Engineering

Engineer Kaise bane

Engineer kaise bane /How Become a Engineer in hindi- अगर आप इंजीनियर बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन आपको नही पता है कि इंजीनियर कैसे बनें तो आज की इस पोस्ट में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं कि आप कैसे इंजीनियर बन सकते हैं।

अभी आपके दिमाग मे इंजीनियरिंग को लेकर काफी सवाल आ रहे होंगे कि Engineering kya hai? Enguneering kaise kare। कंहा से इंजीनियरिंग कोर्स करना चाहिए और कंहा से नही करना चाहिए। Engineering के लिए बेस्ट कॉलेज कौन से हैं। इसमे एडमिशन कैसे मिलेगा। इन सभी के बारे में आपको डिटेल में जानने का मौका मिलेगा।

हम इस आर्टिकल में आपको ये भी बताएंगे कि इसमे कैरियर स्कोप क्या है। किस तरह से आप 10वीं या 12वीं के बाद में इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।

आज के समय मे जमाना हाईटेक हो चुका है। इसलिए पढ़ाई भी एडवांस लेवल की हो चुकी है। स्टूडेंडस तो उससे भी ज्यादा एडवांस हो चुके हैं। पहले का जमाना चला गया, जब आप किसी से पूंछते थे कि तुमको क्या बनना है, तो जबाब में आपको यही उत्तर मिलता था, कि अभी तो सोंचा ही नही। आज के जमाने मे अगर आप 8th के स्टूडेंडस से ही पूंछेगे कि तुमको क्या बनना है तो वे आपको तुरंत ही जबाब देते हैं कि मुझे इंजीनियर या डॉक्टर या एक्टर बनना है।

Secrets Tips

स्टूडेंडस पहले से ही अपने कैरियर की प्लानिंग करने लगते हैं कि उनको बड़े होकर क्या बनना है। उसी के अनुरूप पहले से ही तैयारी में डट जाते हैं। पिछले कुछ सालों से इंजीनियरिंग का स्कोप काफी तेजी से बढ़ा है। लोगों में इंजीनियर बनने का क्रेज इस कदर हावी था, कि आपको छोटे से-छोटे गांव और कस्बे में भी Engineering किया हुआ कैंडिडेट मिल जाएगा। इस फील्ड में आकर्षण का कारण ये भी है, कि इसमे कैरियर स्कोप काफी अच्छा है।

लेकिन उन्ही लोगों के लिए इसमे कैरियर स्कोप अच्छा है, जिनको इंजीनियरिंग का नॉलेज है। चलिये अब Engineer kaise bane इसके बारे में जान लेते हैं।

Engineer kaise bane

इंजीनियर बनने के लिए कैंडिडेट को पीसीएम ग्रुप यानिकि फिजिकिस, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से 12वीं पास होना चाहिए। इसके बाद आप BTech या BE जैसी इंजीनियरिंग की डिग्री करके इंजीनियर बनने का सपना साकार कर सकते हैं। हालांकि 10th के बाद में कैंडिडेट इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करके भी इंजीनियर बन सकते हैं।

Admission Process in Engineering (इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन कैसे मिलेगा)

इंजीनियरिंग के फील्ड में कैरियर बनने के लिए बीई या Btech या फिर डिप्लोमा जैसे कोर्स करने होते हैं। जिनमे कैंडिडेट्स को एंट्रेंस एग्जाम व डायरेक्ट मेरिट के आधार पर भी एडमिशन मिल जाता है। डायरेक्ट एडमिशन वही कॉलेज देते हैं, जिनकी क्वालिटी अच्छी नही होती है और जंहा पर स्टूडेंडस नही जाते हैं। हालांकि यंहा से भी कोर्स करके आप इंजीनियर बन सकते हैं।

