Space Scientist kaise bane। Space Science Career- Details
Career in space Science – क्या आप स्पेस साइंस में कैरियर बनाना चाहते हैं, या Space Scientist kaise bane इसके बारे में जानकारी पाना चाहते हैं। अगर आपको स्पेस साइंस में कैरियर बनाना है, तो ये पोस्ट आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। क्योंकि इस पोस्ट में हम Space Science course के बारे में डिटेल में बताएंगे। ये आर्टिकल उन लोगो के लिए काफी फायदेमंद है जो स्पेस Scientist kaise bane इसके बारे में बिस्तार से जानना चाहते हैं। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको Space Science Career से संबंधित पूरी इन्फॉर्मेशन मिल जाएगी।
Space Scientist kaise Bane
स्पेस साइंस में कैरियर बनाने के लिए आपको Space Science में बीटेक या बीएससी इन स्पेस साइंस कोर्स करने की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद ही आप Space Scientist के तौर पर इस फील्ड में कैरियर बना सकते हैं। स्पेस कोर्स के लिए स्टूडेंट्स को पीसीएम सब्जेक्ट से 12वीं पास होना जरूरी होता है। साइंस में अच्छी पकड़ होनीं चाहिए, खासकर भौतिक विज्ञान में।
Career in Space Science as a Space Scientist
स्पेस साइंस एक आकर्षक और चुनौती से भरा फील्ड है। Space Science में आज के समय मे बेहतरीन कैरियर बनाने के मौके उपलब्ध हैं। Space Science Course करने के बाद जॉब के लिए इधर- उधर ज्याद भटकना नही पड़ता है। इतना भी आसान मत समझ लीजिए कि कैसे भी कोर्स कंपलीट कर लिया तो इस सेक्टर में जॉब मिल ही जाएगी। ये सेक्टर उन्ही लोंगो के लिए है, जिनकी Space science के बारे में रुचि है। इसके लिए आपको कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई करनी होंगी। अगर आप टैलेंटेड हैं, तो आपके लिए इस सेक्टर में जॉब की कमी नही। Space Science Professional इसरो, नासा, डीआरडीओ में कैरियर की तलाश कर सकते हैं। इसके अलावा हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड, नेशनल एरोनॉटिकल लेबोरेटरी आदि में काम करने का मौका मिलता है।
इसके साथ ही आप स्पेस टूरिज्म, स्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, स्पेसक्राफ्ट सॉफ्टवेयर डेवलपिंग सेंटर में आकर्षक कैरियर के विकल्प मिलते हैं। स्पेस साइंस के सेक्टर में स्पेस रिसर्च एजेंसी, साइंस म्यूजियम एवं प्लैनेटेरियम में भी अनेक वैकेंसी निकलती रहती हैं, इसके अतिरिक्त टीचिंग के क्षेत्र में भी Space Scientist की भारी मांग रहती है। स्पेस साइंस के सेक्टर में रोजगार के लिए जानी, मानी कंपनी इसरो व नासा हैं। हर Space Science professional की इनमें साइंटिस्ट के तौर पर काम करने की लालसा रहती है।
Career Option in Space Science
स्पेस साइंस काफी चुनौतीपूर्ण कैरियर माना जाता है। इसके साथ इसमे कैरियर के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। आप Space Science फील्ड में निम्न पदों पर काम करने का मौका पा सकते हैं।
- एस्ट्रोनॉमर
- स्पेस साइंटिस्ट
- एस्ट्रोफिजिसिस्ट
- जियोलॉजिस्ट
- मैटीरियोलॉजिस्ट
- सेटेलाइट टेक्निशियन
- रडार टेक्निशियन
- रोबोटिक टेक्निशियन
- क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट
सैलेरी in Space Science
स्पेस साइंस प्रोफेशन में सैलेरी काफी अच्छी मिलती है। लेकिन आपकी इस इंडस्ट्री से रीलेटेड अच्छी जानकारी हो। इस सेक्टर में शुरआत में 30 से 35 हजार रुपये प्रतिमाह मिल जाते। तीन से चार साल का अनुभव होने के बाद 40 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह मिलने लगते हैं। इसमे रिसर्च फील्ड में स्पेस स्पेशलिस्ट लाखो रुपये प्रतिमाह सैलेरी पाते हैं। देश के अलावा विदेश में भी इसमे रोजगार के अवसर मिलते हैं।
