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adani share की वापसी,रिलायंस शेयर की तरह

भारत सहित विश्व भर के जितने भी शेयर मार्केट के जानकार हैं उन्हें सबको पता चल गया है कि adani share किस कारण गिर रहे हैं, सब को अगर पता नहीं है तो एक बार फिर बता देते हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के अनुसार अडानी के शेयर में भारी गिरावट आई है लेकिन ऐसा ही वाकया कुछ साल पहले धीरूभाई अंबानी के साथ भी हुआ था मतलब अडानी और धीरूभाई अंबानी सेम सिचुएशन पर खड़े हैं तो पहले तो जान देते हैं रिलायंस शेयर के मुख्य करता धीरूभाई अंबानी के बारे में उस समय क्या हुआ था।
adani share

adani share और  रिलायंस शेयर का आईपीओ

आप सबको पता है कि रिलायंस की स्थापना धीरूभाई अंबानी ने 1966 में की थी और आप इतना बड़ा साम्राज्य बना चुके हैं लेकिन उस दिन भी सेम सिचुएशन adani share की तरह रिलायंस की भी हो चुकी थी रिलायंस 1977 में धीरूभाई अंबानी ने जब अपनी कंपनी रिलायंस शेयर मार्केट में उतारने के लिए लाए थे तो उस समय वह आईपीओ रिलायंस का कुछ 1977 में ₹10 का रखा गया था लेकिन उस समय बता या  जाता है की धीरूभाई अंबानी ने भारत के कही क्षेत्र में जाकर अपने कंपनी का प्रचार किया था जिस प्रकार चुनाव से पहले एक नेता गाव शहर जाकर अपने पक्ष का प्रचार करता है उसी प्रकार धीरूभाई अंबानी ये काम उस समय रिलायंस आईपीओ लाने के लिया किया था और उसमे सफल भी हो चुके थे क्या की उस समय कुल 58 हजार लोगो ने रिलायंस आईपीओ में सदस्यता ग्रहण की थी।

आईपीओ की समानता

अभी शेयर मार्केट ऑनलाइन हो चुका है लेकिन कुछ साल पहले शेयर मार्केट ऑफलाइन था तो उसी रिलायंस के आईपीओ के शेयर लेने के लिए लंबी कतारें लगी  थी ऐसा ही आपने देखा होगा कि कुछ साल  पहले adani share के आईपीओ लेने के लिए ऑनलाइन में हो रहा था, जब रिलायंस ने ₹10 का आईपीओ रखा था तो लंबी कतार लगी थी और बड़े-बड़े लोग रिलायंस के शेयर लेने के लिए आए थे तो कुल मिलाकर दुनायाभर से  28 लाख लोगों ने ₹10 प्रति शेयर के हिसाब से शेयर खरीद लिए थे।

दोनों के शेयर में कमाल की तेजी

रिलायंस कंपनी का शेयर 1977 में 10 रुपये पर लिस्ट हो चुका था लेकिन उसके बाद साल 1978 में  रिलायंस शेयर प्राइस 5 गुना बढ़कर 50 रुपये हो गयी और जो निवेश करने वाले लोगो की मोटी कमाई कम समय में हो गई जिस प्रकार अब adani share  के आईपीओ आने बाद लोगो की सभी शेयर में  मोटी कमाई कम समय हो गयी है लेकिन उस समय भी रिलायंस शेयर में भी ऐसी ही बढ़ोतरी नजर आ रही थी 1980 आते आते शेयर 104 रुपये पार कर चुका था अब साल 1982 की वो 18 गुना मतलब 186 तक आ पहुंचा था जिसप्रकार हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से पहले अदानी के सभी शेयर भी उपर ट्रेंड कर रहे थे।

adani share और  रिलायंस शेयर भारी गिरावट की समानता

रिलायंस शेयर में भारी उछाल को देखते हुए कोलकाता के कुछ जो दलाल थे उन्हें यह बात अच्छी नहीं लगी वह रिलायंस की ऊंचाई से जलने लगे और उन्हें शॉर्ट selling से  कमाई कम होने के कारण वह शेयर में भारी गिरावट लाने के लिए कोशिश करने लगे उन्होंने जो शेयरधारक के जो दलाल हर क्षेत्र के  उनके उनके पास जाकर यह बात फैला दी कि रिलायंस के शेयर में दम नहीं है और धीरूभाई अंबानी अपने कंपनी की शेयर की गिरावट बचाने के लिए भारी मेहनत कर रहे है ऐसी फेक खबर बाजार में फैला दी जिसे कारण ये हुवा की लोग अपने शेयर बेचने लगे और रिलायंस कंपनी के शेयर में भारी गिरावट आने लगी।

रिलायंस शेयर को बचाने के लिए मास्टर प्लान 

उस समय जिस प्रकार रिलायंस शेयर की लगातार तेजी के कारण जो शॉर्ट सेल्लिंग करने वाले लोग है उन्हे नुकसान हो रहा था उसी प्रकार आज ये बताया जा रहा है की adani share की तेजी को देखकर जो दुनाया भर से जो शॉर्ट सेल्लिंग करने वाले लोग है वो जानबूझकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट बनाई है,तो यहा तक तो अदानी और रिलायंस कंपनी एक जैसे ही खड़े है पर उस समय रिलायंस शेयर को बचाने के लिए धीरूभाई अंबानी ने एक मास्टर प्लान बनाया।

1982 में 22 करोड़ की ख़रीदारी

1982 रिलायंस शेयर 186 रुपये से 121 रुपये तक उस कोलकाता के दलाल के कारण आ चुका था तो इसे धीरूभाई अंबानी अधिक परेशान हो गए पर धीरूभाई ने एक मास्टर प्लान बनाया अपने एक अमीर दोस्त से जिसका पूरा नाम तो अभी तक नहीं मालूम हुवा पर शाह ने उस समय भारत में किसी भी क्षेत्र जहा 100 रुपये से पूरा घर चलता था उस समय शाह ने कुल 22 करोड़ रुपये के रिलायंस के शेयर खरीद लिए जिसे कारण शेयर में 5 मिनिट में ही तेजी आने लगी साथ में धीरूभाई अंबानी ने शेयरधारक जो लोग है उनकी मुंबई के क्रिकेट ग्राउंड पर मीटिंग लेते हुए शेयरधारक को अपने कंपनी पर भरोसा रखने को कहा इन सब बातों का ये असर हो गया की रिलायंस के शेयर में तेजी नजर आई और तब से लेकर अब तक रिलायंस के शेयर के पीछे कोई लग नहीं पाया है।

adani share में भी करिश्मे की उम्मीद

जिस प्रकार धीरूभाई अंबानी ने अपने कंपनी के शेयर बचाने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया था और एक करिश्मा की तरह गिरते हुए शेयर की बचाया गया था तो भारत सहित अन्य दुनायाभर के जितने भी adani share धारक है उन्हे भी लगता है की गौतम अदानी भी धीरूभाई अंबानी की तरह ही कुछ तो करिश्मा जरूर कर पाएंगे।

FAQ

सवाल-धीरूभाई अंबानी के पिता का नाम

जवाब-धीरूभाई अंबानी के पिता का नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था।

सवाल-धीरूभाई अंबानी का जन्म कहां हुआ था

जवाब-धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1932 को चोरवाद गाव जो गुजरात के जूनागढ़ में स्थित है।

सवाल-धीरूभाई अंबानी पहले क्या करते थे क्या करते थे

जवाब-धीरूभाई अंबानी पहले 300 रूपये महिना पर एक पेट्रोल पम्प पर काम करते थे।

सवाल-गौतम अदानी कुल संपत्ति

जवाब- 10.34 लाख करोड़ रूपये इतनी गौतम अदानी कुल संपत्ति है

सवाल-अदानी कंपनी कहां है

जवाब- अदानी कंपनी का मुख्यालय मुम्बई में है लेकिन इसकी शुरवात गौतम अदानी ने अपने गुजरात से कंपनी अदानी इंटरप्राइजेज से 1988 को ही कर दी थी अब अदानी समूह की 6 मूल रूप से कंपनी है।

सवाल-अदानी पावर शेयर की कीमत क्यों गिर रही है

जवाब- हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2023 के बाद से अदानी के सभी शेयर में भारी गिरावट नजर आई है

सवाल-अदानी कंपनी का मालिक कौन है

जवाब--गौतम अदानी अदानी कंपनी के मालिक कौन है

निष्कर्ष- इतिहास गवा है की जभी कोई बड़ा संकट आता है तो इतिहास दोहराया जाता है तो ये अगर सच है तो adani share की वापसी रिलायंस शेयर की तरह होना तय है।

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A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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