लेकिन कोर्स के बाद जॉब मिलना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि ऐसे कॉलेजों में आपको वो नॉलेज और स्किल्स सीखने को नही मिल पाती हैं, जोकीं एक इंजीनियर के अंदर होनी चाहिए। आपने देखा भी होगा कि बहुत से लोग आजकल Engineering की डिग्री लिए घूम रहे हैं, लेकिन उनको कंही भी नौकरी नही मिल पाती है। इन लोगों को सिर्फ इसी वजह से नौकरी नही मिल पाती है, क्योंकि जिस टैलेंट की Engineering के फील्ड में जरूरत है, वो तो इनके पास है ही नही। सिर्फ डिग्री है।

मैं आपको बता दूं कि इस सेक्टर में डिग्री होने से कुछ नही होता है। आप अपने अंदर इंडस्ट्री से रीलेटेड स्किल्स को डेवलप करें। यंहा पर किताबी ज्ञान की जरूरत नही होती है। इस सेक्टर में प्रक्टिकल नॉलेज आपको काम दिलाता है। रटने के बजाय- करने और समझने पर भरोसा रखें।

अगर आप अच्छे कॉलेज जैसेकि आईआईटी, एनआइटी या अन्य गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन लेने की सोंच रहे हैं, तो इसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है। एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद में मेरिट के अनुसार काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन मिल पाता है।

इंडिया में इंजीनियरिंग के लिए सबसे उच्च कॉलेज आईआईटी कॉलेज होते है। इसके बाद दूसरे नंबर पर एनआईटी कॉलेज होते है। तीसरे नंबर पर अन्य गवर्नमेंट कॉलेज होते हैं। आपको इस तरह एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने है कि आईआई कॉलेज में एडमिशन मिल जाये। अगर आईआईटी में नही मिल पाता है तो एनआईटी कॉलेज में तो मिल ही जाए। अगर यंहा पर भी नही मिल पाए तो कम से कम किसी अच्छे अन्य गवर्नमेंट कॉलेज में तो मिल ही जाए।

Entrance Exam for Engineering Course (इंजीनियर बनने के लिए प्रवेश परीक्षा)

  • JEE Main
  • JEE Advance
  • UPESEAT
  • GUJCET
  • CUSAT
  • CUCET
  • IPU SET
  • AMU, आदि

जो स्टूडेंडस 10वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करना चाहते हैं, उनके लिए पॉलीटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम होता है। या अन्य यूनिवर्सिटी लेवल के एग्जाम के जरिये इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।

Engineering Course Duration (इंजीनियरिंग कोर्स की अवधि)

इंजीनियरिंग कोर्स में डिग्री कोर्स बीटेक होता है, इसकी ड्यूरेशन 4 साल होती है। जिसमे यह कोर्स 8 सेमेस्टर में डिवाइड होता है। इसके अलावा जो इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होते हैं, उनमें 6 सेमस्टर होते है और 3 साल का कोर्स होता है।

Engineering Course Fees

इंजीनियरिंग के बीटेक जैसे पॉपुलर कोर्स की फीस 2 लाख से 7 लाख के बीच मे होती है। कुछ प्राइवेट कॉलेज में इससे भी ज्यादा फीस हो सकती है। जो स्टूडेंडस ज्यादा फीस चुकाने में सक्षम नही हैं तो उनको बीटेक गवर्नमेंट संस्थानो से ही करना चाहिए। क्योंकि सरकारी संस्थानों में फीस बहुत ही कम होती है। दूसरी बात ये कि ये काफी अच्छे कॉलेज होते हैं। लेकिन इनमे आपको एडमिशन लेने के लिए मेहनत करनी होगी। यंहा पर डायरेक्ट एडमिशन नही मिलेगा।

इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स की फीस 70 हजार से लेकर 2.5 लाख तक होती है। अगर आप गवर्नमेंट संस्थान से डिप्लोमा कर रहे हैं तो कम फीस होगी और प्राइवेट कॉलेज में तो फीस काफी ज्यादा होती है।