Space Science kya hai
एस्ट्रोनॉमी- स्पेस साइंस की इस ब्रांच में सूर्य, तारे, चंद्रमा, ग्रह आदि का अध्यन किया जाता है। इसमे मुख्य रूप से एस्ट्रोनॉमी पर फोकस किया जाता है।
स्टेलर साइंस- इसके अंतर्गत ये अध्यन किया जाता है कि किस तरह सौर मंडल के सभी तारे एक विशेष पैरामीटर के तहत व्यवस्थित होते हैं।
एस्ट्रोफिजिक्स- इस शाखा में भौतिक व रासायनिक नियमो के आधार पर तारों के जन्म-मृत्यु व जीवन, ग्रह, आकाश गंगा एवं सौर मंडल के अन्य तत्वों का अध्ययन किया जाता है।
कॉस्मॉलजी- इसमे ब्रह्मांड के बारे में अध्धयन किया जाता है। जिसमे ब्रह्मण्ड की उत्पत्ति से विस्तार तक कि पूरी प्रक्रिया शामिल है।
Qualification For Space Science Course
स्पेस साइंस में बैचलर डिग्री से पीएचडी लेवल तक के कोर्स उपलब्ध हैं। इसमे बैचलर डिग्री में प्रवेश के लिए 12वीं पीसीएम से पास होना आवश्यक हैं। इसमे एडमिशन के लिए आल इंडिया लेवल पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। अगर आप इस परीक्षा को पास कर लेते हैं, तभी प्रवेश मिलता है। मास्टर डिग्री में प्रवेश के लिए बीएससी इन स्पेस साइंस या बीटेक इन स्पेस साइंस होना जरूरी है। पीएचडी के लिए मास्टर इन स्पेस साइंस होना चाहिए। इसके अंतर्गत आप एस्ट्रोनॉमी, स्टेलर साइंस, एस्ट्रोफिजिक्स, कॉस्मोलॉजी में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।
Skills For Space Science Sector
स्पेस साइंस में कैरियर बनाने के लिये फिजिक्स पर अच्छी पकड़ होना चाहिए। इंजीनियरिंग की बेसिक समझ के साथ कंप्यूटर की बेसिक जानकारी होना आवश्यक है। प्रेजेंटेशन, रीडिंग, राइटिंग स्किल्स, कंम्यूनकेशन स्किल्स, हार्डवर्किंग, जानने की इच्छा, रिसर्च आदि में रुचि होना आवश्यक है।
स्पेस साइंस के प्रयोग-
आज के समय मे स्पेस साइंस की तकनीक बहुत ज्यादा विकसित हो चुकी है। सैटेलाइट तकनीक की सहायता से मौसम की सटीक जानकारी पाना आसान हो पाया है। ग्रह, उपग्रह, वायुमंडल, पृथ्वी की हलचल आदि के बारे में जानकारी पाना स्पेस साइंस की ही देन है। स्पेस साइंस की बदौलत से ही साइंटिस्ट पल- पल अंतरिक्ष संबंधित जानकारी से अवगत होते हैं। आज पृथ्वी से दूसरे ग्रहों पर जाना, दूसरे ग्रहों की जानकारी एकत्र करना, अंतरिक्ष मे उपग्रह स्थापित करना आदि संभव हो पाया है।
आज भारत स्पेस साइंस में ग्रोथ कर शीर्ष देशों में शामिल हो गया है। वर्तमान में सरकार भी स्पेस साइंस के अध्यन और रिसर्च में काफी ज्यादा खर्च कर रही हैं। मून मिशन, मंगल मिशन, चंद्रयान 2 मिशन के बाद अब 2030 तक अंतरिक्ष मे स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है। भारत की सैटेलाइट क्षमता को आज विश्व के सभी देश मान चुके हैं।
Course For Space Science
बीटेक इन स्पेस साइंस
बीई इन स्पेस साइंस
बीएससी इन स्पेस साइंस
एमटेक इन स्पेस साइंस
एमएससी इन स्पेस साइंस
एमई इन स्पेस साइंस
पीएचडी इन स्पेस साइंस
Best College for Space Science Course
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस, तिरुवनंतपुरम
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंग्लुरू
टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई
नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर
आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीटय़ूट ऑफ ऑब्जरवेशनल साइंसेज, नैनीताल
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर
इसरो सैटेलाइट सेंटर
नेशनल रिमोर्ट सेंसिंग एजेंसी
स्पेस एप्लिकेशनस सेंटर
फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी