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Plastic Engineering Me Career Kaise banaye

Career in Plastic Engineering- क्या आप प्लास्टिक इंजीनियरिंग में कैरियर बनाना चाहते हैं। क्या आप Plastic Engineer kaise bane इसके बारे में जानकारी चाहते हैं। इस पोस्ट में हम आपको डिटेल में बताएंगे कि Plastic Engineering Me Career kaise banaye और इसके लिए आवश्यक योग्यता क्या है, इस सेक्टर में Job के क्या चांस हैं और Career Scope क्या है। इन सभी के बारे में हम बिल्कुल सटीक इन्फॉर्मेशन देंगे।

Plastic Engineering Me Career kaise banaye

आज के समय मे हर घर मे प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। ऐसा कोई घर नही है, जिस घर मे प्लास्टिक की विभिन्न बस्तुएं यूज न होती हों। इसकी खास बात इसकी कीमत काफी कम होती है और काफी टिकाऊ होती है। अब आम आदमी से लेकर उद्योग क्षेत्र तक मे निम्न आवश्यकता की पूर्ति Plastic ही करती है। 

स्टील के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली वस्तु है, तो वो प्लास्टिक ही है। लकड़ी, कांच, पेपर, रबड़ आदि की जगह पर Plastic का सर्वाधिक प्रयोग हो रहा है। भारत मे प्लास्टिक इंडस्ट्री की ग्रोथ को देखते हुए Plastic Technology या Plastic Engineering में कैरियर बनाना काफी फायदेमंद होगा।

इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए स्टूडेंट्स 12 वीं पीसीएम ग्रुप से पास हो। इसके बाद Plastic Technology में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स किये जा सकते हैं। ग्रेजुएशन लेवल पर इसमें बीईई  या B Tech in Plastic Technology के बाद आप विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं। अगर आप इसमें या इससे संबंधित क्षेत्रों में M Tech करना चाहते हैं तो आप प्लास्टिक टेक्नोलॉजी, Chemical Engineering, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी या फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग, प्लास्टिक इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक होना जरूरी है।
अगर किसी स्टूडेंट ने MSc केमिस्ट्री या फिजिक्स से किया है, तो वो भी M Tech in Plastic Technology course कर सकते हैं।

ज्यादातर अच्छे कॉलेज में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम पास करने पर ही मिलता है। वंही कुछ कॉलेज डायरेक्ट भी दाखिल दे देते हैं। गवर्नमेंट कॉलेज में फीस काफी कम होती है। वंही प्राइवेट कॉलेज से इस कोर्स के लिए आपकी जेब ढीली हो सकती है। इसकी फीस 50 हजार से 1.5 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। फीस स्ट्रक्चर हर कॉलेज का अलग- अलग उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार होता है।

Career Scope in Plastic Engineering

आज के समय मे प्लास्टिक बुनियादी जरूरत बन चुकी है। इसलिए सरकार भी Plastic Industry को प्रमोट कर रही है। इसी कारण लगभग 15% से भी ज्यादा बार्षिक बृद्धि हो रही है। इसका प्रमुख कारण हर जगह पर प्लास्टिक का प्रयोग है। इसी वजह से इस फील्ड में रोजगार की भरपूर संभावनाएं हैं।

प्लस्टिक का उपयोग छोटी- मोटी चीजें जैसे पॉलिथीन से लेकर जहाजों के निर्माण तक मे इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है। मोबाइल, रेडियो, टीवी, एयरक्राफ्ट मैटेरियल, घरेलू वर्तन, मेडिकल उपकरण, विभिन्न सर्जिकल उपकरण आदि जगहों पर प्लास्टिक का ही इस्तेमाल होता है। कुल मिलाकर आज प्लास्टिक हर जगह इस्तेमाल की जाने वाली बस्तु बन चुकी है। इसलिए इस सेक्टर में एक्सपर्ट लोगों की डिमांड भी बढ़ रही है।

इस काम के लिए निपुण प्लास्टिक इंजीनियरिंग (Plastics Engineering), प्लास्टिक मोल्ड डिजाइन आदि के प्रशिक्षितों की आवश्यकता पडती है। प्लास्टिक इंडस्ट्री से संबंधित मैनेजमेंट और मार्केटिंग के क्षेत्र में भी उन लोगों को ही प्राथमिकता दी जाती है, जो निर्धारित शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ प्लास्टिक टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानकारी रखते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इसमें अनेक तरह के अवसर हैं।

इस कोर्स के बाद स्टूडेंट्स ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, मेडिकल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री, थर्मल प्लांट, घरेलू उपकरण बनाने बाली इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री, पैकेजिंग इंडस्ट्री, टेलीकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रीसिटी, एविएशन एंड शिपिंग इंडस्ट्री, आयल एंड नेचुरल गैस फर्म्स, रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में जॉब कर सकते हैं। इस कोर्स के बाद गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनो सेक्टरों में जॉब करने का अवसर मिल सकता है।

Job Profile in Plastic Engineering

इस क्षेत्र में आप निम्न जॉब प्रोफ़ाइल पर जॉब करने का अवसर पा सकते हैं। जैसेकि-
क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर
डिज़ाइन स्पेशलिस्ट
प्लांट मैनेजर
प्लांट सुपरवाइजर
मार्केटर

Plastic Engineer के कार्य

प्लास्टिक इंजीनियर प्लस्टिक से विभिन्न बस्तुओं के research, डिज़ाइन, डेवलोपमेन्ट और मैन्यूफैक्चरिंग का कार्य करते हैं। इसके लिए उनको काफी लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है। प्लास्टिक इंडस्ट्री का काम तीन स्टेप में होता है। जिसमे प्रोडक्शन, मैनेजमेंट और मार्केटिंग हैं। प्रोडक्शन डिपार्टमेंट के अंतर्गत रा मटेरियल से बस्तुएं डिज़ाइन और डेवेलोप करने का काम किया जाता है। इसका अंतिम चरण मार्केटिंग हैं, जिसमे तैयार की प्लास्टिक की सामग्री को बाजार में बेचना होता है। 

आपको बता दें कि प्लास्टिक पॉलीमेटिक सामग्री होता है। जिसको रासायनिक क्रियाओं के द्वारा किसी भी आकर, रंग और रूप में ढाला जा सकता है। इसकी आयु काफी लंबी होती है।

Plastic Engineering Course

डिप्लोमा इन प्लास्टिक इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन प्लास्टिक एंड मॉड्यूल डिज़ाइन
डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन पॉलीमर एंड प्लास्टिक इंजिनीरिंग
डिप्लोमा इन प्लास्टिक एंड माउल्ड टेक्नोलॉजी
बीटेक इन प्लास्टिक इंजिनीरिंग
बीई इन प्लास्टिक इंजिनीरिंग
एमटेक इन प्लास्टिक इंजिनीरिंग
पीजी डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग

Best College for Plastic Engineering

आईआईटी, मुम्बई
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजिनीरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब
प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, लखनऊ
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक एण्ड इंजिनीरिंग टेक्नोलॉजी, चेन्नई
लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद
निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुजरात
विभिन्न गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज

careermotto

A self-motivated and hard-working individual, I am currently engaged in the field of digital marketing to pursue my passion of writing and strategising. I have been awarded an MSc in Marketing and Strategy with Distinction by the University of Warwick with a special focus in Mobile Marketing. On the other hand, I have earned my undergraduate degrees in Liberal Education and Business Administration from FLAME University with a specialisation in Marketing and Psychology.

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