Engineer ki Salary

इस फील्ड में सैलरी आपकी क्षमता के अनुसार मिलती है। अगर आपको अपनी इंजीनियरिंग की फील्ड का अच्छा नॉलेज है तो 1 से 2 लाख रुपये या इससे भी ज्यादा रुपये प्रतिमाह कमा सकते हैं। सैलरी इस बात और भी निर्भर करती है कि आपने किस तरह के कॉलेज से बीटेक किया है। अगर आपने आईआईटी जैसे अच्छे कॉलेज से बीटेक किया है तो आपकी सैलरी काफी अच्छी होगी। अगर एनआईटी से किया है तो कुछ कम होगी। अगर आपने साधारण कॉलेज से ही बीटेक किया है और आपको अपने फील्ड का अच्छा नॉलेज है तो आपको शुरुआती समय मे 15 से 20 हजार की सैलरी मिल जाती है। जोकीं अनुभव के साथ- साथ बढ़ती रहती है।

Popular Branch of Engineering (इंजीनियरिंग की पॉपुलर ब्रांच)

  • B Tech in Data Science
  • B Tech in Cyber Security
  • B Tech in Computer Science
  • B Tech in INformation Technology
  • B Tech in Petroleum Engineering
  • B Tech in Automobile Engineering
  • B Tech in Robotics Engineering
  • B Tech in Electronics and Communication Engineering
  • B Tech in Telecommunication Engineering
  • BTech in Civil ENgineering
  • B Tech in Aerospace Engineering
  • B Tech in Electrical and Electronics Engineering
  • B Tech in Marine Engineering
  • B Tech in Aeronautical Engineering
  • BTech in Machenical Engineering
  • B Tech in Food Technology
  • B Tech in Printing Technology
  • B Tech in Biomedical Engineering
  • B Tech in Nanotechnology
  • B Tech in Genetic Enguneering
  • B Tech in Dairy Technology
Best Engineering College in India

आईआईटी दिल्ली

आईआईटी रुड़की

आईआईटी चेन्नई

आईआईटी मुम्बई, अन्य सभी आईआईटी कालेज

एनआईटी राउरकेला

एनआईटी, कर्नाटक

एनआइटी त्रिचय

एनआइटी नागपुर

सभी अन्य एनआईटी कॉलेज

दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी

बिट्स पिलानी

सत्यभामा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, आदि

Engineering से संबंधित पूंछे जाने वाले प्रश्न

इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और इंजीनियरिंग डिग्री में क्या अंतर होता है?

डिप्लोमा कोर्स की ड्यूरेशन दो से तीन साल होती है। अगर आप 12th के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा कर रहे हैं तो ये 2 साल का होगा और 10th के बाद 3 साल का होगा। डिप्लोमा की फीस कम होती है और डिग्री की फीस ज्यादा होती है। डिप्लोमा करने के बाद आपको लोअर पोजीशन की इंजीनियरिंग के फील्ड में जॉब मिलती है और डिग्री करने के बाद सीनियर पोजीशन की भी जॉब आफर हो सकती है।

Computer science Engineer kaise bane?

अगर आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपको BTech in Computer science या Btech in IT जैसे कोर्स करके कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बन सकते हैं। कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर, एप डेवलपर, वेब डिज़ाइनर, डेटा साइंटिस्ट जैसे बेहतरीन जॉब पोजीशन पर जॉब कर सकते हैं।

Engineering किस ब्रांच से करना ज्यादा बेहतर होगा

फिलहाल इंजीनियरिंग की कोई ब्रांच बेकार नही है। बस आपको किसमे ज्यादा इंटरेस्ट है। क्योंकि जिस काम मे हमारा इंटरेस्ट होता है, तो वो काम हमे बहुत ही आसान लगता है और इसी वजह से उसमे सफलता के चांस भी बढ़ जाते हैं। आपको इंजीनियरिंग के जिस भी फील्ड में जाना हो, उसी में बीटेक या डिप्लोमा कोर्स करें।

मोस्ट पॉपुलर इंजीनियरिंग की ब्रांच कौन सी हैं?

