशन को कम करती है, तो निवेशकों को यहां निवेश करने के लिए एक आकर्षक विकल्प मिल सकता है इस तरह के बदलाव से आसानी से नए निवेशकों को बाजार में आने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।

पेंशन और इंश्योरेंस में बदलाव: निवेशकों के लिए नए होरिजन्स

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, सरकार अपनी प्रमुख योजना अटल पेंशन योजना (APY) के तहत असंगठित सेक्टर के श्रमिकों के लिए पेंशन सीमा में वृद्धि की संभावना बना रही है. इससे निवेशकों को एक सुरक्षित और लाभकारी पेंशन योजना की ओर मोड़ने का एक और मौका मिल सकता है.

NPS से एन्युटी को टैक्स फ्री स्टेटस:

वरिष्ठ नागरिक रिटायरमेंट के बाद एन्युटी पर ज्यादा निर्भर रहते हैं, इसलिए ICRA का कहना है कि सरकार NPS से एन्युटी को टैक्स-फ्री स्टेटस दे सकती है. यह नये रिटायरमेंट को एक और सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर सकता है और वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय स्वतंत्रता का अधिकार दे सकता है.

जीवन बीमा प्रीमियम के लिए टैक्स कटौती में बदलाव:

एजेंसी के अनुसार, जीवन बीमा प्रीमियम को धारा 80C के बजाय एक अलग टैक्स कटौती प्रावधान के साथ जोड़ना चाहिए. इससे निवेशकों को टैक्स मुक्ति का एक नया माध्यम मिल सकता है और जीवन बीमा में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उनके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाए रखने में मदद हो सकती है।

मार्केट्स में बदलाव: एक नए युग की दिशा

क्रिप्टोकरेंसी रेग्युलेशन की आवश्यकता: मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी के विकास के साथ, ICRA का कहना है कि एक व्यापक रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क की आवश्यकता है जो इस सेक्टर को और अधिक विकसित करने में मदद कर सकता है. इससे नए निवेशकों को आत्म-विश्वास मिलेगा और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

सॉवरेन ग्रीन बांड्स की वापसी: बाजट में सॉवरेन ग्रीन बांड्स के लिए मंच तैयारी का संकेत देखकर, एजेंसी ने इसे एक बड़े कदम के रूप में देखा है. ये बॉन्ड्स ग्रीन और सस्ते ऊर्जा सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और नई ऊर्जा तंतुओं के लिए आवश्यक फंडिंग को प्रोत्साहित कर सकते हैं

एनर्जी ट्रांजिशन फंड का निर्माण: ICRA की आशा है कि सरकार एक मेगा कैपिटल आउटले, एनर्जी ट्रांजिशन फंड की रचना करेगी जो नए युग के फ्यूल्स पर फोकस करेगा। इससे नई ऊर्जा तंतुओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सुस्त ऊर्जा स्रोतों की ओर से हमारे वातावरण को सुरक्षित बनाने का कारगर उपाय हो सकता है।

म्यूचुअल फंड्स और टैक्सेशन: सरकार की नई दिशा

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, सरकार को इक्विटी म्यूचुअल फंड और यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान के बीच टैक्सेशन में अंतर को विचार करने का मौका हो सकता है। इससे निवेशकों को विभिन्न विकल्पों के बीच सार्थक तुलना करने का सुझाव है, जिससे वे अपनी निवेश योजना को समझ सकते हैं।

इक्विटी फंड ऑफ फंड्स की महत्वपूर्ण भूमिका:

टैक्सेशन के लिए इक्विटी फंड ऑफ फंड को इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड के समान माना जा रहा है। यह समान होल्डिंग पीरियड शुरू करके कैपिटल गेन्स स्ट्रक्चर को सरल बना सकता है और निवेशकों को टैक्सेशन प्रक्रिया में सुधार का अनुभव करने में मदद कर सकता है। इस नई दिशा में, निवेशकों को टैक्स संबंधित लाभ और अवसरों के साथ समझौता करने का मौका मिल सकता है, जिससे वे अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर बढ़ सकते हैं।

Disclaimer: careermotto.in पोस्ट के माध्यम से लोगों में फाइनेंशियल एजुकेशन प्रोवाइड कराता है। म्‍यूचुअल फंड और शेयर मार्केट निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। हम सब SEBI से पंजीकृत वित्तीय सलाहकार नहीं हैं। आप अपने पैसे को निवेश करने के लिए स्वतंत्र है। कृपया अपनी समझदारी और सूझ बूझ के साथ ही निवेश करें। निवेश करने से पहले पंजीकृत एक्सपर्ट्स की राय जरूर लें।

careermotto

A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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