कंप्यूटर साइंस

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी

एरोस्पेस इंजीनियरिंग

मरीन इंजीनियरिंग

टेलीकॉम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

रोबोटिक इंजीनियरिंग

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

एथिकल हैकिंग

सिविल

ऑटोमोबाइल

Engineering Course 12th के बाद करें या 10th के बाद

अनेक स्टूडेंडस का ये सवाल रहता है कि इंजीनियरिंग course 10th के बाद करें या 12वीं के बाद। ये आपकी परिस्थिति और इंटरेस्ट पर डिपेंड करता है कि आप कब Engineering कोर्स करना चाहते हैं। क्योंकि कुछ स्टूडेंडस ऐसे होते हैं कि उनके पास ज्यादा टाइम नही होता है, तो वे जल्द से जल्द कोई भी इंजीनियरिंग कोर्स करके जॉब करना चाहते हैं। वंही कुछ स्टूडेंडस के पास काफी लंबा वक्त होता है, तो चाहे वो बीटेक और एमटेक जैसी इंजीनियरिंग डिग्री भी कर सकते हैं।

फिलहाल अगर आप 12th के बाद Engineering कोर्स करते हैं, तो ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि 10th पास करने के बाद तुरंत आप इतने ज्यादा मेंटली और स्किल में इतने ज्यादा स्ट्रांग नही होते है, जोकीं एक इंजीनियर को होना चाहिए। इस वजह से आपको जॉब मिलने में भी दिक्कत हो सकती है।

रोबोटिक इंजीनियरिंग क्या है और कैसे बनें?

रोबोटिक इंजीनियरिंग में रोबोट का निर्माण, डिजाइनिंग और संचालन इन सभी तकनीक पर कार्य किया जाता है। रोबोट के संचालन के लिए कंप्यूटरीकृत तकनीक के साथ सेंसर और इन्फॉर्मेशन प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय मे रोबोटिक साइंस तो काफी विकसित इंजीनियरिंग की साखा बन चुकी है। अनेक कार्य रोबोट कक मदद से बहुत ही आसानी से किये जाते हैं, जोकीं मनुष्य के लिए तो बहुत ही मुश्किल होते हैं। चिकितीस्य कार्य, बिजनेस, युद्ध के मैदान, रिसर्च अन्य और भी बहुत सी फील्ड में रोबोटिक साइंस का बहुत बड़ा योगदान हैं।

रोबोटिक इंजीनियरिंग की शुरुआत तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की एक उप शाखा के रूप में हुई थी। लेकिन अब यह बहुत ही उन्नत शाखा बन चुकी है। इसमे मशीन ऑटोमेशन के जरिये कार्य करती हैं। रोबोट की मदद से जोखिम भरे कार्य इंसान कक बाजय रोबोट से कराए जाते हैं। चलिये अब जाना लेते हैं कि Robotics Engineer kaise bane

रोबोटिक इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले कैंडिडेट पीसीएम ग्रुप से 12th पास करे। इसके बाद रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करके रोबोटिक इंजीनियर बन सकते हैं।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कैरियर स्कोप क्या है?

मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की सबसे पुरानी ब्रांच में से एक है। इसमे मशीनों के निर्माण और डिज़ाइन से संबंधित कार्य होता है। शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र न हो, जिसमे कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल न होता है। जितनी भी मशीनों का निर्माण होता है, उसमे मैकेनिकल इंजीनियर की अहम भूमिका होती है। चाहे वो, बाइक, बस, ट्रक, रोबोट, हवाई जहाज हों, सभी मशीनों को मैकेनिकल इंजीनियर ही बनाते हैं। इसलिए इस फील्ड में जॉब के अवसर भी काफी ज्यादा होते हैं।

मैकेनिकल engineering में डिग्री या डिप्लोमा करने के बाद आप एरोस्पेस इंजीनियर, मोटर वाहन इंजीनियर, यांत्रिक इंजीनियर, परमाणु इंजीनियर, मेंटीनेंस इंजीनियर आदि पदों पर जॉब करने का मौका पा सकता हैं।

उम्मीद है कि Engineer kaise bane हमारी ये पोस्ट आपको पसन्द आयी होगी। क्योंकि इस पोस्ट में मैंने Engineering Course और Engineering Career से जुड़ी हर जानकारी दी है। फिर भी आपके अगर कोई सवाल हैं तो आप कमेंट के माध्यम से पूँछ सकते हैं.

careermotto

A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

Related Articles

Back to top button